ट्रेनिंग पर आई नर्स के साथ चुदाई का मजा- 3

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हॉट चूत Xxx कहानी में पढ़ें कि मैंने कुंवारी नर्स को मजे से चोदा और अगले दिन भी बुलाया. पर उसने मना कर दिया. लेकिन बीच रात में ही वह मेरे रूम पर आ गयी और चुद गयी.

दोस्तो, कैसे हो सब?
आपको मेरी कहानी के दोनों भाग पसंद आये होंगे।

कहानी के पिछले भाग

में जैसे मैंने बताया कि मैंने मनीषा को बेड पर पटक पटक के चोदा और उस दिन दिनभर चोदकर उसको उसके रूम पर छोड़ आया।
दिनभर की चुदाई की वजह से मुझे जल्द ही नींद आ गयी और मैं सो गया।

अब आगे हॉट चूत Xxx कहानी:

सुबह जब उठा तो कल की चुदाई याद आ गयी। फिर मनीषा का ख्याल आया.
उसने मुझे कहा था कि वह छुट्टी लेकर मेरे कमरे पर आयेगी.

पर मैं ड्यूटी नहीं छोड़ सकता था तो मैं नहा धोकर जल्दी से अस्पताल पहुँचा।

जाकर देखा तो मनीषा को सामने देखा.
उसने भी मुझे देखा और शर्म से आंखें झुकाई।
मैं थोड़ा हैरान था कि ये तू छुट्टी की बात कर रही थी और अब यहाँ ड्यूटी पर आई हुई है.
पर मैंने उससे कुछ नहीं पूछा.

थोड़ी देर हमने सब डिलिवरी वाली औरतों को देखा और राउंड खत्म करके हम अपनी जगह आ गए।

मनीषा मेरे सामने से आ रही थी तो देखा कि वह थोड़ी धीरे धीरे और पाँव खोलकर चल रही थी.

फिर वह मेरे सामने आकर बैठ गयी।
मैंने धीरे से पूछा- पैर को क्या हुआ?
वह बोली- पैर का दर्द नहीं, यह कल का दर्द है, पूरा बाजा बज गया है। अभी पेनकिलर खाकर आई हूँ।

तब मैंने पूछा- कल कैसा लगा?
वह बोली- बहुत दर्द हुआ लेकिन मजा भी बहुत आया।

मैंने पूछा- अब आगे का क्या प्रोग्राम है?
वह समझ गयी कि मैं चुदाई की बात कर रहा हूँ।
तो वह बोली- अब नहीं।
मैं बोला- ऐसा क्यों?

वह बोली- कल की चुदाई से चूत सूज गयी है। जब तक ठीक नहीं होती तब तक आगे नहीं।
तो मैंने उसको समझाया कि उसकी पहली चुदाई थी और सबके साथ ऐसा होता है। अब दोबारा सेक्स में दर्द नहीं होगा. फिर भी उसको सेक्स नहीं करना तो ठीक है.
और मैं वहाँ से उठा और अपने काम करने लगा।

उस दिन से हमारी दिन की ड्यूटी थी तो मैं छह बजे अपना सब काम खत्म करने के बाद दूसरे सीनियर डॉक्टर को सब समझा कर वहाँ से निकल कर रूम पर आया।

मनीषा भी मेरे पीछे अपने रूम की तरफ निकल गयी।

मैं रूम पर जाकर फ्रेश होकर बेड पर लेटा था कि खाना आ गया।

खाना लेकर मैं फिर बेड पर लेट गया।
मुझे मनीषा के साथ की हुई चुदाई याद आने लगी.

फिर भी मैं क्या कर सकता था … उसने तो साफ मना कर दिया था।

मैंने खाना खाया.
तब तक नौ बज गये थे तो मैं सोने की तयारी कर रहा था.

और थोड़ी देर में लेटे लेटे नींद आ गयी।

आधे घंटे बाद मेरा फोन बजा और मेरी नींद उड़ी।
मैंने फोन उठाया तो मनीषा का फोन आ रहा था।

तो मैंने हैलो बोला.
उसने पूछा- क्या कर रहे थे?
मैं बोला- सो रहा था।

वह बोली- मेरी याद नहीं आ रही क्या?
मैं बोला- याद तो बहुत आ रही है लेकिन तुमने तो साफ मना किया। तो अभी क्या करूं।
वह बोली- दरवाजा खुला छोड़ो, मैं आ रही हूँ।

मैं बोला- झूठ मत बोल!
वह बोली- दरवाजा खोलो, मैं बाहर खड़ी हूँ।

पहले तो मुझे लगा कि वह मेरे साथ मसखरी कर रही है.
लेकिन तभी दरवाजे की बेल बजी।
तो मैं तो खुशी से पागल हुआ।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था.

