यंग GF सेक्स कहानी मेरे भाई की कमसिन गर्लफ्रेंड की जोरदार चुदाई की है. हमने ताश के खेल में उसे नंगी कर लिया फिर सबने नंगे होकर सेक्स किया.
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कहानी के पिछले भाग
में आपने पढ़ा कि मैं, मेरा भाई, उसकी गर्लफ्रेंड, अपने पड़ोसी तपिश और निधि के घर लंच के बहाने गए.
वहां पर लंच के बाद हम ताश का खेल खेलने लगे.
अब आगे यंग GF सेक्स कहानी:
अब असली खेल शुरु होता है।
तपिश ने कार्ड बांटना शुरु किया, एक एक कार्ड हम चारों को दिया और एक कार्ड खुद लिया।
अब उसने सबको शो करने के लिये कहा।
निधि का कार्ड सबसे बड़ा था और मेरा सबसे छोटा कार्ड था।
तो निधि जीत गई और मैं हार गई।
निधि ने कहा- अब मैं जो कहूँगी वो तुम्हें करना पड़ेगा।
मैंने कहा- ठीक है।
निधि ने कहा- तुम यश के होंठ पर एक फ्रेंच किस करो।
नेहा बोली- ये क्या बात हुई?
तपिश ने कहा- ये बड़ों के खेल हैं. इसलिये मैंने कहा था तुम बच्ची हो और तुम कह रही थी तुमने सुहागरात मनाई है। अगर तुम्हें जाना है तो तुम जा सकती हो। आखिर बच्ची ही हो।
नेहा ने कहा- मैं बच्ची नहीं हूं और मैं पूरा खेल खेलकर जाऊँगी। चाहे कुछ हो जाये।
मैं उठी और यश के पास जाकर उसे फ्रेंच किस करने लगी।
यश भी मुंह खोलकर मेरी जीभ चूसने लगा और अपने हाथ से मेरे चूतड़ सहलाने लगा।
मैंने कोई माइंड नहीं किया।
करीब पांच मिनट बाद मैं उसे छोड़कर अपनी जगह आकर बैठ गई।
अब कार्ड निधि ने बांटे। अब यश का कार्ड सबसे बड़ा था और निधि का सबसे छोटा।
तब यश ने निधि से कहा- यार निधि, ये गाउन तुम पर सूट नहीं कर रहा, इसे उतार दो।
नेहा ने यश को देखा और कहा- ये क्या है?
यश ने अनसुना कर दिया।
निधि ने खड़े होकर गाउन उतार दिया।
वो छोटी सी ब्रा और पैन्टी में थी।
अब यश ने कार्ड बांटे।
फिर से यश का सबसे बड़ा कार्ड आया और मेरा सबसे छोटा।
यश ने कहा- दीदी आप निधि की ब्रा उतारो और उसके निप्पल चूसो।
मैं उठी और निधि की ब्रा उतारी और उसका एक निप्पल चूसने लगी।
निधि ने आँखें बंद कर ली।
फिर मैंने उसका दूसरा निप्पल भी चूसा और मैं अपनी जगह पर आकर बैठ गई।
अब यश ने फिर कार्ड बांटे और इस बार तपिश का सबसे बड़ा कार्ड आया और यश का सबसे छोटा।
तपिश हंसने लगा और कहा- अब मैं निधि का बदला लूंगा।
उसने यश को कहा- चल अपनी शॉर्ट्स उतार और अपना लंड नेहा के मुंह में दे।
नेहा ने कहा- मैं क्यों लूँ इसका मुंह में?
