मेरे जीजा ने मासूमियत का फायदा उठाया

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हॉट साली की जवानी का मजा मेरे जीजा ने लिया. शादी के दो बाद जीजा ने दीदी का फिगर उभार दिया था। मैंने जीजा से इसका राज पूछा तो उन्होंने मुझे ऐसा पाठ पढ़ाया कि मैं चुदने के लिए तैयार हो गई।

दोस्तो, उम्मीद करती हूं कि आप सब ठीक होंगे और आपकी सेक्स लाइफ अच्छी चल रही होगी। आपको रोजाना चुदाई का मौका मिलता होगा, और आप चुदाई में भरपूर आनंद ले रहे होंगे।

मेरी पिछली कहानी

को आप लोगों ने पसंद किया इसके लिए आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद।

आज मैं आपको अपनी नई कहानी बताने जा रही हूं जिसमें मेरे जीजा ने हॉट साली की जवानी का मजा लिया.

मेरा नाम निशा पटेल है। मैं प्रतापगढ़ की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 30 साल है।
मेरे घर में मैं, मेरी मम्मी, पापा, दो बहनें और एक भाई भी है। मेरी बड़ी दीदी का नाम सीमा है जो 34 साल की हैं। छोटी दीदी 26 साल की है।

मेरे भाई सबसे छोटे हैं। हम लोग एक गरीब परिवार से हैं। हम तीनों बहनें काफी खूबसूरत हैं।

मेरी छोटी दीदी की शादी एक बैंक मैनेजर से हुई थी।
उस वक्त दीदी 22 साल की थी और बहुत खूबसूरत भी, इसलिए लड़के वालों ने देखते ही हां कर दी थी।
लेकिन पापा ने कह दिया था कि वो दहेज में कुछ न दे पाएंगे।

जीजाजी दीदी के दीवाने हो गए थे और बोले कि शादी तो इसी से ही करेंगे।
ऐसा दामाद पाकर पापा भी खुश थे क्योंकि जीजा खुद ही शादी का खर्च उठाने के लिए तैयार हो गए थे।

शादी भी हो गई।
जीजाजी दीदी को हनीमून के लिए गोवा लेकर गए और वहां 10 दिन रुके।

शादी के दो महीने बाद दीदी और जीजाजी घर आये।
दीदी और जीजा से मिलकर हम लोग बहुत खुश हुए।

मेरी दीदी एकदम से बदल गई थी। उनका एक-एक अंग उभर गया था।

जीजाजी हम लोगों के लिए कपड़े और गिफ्ट लाये थे।
गिफ्ट और कपड़े पाकर मैं दीदी के गले लग गई तो जीजाजी बोले- हमारे गले नहीं लगोगी?
तो मैं जीजाजी के गले भी लग गई।

उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भींच लिया और मैं चिहुंक पड़ी।
दीदी भी साथ में ही खड़ी थी, वे बोली- बस कीजिए, अब छोड़ दीजिए, छोटी है।

फिर हम सबने डिनर किया और सोने का वक्त हो गया।
दीदी बोली- मैं आज मां के पास सोऊंगी।
जीजाजी के लिए अलग से बिस्तर लगा दिया गया।

दीदी और माँ अलग कमरे में लेट गईं, पापा और दोनों भाई अलग कमरे में लेट गए।
जीजाजी ने सोने से पहले कहा कि उनके पैरों में काफी थकान है तो गर्म तेल की मालिश करवाना चाहते हैं।
मां ने ये जिम्मेदारी मुझे सौंप दी।

ये सुनकर मैं शर्मा गई.
तो मां कहने लगी- तुम तो उनकी चहेती साली हो, कर दो। अगर नहीं करेंगे तो वो सोचेंगे कि यहां कोई उनकी सेवा करने वाला नहीं है।

इसलिए मैं तेल गर्म करके उनके पास मालिश करने चली गई।

उस वक्त मेरी उम्र 18 साल हो चुकी थी लेकिन सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती थी।
बस ये पता था कि पति-पत्नी आपस में चूमा-चाटी करते हैं। मेरे साथ दीदी भी जीजाजी के रूम तक आई थी।

वो कहकर चली गई कि निशा आपकी मालिश करेगी और फिर यहीं पर सोएगी। इसके साथ ज्यादा शरारत मत करना, ये छोटी है अभी।
फिर मैंने जीजाजी से मालिश के लिए कहा।

