लड़की बनने के शौक से बना गांडू

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Xxx गे पोर्न स्टोरी मेरे लड़की बनने के शौक की है. कॉलेज के हॉस्टल में आकर मुझे आजादी मिली तो मैंने अपना यह शौक पूरा किया. मेरे साथ क्या हुआ?

मेरा नाम मनु है. मैं 23 साल का लड़का हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है.

यह Xxx गे पोर्न स्टोरी उस वक्त की है, जब मैं अपनी ग्रेजुएशन में था.
मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहता था.

मुझे बचपन से ही लड़की बनने का शौक लगा रहता था.
जब घर में कोई नहीं रहता था, तब मैं आइने के सामने नंगा होकर लड़कियों की तरह नाचता था.
मेरी गांड भी काफी सेक्सी थी. किसी लड़की को भी टक्कर दे सके, मेरा बदन ऐसा था.

मुझे हट्टे-कट्टे लड़के देख कर मजा आता था.
जब मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए हॉस्टल में रहने आया, तब तो मानो मैं आज़ाद हो गया था.
अब तो मैंने ऑनलाइन लड़कियों की ब्रा और पैंटी भी मंगवा लिए थे.

मैं और मेरा रूममेट हम दोनों काफी अच्छे दोस्त थे.
लेकिन मैंने उसे मेरे इस शौक के बारे में बताया नहीं था.

एक बार किसी कारणवश उसे एक महीने के लिए घर जाना पड़ा.
अब मैं रूम में अकेला बोर हो रहा था. कॉलेज से आने के बाद मैं बस सोया रहता था.

कॉलेज कैंपस में मेरा हॉस्टल काफी अन्दर था और मेरा रूम भी एकदम आखिरी में था.
इस वजह से यहां वार्डन या वॉचमैन नहीं आता था.

हमारा कॉलेज काफी पुराना था. आस पास काफी घास उगी हुई थी.
एक दिन मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों न अपने अन्दर की लड़की को जगाया जाए.

वैसे भी मैं रूम में अकेला था तो मुझे अपना ये विचार काफी सेक्सी लग रहा था.
फिर मैंने बैग के अन्दर छुपाई हुई ब्रा और पैंटी निकाली, बॉडी की वैक्सिंग की.

इतने में मेस का टाइम हो गया तो मैंने सोचा क्यों ना आज ब्रा पैंटी पहन कर ही चला जाए.

मैंने बस पैंटी के ऊपर से एक थ्री फोर्थ पहनी और ऊपर टी-शर्ट पहन कर मैं चल दिया.
वो किसी त्यौहार का दिन था, इसलिए मेस में कम लोग थे.

मैंने खाना लिया और एक जगह जाकर बैठने लगा.
तभी मेरे एक सीनियर पंकज ने मुझे आवाज लगाई.

वो सीनियर हमारे हॉस्टल का सबसे सेक्सी लड़का था.

पहले से ही मैंने ब्रा पैंटी पहनी थी और मेरा मूड भी बना हुआ था तो मुझे उसके पास बैठना बहुत मस्त लग रहा था.
हम दोनों ने ऐसे ही कुछ बातें की.

तभी उसने अचानक से पूछा- तेरी अंडरवियर कहां गयी बे?
मैंने हंस कर बात को टाल दिया.

उसने कहा- तुझे लड़की बनने का इतना शौक है कि मेस में पैंटी पहन कर आया है.
तब मैंने चैक किया, तो पीछे से मेरी थ्री फोर्थ जरा नीचे सरक आयी थी, इसलिए पैंटी दिख रही थी.

अब मैं समझ गया कि इसे मेरा सीक्रेट समझ आ गया.
उसने मेरी पीठ टटोलते हुए मेरी ब्रा का भी अहसास कर लिया.

वो मुझे देखते हुए बोला- चल आज तेरी कामना पूरी कर देता हूँ.
मैंने कहा- नहीं बॉस, मैं ऐसा नहीं हूँ.

वो मुझे घुड़की देता हुआ बोला- भोसड़ी के … अगर तू आज रात मेरे रूम में नहीं आया तो पूरे हॉस्टल को तेरा राज़ बता दूंगा.
मैं कुछ बोल ही नहीं पाया और अपने रूम में चला गया.

मन ही मन में मुझे ख़ुशी हो रही थी लेकिन डर भी था.
मैं नहाया और एक बैग में ब्रा पैंटी डाल कर एक नार्मल लड़के की तरह उसके रूम में गया.

उसने दरवाजा खोला, मैं अन्दर गया.
अन्दर पूरा सिगरेट का धुंआ था और दारू की बोतलें थीं.