मैं तो चड्डी बेनियन पर था, वैसे ही दरवाजा खोलने गया।

दरवाजा खोला तो देखा कि मनीषा सचमुच सामने खड़ी थी।
वह मुझे देखकर हंसने लगी.

मैंने पूछा- क्यों हस रही हैं?
उसने उंगली से इशारा मेरी चड्डी की तरफ किया.

मैं भी हंसने लगा और उसको जल्दी से अंदर खींचा और दरवाजा बंद किया.

फिर मैंने उसको उठाकर बेड पर लिटा दिया और मैं उसके ऊपर हो गया।
उसने मुझे देखा.

मैंने उसको पूछा कि वह कैसे आ गयी।
तो उसने बताया- मेरे मना करने से आपको बुरा लगा था तो मैं आ गयी।

मैंने उसके आँखों की पप्पी ली।
उसने आंखें बंद की.
फिर मैंने धीरे धीरे गालों की, ओंठों की पप्पी लेनी शुरू की।

धीरे धीरे वह गर्म होने लगी.
मैंने हाथों से उसके बूब्स दबाने शुरू किये तो उसके मुंह से ‘आ आ हम्म …’ ऐसी आवाज आने लगी।

फिर मैंने उसे उठाया और उसके कपड़े निकालने लगा।
तो वह भी मेरी मदद करने लगी।

धीरे धीरे वह पूरी नंगी हो गयी उसने मुझे बोला- आप भी निकालो.
तो मैंने भी अपने कपड़े निकाले।

अब हम दोनों नंगे थे।

उसने बोला- बिजली बंद कर दो।
मैं बोला- अब कैसी शर्म? हमने तो सब किया, तुमने भी मेरा सब देख लिया।

फिर वह थोड़ा नॉर्मल हुई तो मैंने फिर एक बार उसको पूछा- तू तो आने वाली नहीं थी, फिर कैसे आयी?
तो वह बोली- मैं सच में आने वाली नहीं थी लेकिन जब रूम पर गयी तो मुझको कल की चुदाई याद आ गयी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैं आ गयी।

सच में दोस्तो, चुदाई एक ऐसी चीज है कि एक बार करो तो बार बार करने की लत लग जाती है.
फिर यह मनीषा तो अभी अभी जवानी में आई है।

मैंने उसको पूछा- चूत का दर्द कम हुआ?
तो वह बोली- अब ठीक है।
लेकिन उसने कहा- आज चुदाई नहीं करेंगे।
मैं बोला- ठीक है.

मुझे मालूम है कि किसी लड़की की चूत पर अगर मुंह से चूसोगे तो कोई लड़की चुदाई को ना नहीं कर सकती. लेकिन अगर लड़की पटी हो तो ही … जबरदस्ती करने से कुछ नहीं होता।

खैर मैंने उसको बोला- चुदाई नहीं तो ना सही, मुझे तेरी चूत का रस पीना है।
वह मान गयी.

लेकिन मैंने यह भी बोला- तुझे भी मेरा लंड चूसना होगा.
वह इसके लिए भी तैयार हो गई।

फिर हम एक दूसरे को चूमने लगे. मैं उसके उरोज दबाने लगा और धीरे धीरे धीरे से मैं उसके बूब्स पर टूट पड़ा, उसकी चूची चूसकर लाल कर दी.
फिर धीरे धीरे मैंने उसकी नाभि पर किस किया और नाभि में जीभ डालकर उसको चाटना शुरू किया।

फिर नीचे नीचे जाकर मैं उसके दोनों पैर के बीच आया और उसकी जाँघों पर धीरे से काटना शुरू किया.
वह मुंह से आवाज करने लगी और उसने मेरे सिर को पकड़ लिया।

मैंने उसकी चूत के उपर से एक उंगली फिराई तो उसने एक जोर से सांस ली.