मैंने उस वक्त लोअर और टीशर्ट पहना हुआ था, नीचे से पैंटी डाली थी लेकिन ऊपर ब्रा नहीं थी।
मेरा फिगर 30-26-32 का था जो बाद में जीजा ने ही मुझे सिखाया था।
मेरी चूचियों की तुलना में मेरी गांड ज्यादा बड़ी थी।

दीदी के जाने के बाद जीजा ने दरवाजा बंद करने के लिए कहा, यह कहकर कि अगर पापा ने देख लिया तो अच्छा नहीं लगेगा।
मैंने उठकर दरवाजा बंद कर दिया।

जीजाजी ने भी लोअर पहना हुआ था।
फिर उन्होंने लोअर को घुटनों तक ऊपर खींच लिया और मैं उनके तलवों से पिंडलियों तक मालिश करने लगी।
वो चुपचाप लेटे हुए थे।

फिर मैंने ही बोर होकर कुछ बात छेड़ी।
मैं बोली- दीदी तो एकदम से बदल गई हैं। आपके वहां पर वो ऐसा क्य़ा खाती हैं?
जीजाजी- तुम्हें भी वैसा ही बनना है क्या?

मैं बोली- हां।
जीजाजी- शादी के बाद तुम भी ऐसे ही बन जाओगी। वैसे कितने साल की हो गई हो?
मैं- 18 की।

जीजाजी- लगती तो नहीं, कोई बॉयफ्रेंड वगैरह है या नहीं?
मैं- नहीं। लेकिन मैं 18 की क्यों नहीं लगती?
जीजाजी- फिगर से नहीं लगतीं।

मैं- फिगर क्या होता है।
जीजाजी- अब तुम्हें कैसे समझाऊं कि क्या होता है।
मैं- बताइये ना, मैं जानना चाहती हूं।

जीजाजी- ठीक है, तुम बड़ी हो गई हो तो जानना भी जरूरी है। लेकिन वादा करो कि ये बातें तुम किसी से नहीं कहोगी, तभी मैं बता सकता हूं।
मैं- हां, पक्का वादा। किसी से नहीं कहूंगी।
जीजाजी- हां, तुम्हारी दीदी को देखो, शादी से पहले कैसी थी और अब कैसी हो गई है?

मैं- हां, वो तो देख रही हूं, तभी तो पूछ रही हूं।
जीजाजी- हां, तो क्या बदलाव देख रही हो तुम उसके बदन में?
मैं- दीदी पहले से मोटी हो गई हैं और उनका शरीर भर गया है।

फिर वो कुछ बोलते इससे पहले मेरा हाथ पकड़ कर मालिश करने से रोक दिया।
बोले- रुको, मैं लोअर निकाल देता हूं, वरना तेल लोअर को खराब कर देगा।
दोस्तो, मेरे जीजाजी का शरीर एकदम पहलवानों की तरह था, लम्बा चौड़ा और भारी-भरकम।

जीजा ने लोअर निकाल दिया और केवल जांघिए में आ गए।
मुझसे बोले- तुम्हें शर्म तो नहीं आ रही है?
मैं शर्मा तो रही थी, फिर भी कह दिया- नहीं, आप आगे बताइये।

जीजाजी- देखो निशा, एक लड़की जब जवान होती है तो उसका फिगर ही उसे खूबसूरत बनाता है। जैसे तुम्हारी दीदी का फिगर पहले कम था लेकिन शादी के बाद मैंने बहुत मेहनत की है तुम्हारी दीदी की फिगर को परफेक्ट बनाने के लिए, तभी वो अब ऐसी हो गई है।
मैं- वो तो ठीक है लेकिन फिगर कहते किसे हैं?
जीजाजी- अरे पागल लड़की, पहले ये बताओ कि तुम ब्रा पहनती हो कि नहीं?

मैं- नहीं।
जीजा- क्यों नहीं पहनती?
मैं- मम्मी बोलती है कि अभी मत पहना करो, बाद में पहनना।

इतने में जीजाजी ने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और दूसरे हाथ से मेरी चूची को पकड़ कर बोले- तुम 18 की हो, इस हिसाब तो ये काफी बड़े होने चाहियें थे।
फिर दूसरे हाथ से मेरी पीठ को सहलाते हुए कहा- कमर तो तुम्हारी ठीक है।
फिर वो हाथ को और नीचे ले गए और मेरे चूतड़ों को दबाते हुए कहा- इनका साइज भी बड़ा करना होगा।

मैं- लेकिन जीजाजी, ये कैसे बड़े होंगे, मेरी सभी सहेलियों के ऐसे ही हैं केवल कविता को छोड़कर।
जीजाजी- कविता के कितने बड़े हैं?
मैं- उसके तो दीदी के जैसे हैं।
जीजाजी- उसका बॉयफ्रेंड है?