उसने पूछा- दारू पिएगा?
मैंने कहा- नहीं.

उसके रूम में कोई नहीं था.
उस वक्त रात के ग्यारह बज रहे थे.

उसने पूछा- पैंटी क्यों पहनता है बे?
मैंने भी बोल दिया- मुझे मजा आता है.

उसने बोला- यह मज़ा हमें दे दो बेबी.
बस मुझे उसकी इसी बात का इंतज़ार था.

उसने कहा- जाकर ब्रा पैंटी पहन ले.
मैं कमरे में बने बाथरूम में गया और ब्रा पैंटी पहन कर एकदम सज-धज कर रूम में आ गया.

वो वहां पर एकदम नंगा खड़ा था.
उसने लंड सहलाते हुए कहा- आ जा रंडी साले मेरी रखैल.

मैं जाकर उसका लौड़ा चूसने लगा.
उसने पहले से अपने लंड पर चॉकलेट सीरप लगा रखा था.

मैंने उसका हथियार जोर जोर से चूसा.
आह आह … आह आह … की उसकी आवाज से मैं और भी उत्तेजित होने लगा.

उसने कहा- साले तू पहले मिल जाता, तो तुझे रखैल बना लेता.
मैंने कहा- तो अभी क्या हो गया, मैं अब से तुम्हारी रंडी बन गई हूँ, रख ले मुझे!

उसने मुझे खड़ा किया और मेरे कपड़े उतारने लगा.
पहले उसने मेरी टी-शर्ट उतारी, फिर ब्रा और पैंटी उतार कर अलग कर दी.

अब मैं उसके सामने नंगा खड़ा था.
उसने मुझे दीवार से सटाया और मेरे पूरे बदन पर दारू डाल दी.

वो मेरी पीठ चाटने लगा.
मैं आह आह आह … करता हुआ मादक सिसकारियां भर रहा था.
उसने मेरी पीठ चाट कर और चूम कर लाल बना दी थी.

फिर उसने मुझे उठाया और बेड पर लिटा दिया.
वो बोला- अभी तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है.

इतना कह कर उसने मेरी आंखें बंद कर दीं और मेरे हाथ और पैर बेड से बांध दिए.
मुझे लगा कि अब कहीं ये हार्ड सेक्स न करने लगे तो मेरा काम हो जाएगा.

मुझे नंगा बांधने के बाद उसने एक कॉल किया.
कॉल पर उसने किसी को बताया कि आ जाओ तुम्हारी रंडी तैयार है दोस्त.

एक मिनट बाद दरवाजे पर खटखट हुई.

मेरी आंखें बंद थीं पर मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कोई कमरे में आया है.

मेरे सीनियर ने आगंतुक से कहा- तेरे बर्थडे गिफ्ट में मैं आज एक कड़क माल लाया हूँ. अब ये माल दोनों मिल कर एन्जॉय करेंगे.

इतना कह कर उसने मेरी आंखें खोल दीं.
तब मैंने देखा कि वो दूसरा आदमी हमारा लैब असिस्टेंट था.

उन दोनों ने एक एक पैग लगाया और मुझे बेड से उठाकर बाथरूम में ले गए.
मैं तो जैसे उनका कोई गुलाम था.

उन दोनों हट्टे कट्टे मर्दों के बीच में मेरी कमसिन गांड फंस चुकी थी.

फिर उन्होंने मुझे बीच में खड़ा किया और शॉवर चालू कर दिया.
तब असिस्टेंट ने कहा- इसका लंड तो देखो भोसड़ी वाले का, कितना छोटा सा नुन्नी सा है.

मेरे सीनियर ने कहा- इसका लंड किसी काम का नहीं है, ये तो साला रंडी है.
मैं शर्म से लाल हो गया.

फिर हम तीनों ने शॉवर लिया. शॉवर लेते वक़्त मैंने उनके लौड़े चूसे.
अब उन दोनों ने मुझे कमरे में ले जाकर बेड के किनारे से कुतिया बनने का कहा.

मैं नंगा था और अपनी गांड हिलाता हुआ कुतिया बन गया था.
एक ने मेरी पीठ पर एक केक रखा और केक कटिंग किया.

फिर उन्होंने वो केक मेरी गांड और निप्पलों पर लगाया.
वे दोनों हवस में पागल थे.

दोनों ने मेरी बॉडी को चाटा, दोनों ने मेरे निप्पल्स पर इतना काटा कि वो लाल हो गए.

अब लैब असिस्टेंट ने अपना लंड मेरे छेद पर रखा और धक्का दे मारा.
उसी वक्त मेरे सीनियर ने सामने से आकर मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया.

मैं इसे काफी एन्जॉय करता रहा.

