ऑनलाइन मिली लड़की की पहली चुदाई

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गर्लफ्रेंड फर्स्ट टाइम सेक्स का मजा मुझे मिला जब पास ही रहने वाली लड़की से लूडो खेल में दोस्ती हुई. हम मिलने लगे और एक दिन मैंने उसे प्रोपोज़ किया.

मेरा नाम राज सिंह है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ.
मेरा कद 5 फीट 8 इंच है और शरीर से चुस्त दुरुस्त हूँ. मेरा लिंग सामान्य से लम्बा है.
मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली थी.

मेरे परिवार में मम्मी-पापा और दो भाई हैं.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है गर्लफ्रेंड फर्स्ट टाइम सेक्स की!

हालांकि मैं काफी पहले से सेक्स स्टोरीज पढ़ने का शौकीन था और मैंने कई सेक्स स्टोरीज पढ़ी हुई भी हैं.
इसी सब वजह से मैंने सोचा कि क्यों न मैं अपनी सेक्स कहानी भी आप सबके साथ साझा करूं.

बात उन दिनों की है जब पहला लॉकडाउन खत्म हुआ था और चीजें थोड़ा सुचारू रूप से चलने लगी थीं.
लॉकडाउन की वजह से मुझे ऑनलाइन लूडो खेलने की लत लग गयी थी और ऑनलाइन मुझे जो भी लड़की मिलती, मैं उससे बात करने लगता.

ऐसे ही एक दिन की बात है, मुझे लूडो पर एक कम उम्र की लड़की मिली.
तो हमेशा की तरह मैं उससे भी नार्मल बातें करने लगा.

बातों बातों में मुझे पता चला कि वो लड़की मेरे ही पड़ोस के मोहल्ले की थी. वो उसी स्कूल में हायर क्लास की पढ़ाई कर रही थी जहां से मैंने अपनी 12वीं पास की थी.

ये सब बातचीत होने के बाद हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे से घुलने-मिलने लगे.
फिर मुझे लगा कि अब मुझे इसको प्रपोज़ कर देना चाहिए.

दो दिन बाद ऐसे ही बात करते करते मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.
तो उसने कुछ नहीं कहा और वो चली गयी.
मैंने सोचा कि कुछ जल्दीबाजी कर दी.

फिर कुछ दिन हमारी बात नहीं हुई.
मैंने सोचा शायद वो मुझे पसंद नहीं करती थी, बस एक दोस्त की तरह मेरे साथ रहना चाहती थी.

मगर कुछ दिन बाद उसका मैसेज आया कि मुझे मिलना है.
मैंने कहा- ठीक है.

हमारा अगले दिन मिलने का प्लान तय हो गया.

उस दिन वो रेड टॉप और हाफ लोअर में आई थी.
सच में क्या गजब की माल लग रही थी, मैं क्या बताऊं.

इधर मैं आप लोगों को उसके बारे में थोड़ा बता दूँ. उसका रंग गोरा, कद 5 फ़ीट 4 इंच, चूचियां 34, कमर 30 और चूतड़ 36 इंच की साइज के थे.
उसका नाम चित्रा था.

उस दिन कसे हुए रेड टॉप में उसे देख कर मन तो कर रहा था कि मैं उसे सीने से लगा कर इतना किस करूं कि उसके कमल की पंखुड़ियों जैसे होंठों का पूरा रस ही चूस लूं.
पर मैंने अपनी भावनाओं पर काबू किया और उससे बातें करना शुरू कर दीं.

बातों बातों में उसने बताया कि वो भी मुझे पसंद करने लगी है.
यह जान कर तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था.

उसने मुझे यह भी बताया कि उसकी सभी सहेलियों के ब्वॉयफ्रेंड हैं और वे उनके साथ आए दिन सेक्स किया करते हैं. उसकी सहेलियों को भी सेक्स में बहुत मज़ा आता है. वह भी एक बार सेक्स करना चाहती है, पर कोई ब्वॉयफ्रेंड न होने की वजह से वो सिर्फ पोर्न फिल्म देखकर ही अपने आपको संतुष्ट करती है.

उसके मुँह से यह सब साफ़ साफ़ सुन कर मैं दंग रह गया कि इसे मेरे साथ सेक्स करने का मन है.
मेरी खुशी अब और कई गुना बढ़ चुकी थी.

हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे से बातें की.
जाते वक्त उसने कमाल ही कर दिया, उसने मुझे अपने गले से लगा कर किस कर लिया.
मैं हक्का बक्का सा रह गया था.