तपिश ने कहा- क्यों सुहागरात इसके साथ नहीं मनाई।
तब वो चुप हो गई।
अब यश ने अपनी शॉर्ट्स निकाली और खड़ा हो गया।
उसका लंड आधा खड़ा था।
वो नेहा के पास गया और नेहा के मुंह में लंड देने लगा।
नेहा ने नखरे दिखाते हुये उसका लंड मुंह में ले लिया।
यश का लोड़ा पूरा खड़ा हो गया।
अब यश ने अपना लंड नेहा के मुंह से निकाला और अपनी जगह बैठ गया।
इस बार तपिश ने कार्ड बांटे और पहली बार मेरा कार्ड सबसे बड़ा आया और नेहा का सबसे छोटा।
मैंने नेहा से कहा- तुम और तपिश बहुत लड़ते हो। चलो तुम्हारा पैच कराती हूं।
तब मैंने नेहा को कहा- चलो तुम तपिश को फ्रेंच किस करो वो भी दस मिनट तक!
नेहा ने कहा- मैं नहीं करूंगी।
तपिश बोला- अरे छोड़ यार इसे फ्रेंच किस आती ही नहीं होगी।
तब नेहा अपनी जगह से उठी और तपिश का सिर पकड़कर उसके होंठों पर फ्रेंच किस शुरु कर दी।
तपिश ने भी मुंह खोल दिया और दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। तपिश नेहा की पूरी बॉडी मेहसूस कर रहा था। वो नेहा के चूतड़ दबा रहा था और नेहा कोई माइंड नहीं कर रही थी।
दस मिनट बाद दोनों अलग हुए और नेहा अपनी जगह आकर बैठ गई।
मैंने उनसे पूछा- कैसा लगा?
तपिश ने कहा- अच्छा था।
इसपर मैंने कहा- अब लड़ाई खत्म!
नेहा बोली- मैं कहां लड़ रही थी?
और वो शर्मा गई।
मैंने सोचा अब लड़की फंस गई है।
अब मैंने कार्ड बांटे और इस बार निधि का बड़ा कार्ड आया और तपिश का छोटा।
निधि बोली- अब फेवर रिटर्न करने का टाईम है। और देखते हैं नेहा इसे कैसे लेती है।
तब निधि ने तपिश को कहा- तुम नेहा को फ्रेंच किस करो और साथ में उसके दूध भी दबाने हैं।
इस बार नेहा ने कुछ नहीं बोला।
तपिश नेहा के पास गया और उसके होंठों पर फ्रेंच किस करने लगा।
नेहा भी मुंह खोलकर मजा ले रही थी।
तपिश ने उसके दूध दबाने शुरु कर दिये।
नेहा ने कुछ नहीं कहा।
थोड़ी देर में तपिश ने उसे छोड़ दिया और अपनी जगह बैठ गया।
निधि ने अपने होंठों पर जीभ फेरी।
मुझे समझ आ गया वो गर्म हो रही है।
अब निधि ने कार्ड बांटे और तपिश का बड़ा कार्ड था और मेरा सबसे छोटा।
तपिश ने मुझे कहा- कि अपनी टीशर्ट और स्कर्ट उतारो और नेहा को गोद में लिटाकर अपना दूध पिलाओ।
मैंने नेहा की तरफ देखा तो उसने अपने होंठ पर जीभ घुमा दी।
खड़ी होकर मैंने अपनी टीशर्ट और स्कर्ट निकाल दी और बैठकर नेहा को गोद में ले लिया।
निधि ने पीछे से आकर मेरी ब्रा खोल दी ताकि मेरे दूध आजाद हो जायें।
अब मैं सिर्फ पैन्टी में थी।
नेहा ने मेरा एक निप्पल मुंह में लिया और चूसने लगी।
फिर थोड़ी देर में दूसरा निप्पल मुंह में लेकर चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद वो उठी और अपनी जगह बैठ गई।
मेरे दोनों निप्पल पूरी तरह खड़े थे।
अब तपिश ने कार्ड बांटे।
यश का सबसे बड़ा और नेहा का सबसे छोटा कार्ड आया।
मैंने यश को इशारा किया।
तब यश ने नेहा को कहा- तुम अपनी मिडी उतारो और निधि की चूत चाटो।