मैं- हाँ जीजाजी, उसका बॉयफ्रेंड है।
जीजाजी- तुमको उसके चूची और चूतड़ अच्छे लगते हैं कि नहीं? क्या तुम वैसे ही करवाना चाहती हो?
मैं- हां जीजाजी, मुझे भी करवाना है, उसके लिए क्या करना होगा।

जीजाजी- देखो, जैसे तुम्हारी दीदी के फिगर को मैंने बड़ा किया, वैसे ही उसका बॉयफ्रेंड उसके फिगर को बड़ा कर रहा है। अगर तुम मुझे अपना बॉयफ्रेंड बना लो और किसी से ना बताने को कहो तो मैं तुम्हारे भी तुम्हारी दीदी के जैसे मस्त बना दूंगा।
मैं- किसी को पता चल जायेगा तब मेरा फिगर देखकर तो?
जीजाजी- कुछ नहीं पता चलता है, तुम अब जवान हो गई हो, तुमको एक अच्छे मर्द की जरूरत है जो तुम्हारी जवानी को संभाल सके।

मैं उनकी बातें सुनती रही और मालिश करती रही।

तभी जीजाजी बोले- मेरी जांघों की भी मालिश करो, उसके बाद मैं तुम्हारी मालिश करूँगा और आज से ही इसे बढ़ाने का काम करता हूँ। अभी एक सप्ताह यहीं रहूँगा, एक सप्ताह में मैं तुमको पूरा औरत की तरह बना दूंगा। जब तुम एक लड़की से औरत बनोगी तब देखना कितना मजा आएगा।
जीजा- मेरी चूची को दबाते हुए बोले- कुछ प्रश्न पूछूंगा, सही-सही जवाब देना।

मैं- पूछिए जीजाजी।
वो मेरी दोनों चूचियों को पकड़ जोर से दबाते हुए बोले- ऐसे कभी किसी ने इसको दबाया है?
मैं- अआह्ह्ह … नहीं, आज तक किसी ने नहीं किया ऐसा।

जीजा- कैसा लग रहा है मेरी साली साहिबा अपनी चूची रगड़वाने में?
मैं- थोड़ा आराम से करिए, बहुत दर्द कर रहा है।
वो बोले- तुम मेरी जांघों की अच्छे से मालिश करो और मुंह से आवाज मत निकालो, नहीं तो पापा आ जायेंगे।

इतना बोल उन्होंने मेरी टीशर्ट में हाथ डाल दिया और मेरी चूचियों को बड़े ही प्यार से सहलाने लगे।
मुझे गुदगुदी होने लगी।

तभी मैंने देखा कि जीजा के जांघिए में तंबू सा बन गया था।
मैं उसको देखने लगी तो वो बोले- उसकी ओर मत देखो, अभी तुम छोटी हो। तुम्हारी दीदी भी बोलकर गई थी कि छोटी है, पहले मैं तुम्हें बड़ी करूंगा, फिर इससे मिलवाऊंगा।

फिर वो बोले- तुम दरवाजे की कुंडी लगा लो, ताकि कोई डिस्टर्ब न करे। फिर मैं तुम्हें जवानी का ज्ञान दूंगा।

मैं जाने लगी तो बोले- एक बार सबको देख आओ कि सब सो गए हों। सु-सु वगैरह कर आना और फिर अपनी नीचे वाली चीज को अच्छी तरह से धो आना।

मैंने चेक किया तो सब सो चुके थे.

और फिर जैसे ही मूतने के लिए बैठी तो ऐसा लगा जैसे मेरी चूत से कुछ निकल रहा है।
मैंने चूत पर हाथ लगाया तो कुछ चिपचिपा सा था। मैंने पेशाब किया और चूत को अच्छे से धोया।

जल्दी से मैं जीजाजी के पास पहुंची क्योंकि मुझे चूचियां दबवाने में बहुत मजा आ रहा था।

मैं अंदर पहुंची तो पाया जीजा ने अपना टीशर्ट और बनियान भी निकाल दिया था, वो केवल जांघिया में थे।

फिर वो पीठ के बल लेट गए और बोले की पीठ की मालिश कर दो।

आज्ञाकारी लड़की की तरह मैं उनके चूतड़ों पर बैठकर उनकी पीठ की मालिश करने लगी।

दस मिनट तक मालिश करने के बाद वो उठ गए और बोले- तुम बताओ अब, क्या करवाना है।?
मैंने चूचियों की ओर इशारा करते हुए कहा- वैसे ही कीजिए, अच्छा लग रहा था।

जीजाजी- साली साहिबा, दबवाना है तो टी–शर्ट को निकाल दो, फिर इस पर तेल लगा कर मालिश कर दूँगा और पूरे बदन को ढंग से रगड़ कर मालिश करूँगा।
मैंने टी–शर्ट उतार दिया।

वो बोले- बाकी के कपड़े भी उतार लो।
मैंने कहा- फिर तो नंगी ही हो जाऊंगी मैं!
वो बोले- हां तो शर्म तो छोड़नी ही पड़ेगी, वरना क्या सीखोगी। लड़की जब औरत बनने चलती है तो उसे नंगी होना ही पड़ता है। लोअर निकाल लो, तुम्हारे चूतड़ों की मालिश भी तो होनी है।

मैंने कहा- लाइट बंद कर दीजिये, मुझे शर्म आ रही है।
तो जीजा बोले- कैसे पता चलेगा कि कहाँ ज्यादा दबाना है और कहां कम? तुम उतार कर नंगी हो जाओ।
मैं ऊपर से पूरी नंगी हो गई।

उन्होंने मेरी चूचियों को अच्छे से देखा जैसे डॉक्टर देखता है। फिर उनके निप्पलों को पकड़ कर बोले- ये ढीले हैं।
मैं- तो क्या करना होगा?
फिर उन्होंने मुझे अपनी ओर खींच लिया और अपनी जांघ पर मुझे बिठाकर मेरे होंठों को चूमने लगे।

मुझे पहले अजीब लगा लकिन कुछ देर बाद मजा आने लगा और मैं भी उनका साथ देने लगी।
करीब 20 मिनट चूसा होंठो को मेरे।

फिर बोले- देखो अब निप्पलों को!
मैंने देखा कि सच में निप्पल टाइट हो गए थे।

फिर उन्होंने निप्पल को मुंह में लिया और चूसने लगे।
उन्होंने मुझे ऐसे बैठाया हुआ था कि उनका लंड मेरी दोनों जांघों के बीच में एकदम मेरी चूत से चिपका हुआ था।

15 मिनट तक वो मेरी चूचियों को चूसते रहे और मैं मदहोश सी होने लगी।
फिर उन्होंने मुहं हटा लिया तो मैं बोली- क्या हुआ, रुक क्यों गए?
जीजाजी- साली साहिबा, आपको अब ज्ञान भी तो देना है, और चिंता मत करो, मैं मजा भी पूरा दूंगा, अब तुम लेट जाओ।

मैं लेट गई और जीजाजी ने मेरी चूचियों को पकड़ कहा- इसे क्या कहते हैं?
मैं शरमाते हुए बोली- चूची।
जीजा- इसे? (निप्पल को पकड़ कर)
मैं- निप्पल।

जीजाजी- वैरी गुड, तुम बहुत अच्छा सीख रही हो।
फिर वो मेरी जांघों पर बैठ गए और उनका लंड मेरी नाभि से टकरा रहा था।
फिर उन्होंने सरसों का तेल लिया और मस्त तरीके से मेरी चूचियों को मसलने लगे।

20 मिनट तक मालिश करने के बाद जीजा ने मुझे उठाया और खुद लेट गए।
फिर बोले- साली साहिबा, जैसे मैं तुम्हारे ऊपर बैठकर मालिश कर रहा था वैसे तुम भी करो।

मेरा ध्यान उनके जांघिए पर गया तो मैंने उनकी ओर देखा।
फिर बोले- देख क्या रही हो, बैठ जाओ, बैठना तो पड़ेगा ही।
उन्होंने जांघिया में हाथ देकर अपने डंडे को पेट से चिपका लिया।

मैं बैठ गई तो उनका डंडा मेरी चूत पर जोर देने लगा। मैं गनगना गई।
फिर वो बोले- आह्ह, साली साहिबा, चूतड़ों को आगे पीछे हिलाते हुए छाती की मालिश करो।

उनकी छाती बहुत ही मजबूत और बालों से भरी थी, फिर मैंने छाती की मालिश करना शुरू किया। मुझे अब महसूस होने लगा कि मेरे पेशाब वाले रास्ते से कुछ रिस रहा है। वहां पर खुजली होना भी शुरू हो गई।

कुछ देर मालिश करने के बाद वो उठे और उनका हाथ सीधा मेरी चूत पर चला गया।
एक डेढ़ घंटा बीत गया था और मैं अब तक जीजाजी की गुलाम बन चुकी थी।

उन्होंने लोअर निकालने को कहा तो मैंने शर्माते हुए निकाल दी।
फिर उन्होंने पैंटी के ऊपर से हाथ फेरा तो पैंटी भी निकालने को कहा। फिर उन्होंने मेरी चूत को ध्यान से देखा।

वो एक हाथ से मेरी जांघों को सहलाते हुए दूसरे से मेरी चूत को छूने लगे।
मैं सिहर गई।
वो बोले- तुम तैयार हो औरत बनने के लिए!

फिर वो मेरी चूत को और भी मस्त तरीके से सहलाने लगे।
मुझे बहुत मजा आने लगा।

जीजा मेरी चूत को सहलाते हुए बोले- इसे क्या बोलते हैं निशा?
मैंने शरमाते हुए कहा- बुर!
जीजाजी- तो फिर चूत और भोसड़ी किसे कहते हैं?
मैं- इसी को बोलते हैं जीजू।

फिर उन्होंने मुझे लेटाकर अपनी जीभ को मेरी जांघों के बीच में फिराना शुरू कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगे।

मैं एकदम से पागल हो गई, मैं सिसकारते हुए बोले- ये क्या कर रहे हो जीजू!
वो बोले- तुम बस मजा लो अब।

फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और मैं कसमसाने लगी।
मैं जीजू के सिर को चूत पर दबाना चाह रही थी लेकिन शर्म के मारे ऐसा नहीं किया।

फिर मुझे पेशाब आने लगा तो मैंने कहा- सुसु आ रहा है।
वो बोले- अब नहीं हटूंगा। तुम्हें जो आ रहा है आने दो।

जीजू लगातार मेरी चूत को चाटते रहे।
कुछ ही देर में मैं सातवें आसमान में उड़ने लगी।

मैंने जीजा के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और मेरी चूत से गर्म गर्म पानी सा निकलने लगा।
मैं कांपने लगी लेकिन जीजाजी लगातार मेरी चूत को चाटते रहे।

मेरी चूत से जो कुछ भी निकला, जीजाजी उसे पूरा चाट गए और बोले- निशा, तुम तो अपनी दीदी से भी ज्यादा नमकीन हो।
मैं- जीजाजी … स्स्स्स्स … बहुत मजा आ रहा है, खुजली बहुत जोर से हो रही है, कुछ करिए नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगी।
जीजा- निशा, क्या तुम पूरा मजा लेने के लिए तैयार हो?

मैं- हां जीजाजी, दीजिये पूरा मजा, ऐसा मजा मैंने कभी नहीं लिया है।
फिर जीजाजी मेरे उपर से हट गए तो मैंने उनको पकड़ कर कहा- कहाँ जा रहे हैं, और करिए ना?
जीजाजी- मैं जा कहीं नहीं रहा हूँ, तैयारी कर लूं, तुम्हारे चूतड़ों की मालिश करनी है अब!

मैं- जीजाजी नहीं, आप ऐसा मत करिए, आप मेरी चूत को चाटिये, मालिश बाद में करियेगा।
जीजा- मैं तैयार हूँ, लेकिन मजा तो केवल तुम्हें आ रहा है, मुझे भी तो मजा दो ना?
मैं- मैं कैसे मजा दूँ, मुझे कुछ भी पता नहीं है।

जीजाजी मेरे चेहरे के सामने अपने जांघिये को लाकर बोले- ले … इसको बाहर निकाल और चूस इसको, जैसे मैं तेरी चूत को चाट रहा हूँ।
मैं- ये क्या है जीजू?
जीजाजी- इसको लंड कहते हैं, और भी हैं इसके नाम लाड, मूसल नाम तो सुना ही होगा।

मैं शर्मा गई तो जीजा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोले- तुम इसको प्यार करो, जैसे मैं कर रहा हूँ।
मैंने शर्माते हुए उनके जांघिये को जैसे ही नीचे किया, एक मोटा सा पाइप मेरे होंठों पर आ कर लगा।
शायद मेरी कलाई से ज्यादा मोटा होगा और बहुत ही लम्बा था।

जीजा बोले- चाट इसे अच्छे से!
मैं पीठ के बल लेटी थी और वो मेरे ऊपर उल्टा हो कर आ गए और मेरी चूत चाटने लगे और बोले- चूस और चाट मेरा लंड, और पूरा अंदर तक ले मुंह में, तेरी दीदी पूरा लेती है इसे!