फिर मैंने उसकी चूत को धीरे से खोला तो उसकी चूत अभी भी लाल थी और उसका हाईमन फट गया था।

मैंने चूत पर एक किस किया और जीभ निकाल कर उसकी चूत को चाटने लगा।
वह भी मेरा सिर पकड़कर चूत पे दबाने लगी और मुंह से मेरा नाम लेकर बुलाने लगी।

मुझे लगा कि वह अब तैयार है. मेरा लंड भी खड़ा हुआ था.
तो मैंने अपनी जगह बदली और मेरे पैर उसके सर की तरफ करके ऐसे सेट हुआ कि मेरा लंड सीधा उसके मुंह के सामने आ गया.

उसने भी देर न लगाते हुए गप्प से मेरी कमर पकड़ी और मेरा ले लिया।
इधर मैं उसकी चूत चाट रहा था और उधर वह मेरा लंड चूस रही थी।

वह नीचे से कमर उठाकर मुझे चूसने देने लगी थी और मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे वह कोई लॉलीपॉप चूस रही हो।
वह इतनी गर्म गो गई कि बोलने लगी- और जोर से चूसो।

मैंने भी एक उंगली उसकी चूत में डाली और उसको अंदर बाहर करने लगा.
उसको इतनी चुदास चढ़ गयी, वह बोल पड़ी- अब कुछ भी करो।

मैंने फिर उसको पूछा- तुमने ही बोला था कि आज Xxx चूत चुदाई नहीं?
वह बोली- भाड़ में जाए मेरा कहा, अभी तुम अपना लंड जल्दी से मेरी हॉट चूत में डाल दो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।

मैं भी देर ना करते हुए सीधा हुआ, उसकी गांड के नीचे तकिया डाला और उसके दोनों पैर हवा में उठाये.
फिर एक पैर छोड़कर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया।

मैं उसको और थोड़ा तड़पाना चाहता था तो ऊपर से ही लंड को आगे पीछे करने लगा।
वह बोली- जानू अब डाल भी दो यार!

फिर मैंने धीरे धीरे लंड को उसकी चूत में डालना शुरू किया.
उसकी चूत सूजी हुई थी तो मैं उसको और ज्यादा दर्द देना नहीं चाहता था।

धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मैं उसको धीरे धीरे चोदने लगा.
जैसे जैसे मैं उसको चोद रहा था, धीरे धीरे वह भी नीचे से कमर ऊपर नीचे करती हुई मेरा साथ देने लगी।

थोड़ी देर बाद वह बोली- तुम मेरे निप्पल चूसो।
फिर बोली- पहले मुझे किस करना है.

तो मैंने उसके पैर छोड़ दिये और उसके ऊपर लेट गया.
हम किस करने लगे.

उसने मेरी जीभ चूसी, ओंठों को चूसा.
मैं भी नीचे से धक्के लगाते हुए उसके स्तन दबाने लगा, फिर चूसने लगा।

उसने मुझे जोर से पकड़ा हुआ था, मेरी पीठ पर उंगली से नाखून गड़ाकर वह मुझे और जोर से चोदने को कहने लगी- जान आह आह … और जोर से … और जोर से करो। बहुत अच्छा लग रहा है, फाड़ दो मेरी चूत को!
वह ऐसे बड़बड़ाने लगी।

करीब आधा घंटा चोदने के बाद हम एक साथ झड़ गए और मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा।

उस रात हमने तीन बार चुदाई की।
मैंने उसको खड़ी करके भी चोदा, डॉगी स्टाइल में भी चोदा।

फिर वह भी मेरे ऊपर आकर चढ़ गयी, रात में हमने जमकर चुदाई की।

चार बजे वह उठी और मुझे कहने लगी- अभी मैं रूम पर जाती हूँ। सुबह ड्यूटी पर भी जाना है. थोड़ा आराम आप भी करो।

हमने कपडे पहने, मैं उसे उसके रूम तक छोड़ने गया.
मैं रूम पर छोड़कर वापस आने लगा तो उसने मुझे लिप किस किया और बोली- पांच दिन बाद मेरी माहवारी आने वाली है. तब तक मैं रोज आपके रूम पर आऊंगी।
मैंने उसको गले से लगाया और मैं अपनी रूम पर आकर सो गया।

तो ये सब हुआ मेरे साथ दोस्तो।

फिर कहानी में कैसे ट्विस्ट आया और क्या क्या हुआ, आगे लिखता रहूँगा।

आपको मेरी हॉट चूत Xxx कहानी अच्छी लगी होगी.
कमेंट बॉक्स में और मेल में लिखिये।

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