नेहा खड़ी हुई और अपनी मिडी उतार दी।
उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी और पैन्टी भी एक छोटी सी त्रिकोण थी और साइड में डोरी थी।
वो निधि के पास गयी और निधि को धक्का देकर लिटा दिया।
नेहा ने निधि की पैन्टी खींच दी और अपना मुँह निधि की चूत पर लगा दिया और उसे चाटने लगी।
वो घुटनों के बल बैठी थी तो उसके झुकने से उसके चूतड़ ऊपर उठ गये।
मैंने तपिश को इशारा किया और वो नेहा के पीछे आ गया. उसने नेहा की पैन्टी की डोरी खोल दी और नेहा की पैन्टी हटा दी।
उसने पीछे से नेहा की गांड के छेद पर जीभ लगाई।
तब नेहा को झटका लगा पर उसने कुछ नहीं बोला।
अब हम सब कार्ड के खेल को भूलकर असली खेल में लग गये।
मैंने यश को इशारा किया, उसने अपने कपड़े उतार दिए और मैंने भी अपनी पैन्टी निकाल दी।
यश ने निधि के पास जाकर उसके मुंह में अपना लोड़ा दे दिया।
मैं भी तपिश के पीछे आई और उसकी शॉर्ट्स नीचे कर दी।
मैंने देखा तपिश का लोड़ा अभी आधा खड़ा था। मैंने तपिश का लोड़ा पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी।
उधर तपिश ने नेहा की चूत चाटना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में नेहा चिल्लायी- मैं मर गई, मैं गई!
और उसने अपना सारा पानी तपिश के मुंह में छोड़ दिया।
तपिश ने सारा पानी पी लिया और उसकी चूत चाटने लगा।
नेहा सीधी होकर घुटने के बल बैठ गयी।
अब यश ने अपना लोड़ा निधि के मुंह से निकाला और निधि के दोनों तरफ पैर करके खड़ा हो गया और उसने सीधा अपने वीर्य की पिचकारी नेहा के मुंह पर मारी।
नेहा का पूरा मुंह यश के सफेद वीर्य से भर गया।
तब निधि उठी और नेहा का मुंह चाटने लगी।
मैं भी नेहा का मुँह चाटने लगी और यश का सारा वीर्य चाट लिया।
हम दोनों ने नेहा को किस करना शुरु किया और उसका मुंह खोलकर सारा वीर्य नेहा के मुंह में थूक दिया और नेहा उसे मजे लेकर खा गई।
तपिश ने नेहा को सीधा जमीन पर लिटा दिया और उसके चूची दबाने लगा। वो कभी उसके निप्पल खींचता और कभी उसकी चूची पर चांटा मारता।
मैं भी अपनी चूत खोलकर नेहा के मुंह पर बैठ गई।
तपिश ने नेहा के दोनों पैर ऊपर की और उठाए और उसकी खुली चूत में एकदम से अपना लोड़ा घुसा दिया।
नेहा चिल्लाई- हाय मार डाला, मेरी चूत फाड़ दी।
मैं उसके मुंह पर बैठती हुई बोली- बहन की लोड़ी अभी फाड़ी कहां है, अभी तो और फाड़ने वाले हैं.
मैंने तपिश को इशारा किया तो उसने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
वो चिल्ला नहीं पाई तो उसने मेरी चूत पर दांत मार दिये।
मुझे बहुत दर्द हुआ, मैं चिल्लाई- तेरी मां की चूत, मेरी चूत काटती है। देख मैं तेरा क्या हाल करती हूं।
मैं उसके ऊपर से उठी और उसके निप्पल मुंह में लेकर काटने लगी।
उसे दर्द हुआ तो वो बोली- सॉरी दीदी, प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने उसे छोड़ा और उसके मुंह पर आकर अपनी चूत खोल दी और उसे कहा- चल चाट इसे!
