कमसिन पड़ोसन की चूत चोदने का मौका

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सेक्सी लड़की की चूत का मजा मुझे मिला पड़ोस की कमसिन जवान लड़की ने … उनके घर मेरा आना जाना था और मैं उस लड़की को पसंद करता था. तो हमारी चुदाई का रास्ता कैसे खुला?

सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम आर्यन है.
मैं देखने में काफी आकर्षक हूँ. मेरी लम्बाई 5 फुट 8 इंच है, उम्र 25 साल की है और मेरा लंड 7 इंच लंबा व 3 इंच मोटा है.

मेरे घर में तीन ही लोग रहते हैं. पापा मम्मी और मैं.
पापा टीचर है और मम्मी घर पर रहती हैं.

सेक्सी लड़की की चूत का मजा मेरे बगल वाले घर में रहने वाली परी ने दिया.

अब मैं आपको परी के बारे में बताता हूँ.
परी का फिगर 34-30-36 का था. रंग एकदम दूध सा गोरा था और उसकी उम्र 19 साल थी.
वह देखने में किसी स्वप्न सुंदरी से कम नहीं थी. उसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था.

मेरा दावा है कि कोई भी परी को पहली बार में देखकर ही अपने लंड को दबाने में लग जाएगा.

परी के घर में उसका छोटा भाई और मम्मी पापा ही रहते थे.

परी मेरे घर के बगल में रहती थी तो हम दोनों के घरों में लोगों का आना जाना था, जिसके कारण परी मेरे घर पर कभी कभी आ जाया करती थी.
मैं उसे बहुत पसंद करता था.

एक दिन की बात है मेरे घर पर कोई भी नहीं था. पापा मम्मी, बुआ के यहां शादी में ग्वालियर गए थे.

मेरे ग्रेजुएशन की पढ़ाई चल रही और कॉलेज में पेपर चल रहे थे.
इसी कारण से मैं मम्मी पापा के साथ नहीं जा पाया.
मुझे बहुत बुरा भी लग रहा था.

पापा मम्मी को 3 दिन बाद वापस आना था.
इसी वजह से मम्मी ने परी के घर जाकर सुनीता आंटी से कह दिया कि आर्यन का थोड़ा ध्यान रखना और उसे देखे रहना.
परी मम्मी का नाम सुनीता है.

शाम को सुनीता आंटी ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया तो मैं परी के घर आ गया.
सबने खाना खाया.

थोड़ी देर टीवी देखने के बाद मैं अपने घर पर आ गया.
अकेले होने के कारण मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं छत पर जाकर घूमने लगा.

थोड़ी देर घूमने के बाद में नीचे जाने को हुआ ही था कि तभी परी अपनी छत पर आ गई.
उसने मुझे आवाज दी और हम दोनों बात करने लगे.

वह कहने लगी- क्या हुआ, छत पर क्यों टहल रहे थे, क्या पढ़ाई नहीं करना है?
मैंने कहा- पढ़ाई करके ही तो तुम्हारे घर खाना खाने गया था. अब घर में अकेले होने से बोरियत हो रही है तो छत पर टहलने आ गया.

वह बोली- हां यह तो तुम सही कह रहे हो. घर में अकेले रहने से मन नहीं लगता है.

इसी तरह से हम दोनों अलग अलग विषयों पर बात करते रहे.

बातों ही बातों में हमारे बीच फिल्मों की बातें होने लगीं.
वह अपनी पसंद के हीरो बताने लगी और मुझसे पूछने लगी कि तुमको कौन सी हीरोइन पसंद है.

मैंने आलिया भट्ट का नाम लिया तो वह हंसने लगी.
मैंने उससे हंसने का कारण पूछा तो वो कुछ नहीं कह कर मुस्कुराने लगी.

मैंने कहा- तुम भी तो आलिया जैसी ही लगती हो!
वह एकदम से मेरी तरफ घूरने लगी और कहने लगी- इस बात का क्या मतलब हुआ?

मैंने कहा- कौन सी बात का मतलब पूछ रही हो?
वह मुझे घूरती हुई बोली- यही कि मैं आलिया भट्ट सी लगती हूँ?

मैं हंसने लगा और कहा- यही कि तुम आलिया भट्ट सी दिखती हो और मुझे आलिया भट्ट पसंद है.

वह मेरी आंखों में अपनी आंखें डाल कर मुझे गुस्से भरी नजरों से घूरने लगी.

उसी समय मैंने परी को बोल दिया- परी, मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.

अब उसने मुझे और ज्यादा गुस्से में देखा और बिना कुछ बोले नीचे चली गई.

मैं घबरा गया कि ये आंटी को ना बोल दे.

तो मैं भी अपनी फटी हुई गांड लेकर नीचे आ गया.
इसी वजह से मैं पूरी रात सो नहीं पाया; बस यही सोचता रहा कि सुबह पता नहीं क्या होगा.

सुबह हुई तो परी मेरे घर आई और खाने के लिए बुलाने लगी.
मैंने मुँह फेर लिया और उसके साथ नहीं गया.

कुछ देर बाद परी खाना लेकर मेरे घर पर आ गई.
वह बोली- खाना खा लो.
मैंने कह दिया- मुझे भूख नहीं है. मुझे नहीं खाना.

वह बोली- खाना तो खा लो मेरे मजनू … खाने से कौन सी लड़ाई है?
मैंने उसकी तरफ देखा और उससे सॉरी कहते हुए बोला- प्लीज, यह बात किसी से मत कहना.

वह बोली- मैंने किसी को कुछ नहीं बताया. वैसे तुम कौन सी बात किसी को नहीं बताने की कह रहे हो?
मैंने उसकी तरफ संजीदगी से देखा और यह समझने की कोशिश की कि इसका मूड कैसा है.

उसके चेहरे पर शरारत दिख रही थी.
मैंने कहा- वही बात जो मैंने तुमसे कही थी!

वह पलकें झपकाती हुई बोली- कौन सी बात कही थी?
मैंने उससे कहा- यही कि मुझे आलिया भट्ट पसंद है और तुम आलिया भट्ट जैसी लगती हो.

वो बोली- हम्म … और?
मैंने कहा- और … और कुछ नहीं.
वह मुझे देखने लगी और बोली- और कुछ नहीं?

मैंने अपने गले से धीमी सी आवाज निकाली- और नोकें.
उसने कहा- क्या … क्या कहा?
मैं चुप रहा.

वो सीना तान कर बोली- नोकें कहा ना तुमने?
मैं हंस दिया.

वो मुँह बना कर बोली- अब बताती हूँ बेटा सबको कि तुझे मैं क्या लगती हूँ. और तुझे मेरी कौन सी नोकें पसंद हैं.

मैंने अपने कान पकड़ कर सॉरी कहा.
वो हंस दी और कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गई.

उसके चेहरे पर माफ कर देने जैसे भाव थे.
मैंने इशारे से उसको थैंक्स बोला और इस तरह से हम दोनों करीब आने लगे थे.

उसके बाद वह चली गई.
शाम को परी फिर से खाना लेकर आई तो मैंने उसको बैठने को कहा और उसने मुझे खाना परोसा.

तब मैंने उठकर उसको पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
वह भी मेरे होंठों से लग गई.
मैं उसके होंठों के रस को पीता गया.

कोई 5 मिनट किस करने के बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने एक हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल दिया और उसके दूध दबाने लगा.

अब वो मदहोश होने लगी थी.
उसके मुँह से अजीब सी आवाजें ‘आ … ऊऊ … आ … ईईई …’ आ रही थीं.

उसकी ये आवाजें मुझे और मदहोश कर रही थीं.
मैंने कहा- आई लव यू बेब.
वह मेरे गाल पर पप्पी लेकर बोली- लव यू टू मेरा बच्चा.

यह सुनते ही मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया.
अब वह काले रंग की ब्रा में मेरे सामने थी.

क्या चीज लग रही थी वो … लंड ने फुंफकार मारना शुरू कर दी.
फिर मैंने उसकी पैंट को निकाल दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा.

परी तो मानो पागल हो चुकी थी.
वह मेरे सीने पर किस कर रही थी और मुझसे ऐसे चिपकी थी जैसे कोई सांप चंदन के पेड़ से लिपटा हो.

कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत को अपने मुँह से चाटने लगा था.
उसकी चूत गुलाब की पंखुड़ी जैसी गुलाबी और नर्म थी.

मैं भी पागल सा हो गया था.
परी की चूत देखकर और मैंने बिना देर किए अपने होंठ परी की कोमल चूत पर रख दिए और उसकी चूत की मलाई को अपनी जीभ से चाटने लगा.

परी की चूत एकदम से लाल हो गई थी और उसके मुँह से आवाज निकल रही थी- आआह … उह … उई!

उसकी चूत से फिर से पानी निकलने लगा जिसे मैं पी गया.

फिर मैंने अपने लंड को निकाल कर उसको आजाद कर दिया.
मेरे लंड को देखकर वो घबरा गई.

मैंने उसको समझाया और चूसने को बोला.
वह लंड देखने लगी.

तो मैंने उसके मुँह में अपना लंड दे दिया और वह चूसने लगी.

कुछ देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और उसे में कर दिया.

वह दोनों टांगें फैलाए लेटी थी.
मैं फिर से टांगों के बीच में आया और उसकी चूत को चाटने लगा.

उसकी चूत पहले से ही लाल हुई पड़ी थी. वो लौड़े के लिए कुलबुला रही थी.

मैंने उसकी चूत पर तेल लगा दिया और टांगें जरा और फैला दीं.
फिर उसकी चूत के मुँह पर अपने लंड के सुपारे को रखकर धीरे धीरे अन्दर करने लगा.

वह कसमसा रही थी मगर किसी तरह मैंने लौड़े के सुपारे को चूत की फांकों में अन्दर फंसा दिया.

परी दर्द से कराहने लगी और उसकी मुट्ठियां भिंचने लगीं.

उसी समय मैंने एक तगड़ा झटका दे दिया, जिससे मेरा आधा लंड परी की चूत में घुस गया.

वह तो मानो ऐसे छटपटाने लगी जैसे मैं लोहे का गर्म सरिया उसकी चूत में ठांस दिया हो ‘आआह … ईईई … उईईई … मर गई … आह इसे बाहर निकालो.’
परी लंड निकालने के लिए बोलने लगी. मगर मैं पेले पड़ा रहा.

अब मैंने उसको एक किस किया और उसके एक दूध को मुँह में लेकर चुभलाना शुरू कर दिया.

मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर कुछ देर तक चूसता रहा, तब जाकर उसका दर्द कम हो पाया.

वह अपनी गांड हिलाने लगी थी.
यह देखते ही मैंने पुन: एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा लंड, चूत फाड़ कर अन्दर तक चला गया.

वह फिर से रोने लगी और चिल्लाने लगी ‘आआह … उई … मर गई …’

मैं फिर से उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगा और दूध दबा दबा कर उसे मस्त करने लगा.

कुछ देर बाद परी भी मेरा साथ देने लगी.
इस बार वह गांड उठा उठा कर लंड ले रही थी और अपने मुँह से मादक आवाजें निकाल रही थी ‘आआ … ईईई … ऊऊऊ … और तेज चोदो आआह … ईईई …’
धकापेल चुदाई चलने लगी थी.

काफी देर तक उसकी चुदाई करने के बाद मैं अपने चरम पर आ गया.
अब तक परी दो बार झड़ चुकी थी.
मैं भी उसी की चूत में झड़ गया.

हम एक दूसरे से चिपके ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे.

फिर परी की मम्मी का फोन आया और उन्होंने उसे घर आने का कहा क्योंकि काफी रात हो गई थी.

उसके बाद परी अपने घर चली गई.

उसने कुछ देर बाद मेरे नम्बर पर फोन किया.
हम दोनों काफी देर तक बातें करते रहे.

करीब एक बजे मैंने परी को छत पर बुलाया और हम दोनों ने छत पर चुदाई की.

सुबह चार बजे तक हमने एक बार और सेक्स किया.
हम दोनों ही थक गए थे तो मैं और परी अपने अपने कमरे में जाकर सो गए.

तीसरे दिन मेरे मम्मी पापा शादी से वापस आने वाले थे, उन्हें शाम तक आना था.

मैंने फोन लगाकर परी को घर बुला लिया.
हमने दो बार और चुदाई की.

उसके बाद वह अपने घर चली गई और मेरे मम्मी पापा भी घर आ गए.

अब हमें जब भी मौका मिलता है, हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.

दोस्तो, आप लोगों को मेरी सेक्स कहानी जिसमें मुझे सेक्सी लड़की की चूत का मजा मिला, अच्छी लगी होगी.
अपना प्यार देना, अपने विचार कमेंट्स में बताना.

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