मैंने मुंह खोला लेकिन मेरे मुंह में वो घुस ही नहीं रहा था।
मैं बोली- ये तो जा ही नहीं रहा मुंह में।
वो बोले- कैसे भी करके लो जल्दी, नहीं तो मैं डालूंगा फिर मुंह में।

फिर उन्होंने मेरी टांगों को फैला कर अपनी जीभ चूत के अन्दर कर दी और मेरी चूत को उंगली से सहलाने लगे।

मैं केवल उनके लंड का टोपा ही चाट रही थी।
मेरी चूत में जैसे ही जीजा की जीभ जाती, मैं पागल हो जाती।

मैंने उनको जीभ अंदर ही रखने को कहा।
उन्होंने फिर अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालनी चाही तो मुझे दर्द हुआ।

फिर भी उन्होंने पूरी उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगे।
मैं कुछ ही देर में एकदम से मस्त हो गई और चूतड़ भी उठाने लगी।

वो बोले- लगता है तुम अपनी दीदी से भी ज्यादा बड़ी रंड़ी बनोगी। तुम्हें अपनी रखैल बनाकर चोदूंगा।
तभी मेरी चूत से फिर कुछ निकलने लगा।

जीजाजी बोले- तुम बहुत गर्म हो निशा रानी, तुमको पक्का मैं एक दिन रंडी बना दूंगा।
जीजा की बातें सुन कर मुझे मजा आ रहा था।

फिर वो उठे और बोले- चुदवाओगी?
मैंने कहा- ये क्या होता है?
वो बोले- अपनी चूत में लंड डलवाओगी?

मैं बोली- आपकी उंगली गई तो इतना दर्द हो गया, ये इतना मोटा जाएगा तो मैं मर ही जाऊंगी।
वो बोले- जैसे तेरी दीदी की चूत में जाता है, वैसे ही तेरी में भी जाएगा।
फिर उन्होंने मुझे बैठा दिया और खुद खड़े हो गए और मेरे मुंह में लंड डालने लगे।

उनका एक तिहाई लंड ही मुंह में जा पाया।
फिर बोले- ऐसे ही तुम्हारी चूत और गांड को फैलाना है।
फिर वो मेरी चूत में एक उंगली डालकर चोदने लगे।

कुछ देर बाद दूसरी उंगली डालने की कोशिश करने लगे।
मैंने कहा- नहीं जाएगी।
तो उन्होंने एक हाथ से मेरे बालों को पकड़ा और जोर का झटका मारा।

मेरे मुंह में आधे से ज्यादा लंड घुस गया और दो उंगली नीचे से चूत में भी घुस गईं।
मेरी आँखों से आंसू बहने लगे।

अब वो दोनों तरफ धक्का लगाने लगे।
मुझे फिर कुछ देर में मजा आने लगा और मैं फिर झड़ गई।

काफी देर तक मेरे मुंह को चोदने के बाद जीजा बोले- मेरी रानी … मलाई निकलेगी, पूरी पी जाना उसे!
मैं कुछ कहती उससे पहले लंड से मलाई जैसा कुछ निकलने लगा मेरे मुंह में, और मैं उसका स्वाद लेने लगी।

मलाई का स्वाद अजीब लगा लेकिन मैं पूरा चाट गई।
फिर जीजा उठे और बोले- 3 बज रहे हैं। चलो सो जाओ, सुबह उठना भी है। कल रात को तेरी चूत में लंड डालूंगा।

मैं अपने कपड़े पहनकर वहीं पर लेट गई और जीजाजी भी अपने कपड़े पहनकर मेरे से चिपकर कर लेट गए।
फिर कब नींद आई मुझे पता नहीं चला।

आगे की घटना मैं अगली कहानी में बताऊंगी कि जीजा ने कैसे मेरी सील तोड़ी और मुझे इतनी जोर से चोदा कि मैं एक हफ्ते में ही रंडी बन गई।

दोस्तो, आपको हॉट साली की जवानी का मजा कैसा लगा, मुझे जरूर बताना।
कहानी के नीचे अपने कमेंट्स में आप मेरी स्टोरी के बारे में लिख सकते हैं।

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