अब मैंने तपिश को इशारा किया तो वो उसे धीरे-धीरे चोदने लगा।
थोड़ी देर में नेहा की चूत में उसका लंड सेट हो गया और वो मजे लेने लगी।
उधर मैंने देखा यश निधि की चूत चोद रहा था।
थोड़ी देर में नेहा चिल्लाई- मैं गई!
और उसने अपना पानी छोड़ दिया।
मैंने यश को इशारा किया और वो नेहा के पास आया और तपिश ने नेहा को छोड़ा और मेरे पास आ गया।
यश ने नेहा की चूत में अपना लोड़ा घुसा दिया।
तपिश ने मेरे पीछे आकर मुझे धक्का दिया और मैं नेहा के ऊपर कुतिया बन गई। तपिश ने मेरी गांड में अपना लोड़ा घुसा दिया।
मेरी गांड में उसका लंड आराम से फिट हो गया।
मैं थोड़ा सा फ्लैट हो गई तो मेरी चूत नेहा के मुंह पर आ गई और नेहा उसे चाटने लगी।
अब मेरी गांड तपिश मार रहा था और मेरी चूत नेहा चाट रही थी।
नेहा की चूत यश मार रहा था।
मैंने गर्दन घुमा कर देखा तो निधि अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
अब यश और तपिश पूरी स्पीड से नेहा की चूत और मेरी गांड मार रहे थे।
थोड़ी देर में तपिश बोला- मैं गया!
उसने अपना सारा पानी मेरी गांड में भर दिया और अपना लंड निकालकर निधि के मुंह में दे दिया।
निधि उसे चाटने लगी।
मैंने भी अपनी गांड नेहा के मुंह पर रख दी और उसे कहा- इसे चाट और अंदर तक साफ़ कर!
और अपनी पूरी गांड उसके मुंह पर खोल दी और तपिश का सारा पानी उसके मुंह पर निकाल दिया और वो उसे चाटने लगी।
थोड़ी देर में यश चिल्लाया- मेरा होने वाला है।
नेहा भी चिल्लाई- मेरा भी होने वाला है.
और वो चिल्लाई- अपना लोड़ा निकाल बाहर … मुझे प्रेगनेंट नहीं होना।
मैंने इशारा किया तो यश ने अपना लंड निकाल लिया और तभी नेहा ने अपना पानी छोड़ दिया।
तब मैंने यश को इशारा किया कि वो अपना लोड़ा नेहा के मुंह में डाल दे और उसका मुंह चोद दे.
मैं नेहा के मुंह पर से उठ गई।
यश ने अपना लोड़ा नेहा के मुंह में दे दिया और उसके मुंह को चोदने लगा।
दो मिनट में उसने अपना पानी नेहा के मुंह में छोड़ दिया।
नेहा ने सारा पानी पी लिया।
उधर तपिश ने निधि को चोदना शुरु कर दिया था।
यंग GF सेक्स के बाद बिल्कुल निढाल पड़ी थी और उसके बराबर में यश लेटा था।
मैं निधि के पास गई और उसके निप्पल से खेलने लगी। निधि अपने चूतड़ उछालने लगी और तपिश ने अपनी स्पीड बड़ा दी।
थोड़ी देर में दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया।
मैंने तपिश का लंड निधि की चूत से निकाला और चाट कर साफ़ कर दिया. निधि की चूत में मैंने दो उंगलियां डाली और सारा सफेद पानी निकाल कर निधि के चूचों पर रगड़ दिया।
फिर हम सब उठकर सोफ़े पर पर बैठ गये।
नेहा की हालत देखकर मुझे हंसी आ रही थी।
मैंने माहौल ठीक करते हुये सबसे पूछा- अरे ये तो बताओ कौन जीता?
तपिश ने नेहा को देखा और नेहा ने तपिश को!