उसने मुझसे कहा- तुम मुझे कल सुबह 5 बजे याद से मिलना.
उसने मिलने की जगह भी मोड़ के पास अधूरे बने मकान के पास की चुनी थी.

ये सब जानकर मेरे तो शरीर में मानो करंट सा दौड़ने लगा था.

उसने मुझसे बोला कि कल सुबह मैं टहलने जाऊंगी. उस वक़्त मैं एकदम अकेली ही रहती हूँ, तो तुम भी मेरे साथ आ जाना.
मैंने भी हां कह दी और हम अपने अपने घर आ गए.

मेरे मन में पूरा टाइम उसकी कोमल चूचियों का मेरी छाती पर अहसास ही ख्याल में चलता रहा.
दिन भर में मैंने उसके बारे में सोच कर दो बार मुट्ठी भी मारी.

वो पूरा दिन काटना मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया था. उसके ख्यालों में ही पड़े-पड़े किसी तरह से मैंने वो रात काटी.

अगली सुबह मैं उसकी बताई हुई जगह पर गर्लफ्रेंड फर्स्ट टाइम सेक्स के लिए पहुंच गया.

सुबह का वक़्त था, रास्ता एकदम सुनसान था.
जैसे ही वह आयी, मैंने एक बार फिर से चारों तरफ़ ध्यान से देखा और पूरी तरह संतुष्ट हो गया कि कोई हमें देख नहीं रहा है.

मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसे किस करने लगा.
इस पर उसने भी कोई आपत्ति न जताते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

किस करते करते मैंने अपना हाथ उसकी एक चूची पर रखा और उसकी चूची को मसलने लगा.
उसके मुँह से मधुर सीत्कार उठी और अब उसे भी मज़ा आ रहा था.

वो भी मुझे जोर जोर से किस करने लगी.
उसका भी एक हाथ अब मेरी पैंट पर आ गया था और वो जोर जोर से आहें भरने लगी थी.

उसकी मादक आवाजें सुनकर मेरे अन्दर मानो जोश सा भरने लगा था.
मैं उसकी चूचियों को और भी ज्यादा कसकर मसलने लगा था.

वो भी मेरे लंड को मसलने लगी थी.
उसकी इस प्रतिक्रिया को देख कर मैं समझ गया कि लोहा गर्म होने लगा है, बस अब मुझे हथौड़ा मारने की देर है.

मैंने भी अपना एक हाथ उसकी एक चूची पर और दूसरे हाथ से उसकी चूत पर रख कर सहलाना शुरू कर कर दिया … और उसको पूरी तरह से गर्म कर दिया.
पूरी गली में उसकी आहें गूंजने लगी थीं.

मैं अपना हाथ उसके कपड़ों के अन्दर डाल कर उसे अच्छे से सहलाने लगा.

थोड़ी देर बाद हम दोनों रुक गए और इधर उधर देखने लगे कि कोई आ तो नहीं रहा है.
फिर पास में आधे बने उस मकान में चले गए. ये काफी सुरक्षित जगह थी, इधर किसी की भी नजर नहीं पड़ती थी.

उस मकान में और अन्दर को जाकर हम दोनों फिर से किस करने लगे.
मैं उसकी चूचियों को और चूत को अच्छे से सहलाने लगा.

मैंने अपनी एक उंगली धीरे से उसकी चूत में घुसेड़ दी.
मेरी इस हरकत से उसकी एक दर्द भरी आह निकल गयी.

थोड़ी देर तक एक उंगली से चोदने के बाद मैंने दूसरी उंगली भी उसकी चूत में घुसेड़ दी.

उसे काफी दर्द भी हो रहा था और वह उस दर्द को सहन करने की पूरी कोशिश कर रही थी.

करीब 15 मिनट किस करने के बाद हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गए.
मैं उसकी चूचियों को मुँह में भरकर चूसने लगा.

पूरे घर में उसकी आह ऊह की आवाज़ें काफी तेज तेज़ गूंजने लगीं.

मैंने अपनी उंगलियों से और तेज़ तेज़ चोदना शुरू कर दिया. उसके कौमार्य का मैं पूरा लाभ उठाना चाहता था इसलिए उसकी चूचियों को चूसते चूसते मैंने धीरे से उसकी चूत पर अपनी जीभ लगा दी.

मैं अपनी जीभ से उसे चोदने लगा, साथ ही अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तनों को दबाने लगा.
वो आह ऊह आह ऊह की आवाज़ें निकालती हुई मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए.
वो मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी, मानो उसे लंड चूसने का कई सालों का तज़ुर्बा हो.
वह एकदम किसी रंडी की तरह चूस रही थी.

मैं भी उसकी चूत चाटने में ऐसे लगा था, जैसे कोई कुत्ता मलाई चाटता है.

इस दौरान हम दोनों एक बार झड़ चुके थे.

फिर देर न करते हुए मैंने उसे जमीन पर सीधा लिटा दिया, उसकी टांगें फैला दीं और अपने लंड को उसकी कुंवारी चूत के द्वार पर रखकर थोड़ा रगड़ा ताकि उसके अन्दर की आग को और भड़का दिया जाए.

वो मुझसे मिन्नतें करने लगी कि मैं उसे और न तड़पाऊं और अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर उसकी चूत को फाड़ दूँ.
मैंने उसकी एक न सुनी और उसको तड़पाता रहा.

काफी देर तक तड़पाने के बाद जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने मुझसे कहा- अब और देर न करो … प्लीज़ मुझे जल्दी से चोद कर अपनी बना लो.
मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में अपने लंड से एक जोर का झटका दे मारा.

मेरे लंड का केवल सुपारा ही अभी उसकी चूत में घुसा था कि वो जोर से चिल्लाने को हुई.
पर तभी मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद करते हुए उसकी आवाज़ को रोक दिया.

उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मैं रुक गया.

ये बड़ी हैरानी की बात थी कि दर्द होते हुए भी उसने मुझे रुकने से मना किया.
उसकी बात सुनकर मैंने एक और धक्का मार दिया.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो बिन पानी की मछली सी तड़फ उठी.

अब मैंने उसका दर्द कुछ कम होने का इंतज़ार किया.
उसका इशारा मिलते ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ, तो उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
मैंने उसे किस करते हुए एक और जोर का धक्का मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

थोड़ी देर बाद वो फिर से सामान्य हो गयी और मैंने उसे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.
अब वह भी जोर जोर से आहें भरने लगी और मैं भी अपनी पूरी ताकत के साथ उसे चोदने लगा.

हमारी चुदाई की आवाज़ें पूरे घर में गूंजने लगी ‘फच फच आह ऊह.’

करीब आधा घंटा की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ … अपना माल कहां निकालूं?
इस पर उसने मुस्कुरा कर कहा- तुम चाहो तो अन्दर ही झड़ सकते हो. दो दिन पहले ही मेरे पीरियड्स आना बंद हुए हैं, तो कोई दिक्कत नहीं होगी.

मैंने भी आराम से अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही निढाल हो गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठ कर खड़े हो गए और कपड़े पहनने लगे.

कपड़े पहनने के बाद चित्रा ने मुझे फिर से अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगी.
वो बोली- आज के बाद अब मैं पूरी तरह से तुम्हारी हूँ, तुम जब जो चाहे वो कर सकते हो.

मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया.
उसके बाद से ये सिलसिला रोज का हो गया.

हम लोग रोजाना सुबह टहलने के बहाने घर से निकलते और उसी घर में रोज खूब जी भर के चुदाई करते. एक दूसरे का पूरा लुत्फ़ उठाते.
हमारी हिम्मत अब बढ़ने लगी थी और हम जहां मिलते, वहीं एक दूसरे से गले मिलने लगे और किस करने लगे.

अगर मौका मिलता तो मैं उसके स्तन और चूत को भी मसल देता और आनन्द ले लेता.
धीरे धीरे हमें एक दूसरे की आदत पड़ गयी.

अब मैं आगे की पढ़ाई के लिए हैदराबाद चला आया.
फिर भी जब कभी मैं लखनऊ आता हूँ तो आज भी उसके साथ सेक्स का पूरा मज़ा लेता हूँ.
वो भी मेरे साथ लेती है.

मित्रो, आपको मेरी गर्लफ्रेंड फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल पर अवश्य बताइएगा.
मुझे जान कर प्रसन्नता होगी और आगे और भी ऐसी सच्ची कहानियां लेकर मैं आपसे साझा करने आता रहूंगा.

अगर आप सभी की अच्छी प्रतिक्रिया मिली, तो मैं आगे हैदराबाद के मेरे कॉलेज वाली लड़की निशा के साथ अपने सेक्स अनुभव वाली सेक्स कहानी भी आप लोगों के साथ जल्दी ही साझा करूँगा.

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