ऐसा हम ने रात भर किया.
मेरी गांड में सुबह दर्द हो रहा था, मैं चल भी नहीं पा रहा था.

वो दोनों उठाकर मुझे मेरे रूम तक लाये और बोले- अब जब भी हम बोलेंगे, तब तुझे हमारी प्यास बुझानी होगी.
तब से हॉस्टल में किसी का भी बर्थडे होता था तो केक के साथ मुझे भी एन्जॉय किया जाता था.

एक बार उसी सीनियर का मुझे कॉल आया कि उनके कुछ दोस्त गोवा जा रहे हैं, तो मुझे भी उनके साथ जाना है.
मैं समझ गया था कि मुझे गोवा किस लिए बुलाया जा रहा है.

मैंने कहा- मेरा प्रैक्टिकल एग्जाम है मैं कैसे जा पाऊंगा?
उसने बोला- प्रैक्टिकल एग्जाम का टेंशन ना ले, उसे मैं मैनेज कर लूँगा.

मैंने कहा- मैनेज कैसे होगा?
वो बोला- लैब असिस्टेंट आज तेरे रूम में जाएगा.
मैं समझ गया कि मुझे आज लैब असिस्टेंट से फिर से चुदवाया जाने वाला है.
ये वही लैब असिस्टेंट था, जिसने उसके बर्थडे पर मुझे चोदा था.

उस रात मेरी रूम पर खटखट हुआ तो मैं समझ गया कि मेरी गांड के लिए लंड आ गया है.
मैंने अपने रूममेट से कहा- मैं नोट्स लेने सीनियर के पास जा रहा हूँ.

वो कुछ नहीं बोला.
अब तक उसे भी मालूम चल गया था कि मैं गांडू हूँ.
मगर वो मेरी गांड नहीं मारता था.

मैं लैब असिस्टेंट के साथ उसी सीनियर के रूम में चल दिया.

अन्दर जाते ही उसने मुझे किस करना शुरू किया और मुझे नंगा कर दिया.

मैंने कहा- इतनी क्या जल्दी है जरा आराम से करो न.
उसने कहा- अब रहा नहीं जाता जानू, तुझे प्रैक्टिकल एग्जाम में पास जो करना है.

तब हम सब मिलकर हंसे.
अब तो मुझे गांड चुदवाने की मानो आदत सी हो गयी थी. ऊपर से ये दोनों लंड भी पहचान के थे.

मैं अक्सर उनके साथ मज़े करता था. फिर उन दोनों ने मुझे डॉगी स्टाइल में चोदा.
कुछ ही देर में वो दोनों झड़ गए.

देर रात मैं अपनी गांड मरवा कर रूम में वापस आ गया.
फिर अगले दिन उसी सीनियर ने मुझसे कहा कि नेक्स्ट वीकेंड गोवा जाना है, उसकी शॉपिंग के लिए चलते हैं.

मैं समझ गया कि किस चीज़ का शॉपिंग होने वाली है.
वो मुझे एक लेडीज अंडर गारमेंट्स की दुकान पर ले गया और एक दर्ज़न ब्रा और पैंटी दिलवा दीं.

जिसमें ज्यादातर काले रंग की थीं.
मैं मन ही मन में कहीं खुश भी हो रहा था.

फिर हम एक साड़ी की दुकान में गए.
यहां पर उसने मुझे एक साड़ी काले रंग की दिलवाई.

मैंने पूछा- इतना रंगीन आदमी है कौन?
वो बोला- तेरी कमसिन गांड की पूरी दुनिया दीवानी है, यह भी उनमें से कुछ दोस्त हैं.
मैं शर्माते हुए हंस दिया.

मैंने पूछा- क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
सीनियर मुस्कुराया और बोला कि तेरे जैसी हसीन गांड को अकेला कैसे जाने दूँ?
मैं जोर से हंस दिया.

फिर हम दोनों पूरा पैकिंग करके गोवा के लिए निकले.
अब तक तो मैं नार्मल लड़के जैसा ही था. कुछ देर बाद हम गोवा पहुंचे और एक होटल में रुक गए.

यह काफी सुन्दर फाइव स्टार होटल था. मैंने पूछा कि कौन हैं वो लोग, जिन्होंने इतना खर्चा किया है?
सीनियर ने कहा- सब्र करो जानम. ये तो बस शुरुवात है.

मैं शर्मा कर लाल हो गया था.
तभी सामने से दो लोग आए.

मेरे सीनियर ने उनसे हाथ मिलाया.
उनका नाम अमित और आकाश था.

अमित बोला- क्या यही है वो माल?

सीनियर और वो दोनों हंसने लगे.
फिर आकाश बोला- इसे जल्दी से तैयार करो.

अब मेरे से रहा नहीं गया, तो मैंने अपने सीनियर पंकज से पूछ ही लिया- यह सब क्या है?
उसने मुझे बताया कि गोवा में अपने कॉलेज के सभी पुराने छात्र मिले हैं. उनमें से ही कुछ लड़कों ने अपनी ख़ुशी के लिए तुम्हें बुलाया है.

अब बात समझ आई. मुझे इन लड़कों की आग बुझानी है.

फिर हम फ्रेश हुए और एक कॉमन हॉल की तरफ आ गए.
यहां पूरे में मोमबत्तियां लगी थीं और ढेर सारा खाने पीने का इंतज़ाम था.

मैंने अब साड़ी ब्लाउज ब्रा पैंटी और विग पहना हुआ था.
मैं किसी लड़की से कम नहीं लग रहा था.

ऊपर से रूम में पंकज ने किस करके मुझे उत्तेजित कर दिया था.
अब मैं भी काफी मूड में था.

सब धीरे धीरे वहां पर पहुंचे.
अब वो मुझे कण्ट्रोल कर रहे थे.
उन्होंने मुझे एक पोल के पास बुलाया और कहा कि पोल डांस करो.

वो दस लोग थे, जो मेरे इर्द गिर्द हवस भरी नजरों से घूम रहे थे.
मैंने जैसे ही गांड मटकाना शुरू किया, वो मुझ पर दारू और पैसा उड़ाने लगे थे.

इससे मेरी साड़ी गीली हो गई थी.
अब वो मुझे और हवस से देखने लगे और सबने उठाकर मुझे एक टेबल पर लिटा दिया.

सब अपने लौड़े तान कर मेरे सामने खड़े थे.
एक ने मेरी साड़ी खींची और ब्लाउज फाड़ दिया.

अब मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में थी.

सब हवस में पागल थे.
मैंने बारी बारी सबके लौड़े चूसे.

अब बारी थी मेरी गांड की.
उन्होंने एक बाउल में सबके नाम की चिट रखीं और एक एक चिट निकालना शुरू कर दिया.

जिसका नाम पहले आएगा, वो मुझे अपने अंदाज में चोदेगा.
ऐसा करके उन्होंने मेरी गांड के छेद को बड़ा सा कुंआ बना दिया.

एक ने तो मुझे हवा में टांग कर चोदा. एक बार थ्री-सम भी हुआ और ये सब पंकज ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया.
चुदाई का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. अब मैं और पंकज लौट कर आ गए.

मेरे पास लड़कियों वाला काफी सामान इकट्ठा हो गया था.
मेरे रूममेट को परेशानी न हो, इसलिए मैंने पढ़ाई का बहाना बनाया और रूम चेंज करने का निर्णय ले लिया.

पढ़ाई के कारण किसी ने मुझे रोका भी नहीं.
मैं पंकज के रूम में शिफ्ट हो गया.

अब हम दोनों कपल की तरह रहते थे.
जैसे ही मैं कॉलेज से आता था तो रूम में लड़की के कपड़े पहन लेता था.

और जब पंकज आता था, तब हम दोनों मजा करते थे.
मैं पंकज का लंड चूसता था और वो मेरी गांड बजाता था.

मेरे लंड ने अब खड़ा होना भी बंद कर दिया था. वो तो जैसे सिकुड़ सा गया था.
क्या ही करता बिचारा, अब उसका कुछ काम ही नहीं रहा.

मेरे बूब्स भी अब कुछ बड़े होने लगे थे.

ऐसा करते करते मेरा ग्रेजुएशन पूरा हुआ.
पंकज तो पहले ही मुंबई में सैटल हो चुका था. उससे अब वीडियो कॉल पर बात होती थी.

वो मेरे सामने मुठ मारता था.

फिर एक दिन उसका फ़ोन आया और उसने मुझे मुंबई बुलाया.
उसने कहा कि वो मुझे एक कंपनी में जॉब दिलवा सकता है.

उसी कम्पनी में इंटरव्यू के लिए उसने मुझे बुलाया था.
काफी दिनों के बाद हम मिलने वाले थे मैं काफी उत्तेजित था और गर्म भी हो रहा था.

उधर जाकर पंकज ने मेरी गांड तो मारी ही और जिसने मेरा इन्टरव्यू लिया, उसने भी मेरी लिया.

अब मैं मुंबई में हूँ और मजे से अपनी जिन्दगी बसर कर रहा हूँ.
आपको मेरे Xxx गे पोर्न स्टोरी के लिए क्या कुछ कहना है, प्लीज़ मेल करें.

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