नेहा बोली- जीती तो मैं ही हूं।
तपिश ने नेहा को कहा- तुम्हें जिताने के लिये ही तो ये गेम खेला था।
इतना सुनकर हम सब हंसने लगे।
नेहा को कुछ समझ नहीं आया।
मैंने नेहा से पूछा- मजा आया या नहीं?
नेहा ने कहा- मजा तो बहुत आया।
मैंने नेहा को बताया- हम लोग हर शनिवार और इतवार को ये खेल खेलते हैं, तो तुम चाहो तो आ सकती हो।
नेहा ने कहा- मुझे बहुत अच्छा लगा और वैसे भी इस लॉकडाउन में कुछ करने को तो है नहीं, तो मैं तो आऊंगी।
तपिश ने कहा- यहां पर एक रूल है अगर मानेगी तो ही आ पाओगी।
नेहा ने कहा- मुझे सब मंजूर है।
तपिश ने कहा- सोच लो?
नेहा ने कहा- ऐसा क्या रूल है?
निधि ने कहा- जब तक तुम यहां हो तो कोई कपड़े नहीं पहनेगा। और कोई भी कभी भी, कहीं भी और किसी से भी सेक्स कर सकता है और कोई शिकायत नहीं करेगा।
नेहा ने कहा- यार इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। और अब मेरे पास बचा ही क्या है छुपाने के लिए और आज जैसा सेक्स तो मैंने पहले किया नहीं। मेरा तीन बार पानी निकला है। मुझे सब मंजूर है।
तपिश ने कहा- देख तेरी गांड भी मारेंगे!
तो उसने कहा- यार, मेरी गांड कुंवारी है पर फिर भी मैं तैयार हूं।
तपिश ने कहा- चल आ … आज ही शुरु करते हैं।
तो मैंने कहा- यार तपिश, अभी छोड़ दे … इसके साथ हम कुछ नया करेंगे।
तपिश ने कहा- ओके ठीक है।
फिर तपिश बोला- तुम्हारे और निधि के ई-पास आ गये हैं तो कल तुम रिचर्ड के पास चली जाना और कुछ अच्छा सा खाना बना के ले जाना। और हां, रिचर्ड स्पाइस नहीं खाता।
तो मैं बोली- मैं व्हाइट चिकन पास्ता बना के ले जाती हूं।
निधि ने कहा- मैं कुछ मीठा बना लूंगी।
तपिश ने कहा- ठीक है। अंजलि, तुम ब्लैक स्कर्ट और कोट विद व्हाइट शर्ट पहन के जाना। ये हमारे ऑफिस का ड्रेस कोड है।
मैंने कहा- बाकी सब तो है पर ब्लैक कोट नहीं है।
निधि ने कहा- मेरे पास है, तुम मेरा ले लेना।
मैंने ओके कहा।
निधि ने तपिश से कहा- कल तुम्हारी कार लेकर जायेंगे।
तपिश ने ठीक कहा।
तपिश ने कहा- तुम लोग कल 11 बजे आना और यहीं पर कुक कर लेना और तैयार भी यहीं हो जाना। नेहा भी आ जायेगी और तुम लोगों की कुकिंग में हेल्प कर देगी।
तभी तपिश ने नेहा से पूछा- क्यों नेहा तुम्हें कोई प्रॉब्लम है?
नेहा ने कहा- नहीं तो … मैं कल 11 बजे आ जाऊंगी।
मुझे समझ आ गया था तपिश का क्या प्लान है।
पर तभी यश ने कहा- मैं भी आ जाऊंगा।
फिर मैंने कहा- अब हम चलते हैं.
मैंने, यश ने और नेहा ने कपड़े पहने और तपिश और निधि को बाय कहा।
मैं और यश अपने घर आ गये और नेहा अपने घर चली गई।
दोस्तो, अगले दिन क्या हुआ वो अगले भाग में बताऊंगी।
तब तक लड़के अपना लंड पकड़ कर सहलाओ और लड़कियां अपनी चूत सहलाती रहें।
यंग GF सेक्स कहानी का अगला भाग: