दुकान वाली भाभी को पटा कर चोदा

Bhabhi Sex Stories

हॉट भाभी की Xxx चुदाई मैंने उसी के घर में की. मैंने उस भाभी को उसकी दूकान पर देखा था. बहाने से मैंने उसका फोन नम्बर ले लिया था.

दोस्तो, मेरा नाम जय कुमार है। मैं दिल्ली के एक कॉलेज में पढ़ने के साथ-साथ एक पार्ट टाइम जॉब भी करता हूं।
बचपन से ही खेलों में मेरी रूचि रही और इसी कारण मेरी अच्छी खासी बॉडी है।

कॉलेज में आने के बाद मैं जिम करने लगा और उसके बाद मेरी बॉडी और भी ज्यादा आकर्षक दिखने लगी।

अभी मैं 22 साल का हूं और मेरी हाइट 6 फीट से थोड़ी ऊपर है।

अब मैं आपको हॉट भाभी की Xxx चुदाई की बात बताता हूं।

दोस्तो, मुझे अपनी जॉब के कारण दिल्ली में अलग अलग जगह जाकर लोगों से मिलना पड़ता है और उनसे भुगतान लेना होता है।
एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे कहा कि मुझे लक्ष्मीनगर जाना है और वहां पर किसी अशोक नाम के आदमी से मिलकर पैसे लेने हैं।

उन्होंने मुझे उसका नंबर और एड्रेस भेज दिया और मुझे जाने के लिए कहा।

मैं अपने एक दोस्त को लेकर निकल गया। मैं बताये हुए पते पर पहुंचा लेकिन उस गली में उस एड्रेस से मुझे घर नहीं मिला।

मैंने अशोक को फोन करने की कोशिश की लेकिन उसका नम्बर भी बंद आ रहा था।
फिर मैंने बॉस को फोन करके अशोक की फोटो मांगी तो उसने मुझे फोटो दे दी।

हम लोग उसकी फोटो दिखाकर वहां पर आसपास के लोगों से पूछने लगे।

मेरा दोस्त पूछ रहा था और मैं पास की एक दीवार पर बैठ गया।

चूंकि सर्दियों का मौसम चल रहा था तो सब लोग गली में बैठकर धूप सेंक रहे थे।
कई बूढ़ी महिलायें और बच्चे भी बाहर बैठे धूप सेंक रहे थे।

पास में ही एक परचून की दुकान भी थी तो काफ़ी औरतें दुकान के सामने बैठ कर गप्पें मार रहीं थीं।

मैंने जब उधर देखा तो दस-बारह औरतों में एक 28-30 साल की औरत थोड़ी अलग बैठी बात कर रही थी।

मैं तो उसे देखते ही बस देखता ही रह गया।

उसे देखकर लग रहा था जैसे भगवान ने एक एक अंग तराश कर कोई खूबसूरती का पुतला तैयार किया हो।
मैं थोड़ी देर तक तो भूल गया कि मैं कहां हूं। मैं उसके मखमली बदन को देखे जा रहा था।

भाभी के भारी वक्ष, भरा हुआ बदन और रसीले होंठ गजब ढहा रहे थे।
मैं बस उसी में खो गया और ताकता रहा।

कुछ देर बाद जब उसे अहसास हुआ कि कोई उसे घूर रहा है तो उसने मेरी तरफ देखा।

फिर वो दोबारा से बातें करने लगी।
अब वो बातें करते हुए बीच बीच में मुझे भी देख रही थी।
मैं अभी भी उसी की ओर देखे जा रहा था।

तभी किसी ने पास आकर पूछा- दुकान पर कोई है नहीं क्या?
ये बात उस भाभी ने भी सुनी और वो एकदम से उठकर चली।

उसकी उठी हुई गांड और मटकती चाल देखकर मेरा लौड़ा तो खड़ा होने लगा।

वो चलकर दुकान में आई और ग्राहक से बात करने लगी।
मैं उसको ही देख रहा था।

थोड़ी देर बाद जब ग्राहक उनकी दुकान से चला गया तो मैं दुकान पर जाकर खड़ा हो गया और उन्हें देखने लगा।

उन्होंने थोड़ी देर तक मुझे देखा और बोली- क्या चाहिए?
मैंने एकदम से बोला- तुम।
वो थोड़ा हिचकिचा कर बोली- क्या कह रहे हो?

मैंने थोड़ा होश संभाला और उसे सॉरी बोला और कहा- मुझे रसना चाहिए, घूम घूमकर काफी थक गया हूं।
वो हंसने लगी और मुड़कर कुछ ढूंढने लगी। मुझे उसकी गांड अब करीब से दिख रही थी।

फिर पलटकर उसने मुझे रसना दे दिया।
मैंने पूछा- कितने पैसे हुए?
वो बोली- बीस रुपये।

मेरे पास खुले पैसे तो थे लेकिन मैंने जानबूझकर कहा- क्या मैं ऑनलाइन ट्रांस्फर कर दूं? मेरे पास खुले पैसे नहीं हैं।
वो मुस्कराकर बोली- जी, कर दो।

मैंने उसको अपना फोन पकड़ा दिया और उसने अपना नम्बर उसमें भर दिया। मैंने उसको पैसे ट्रांस्फर कर दिए।

मेरा वहां से जाने का मन नहीं कर रहा था लेकिन फिर दोस्त बुलाने लगा तो मुझे वहां से जाना पड़ा।

इत्तेफाक से जो नम्बर उसने दिया था उस पर उसका व्हाट्सएप भी था।
मैंने उसको मैसेज किया तो उसने रिप्लाई भी दे दिया।
फिर इस तरह से मेरी उस भाभी से चैट होने लगी।

उससे बात करने पर पता चला कि उसका पति काम से बाहर ही रहता है और वो घर में अपनी 4 साल की बेटी के साथ रहती है।
फिर हम दोनों में हंसी मजाक होने लगा।

एक दिन मैंने मजाक में उससे कहा- आपके पति इतने दिनों तक बाहर रहते हैं तो घर में पति वाले काम कौन करता है?
वो बोली- अभी तो कोई नहीं करता, आपको करना है तो आप आ जाओ।

मैं बोला- सोच लो, कभी फिर आप मना कर दो?
फिर वो हंसकर बोली- नहीं नहीं, मैं तो मजाक कर रही थी। ऐसा कुछ नहीं है।

इसके बाद भी मैंने भाभी से बात करना जारी रखा।

अब धीरे धीरे मैं अश्लील मैसेज भी भेजने लगा।
वो बुरा नहीं मानती थी।

एक दिन मैंने उसको चुदाई का वीडियो भी भेज दिया।
उसने तब भी कुछ नहीं कहा।

फिर उससे सेक्स चैट भी होने लगी।
मुझे पता लग गया कि उसकी चूत भी लंड मांग रही है।

एक रात को हम दोनों सेक्स चैट कर रहे थे।
वो बोल पड़ी- कल तुम मेरे घर आ सकते हो क्या?
मैंने बिना सोचे कह दिया- बिल्कुल, बताओ कब आना है?
वो बोली- शाम को ही आना। दिन में तो मैं दुकान पर रहती हूं तो टाइम नहीं मिल पाएगा बात करने का।

मैं बोला- क्या बात करनी है ऐसी?
वो बोली- तुम आओगे तो बताऊंगी।
मैं जान गया कि कल मुझे चूत मिलने वाली है।

उसके बताए टाइम पर मैं अगले दिन उसके घर पहुंच गया।
शाम का समय था और अंधेरा हो गया था।

घर जाकर उसने मुझे चाय के लिए पूछा तो मैंने मना कर दिया।

फिर वो खाने के लिए कहने लगी तो मैं भी मना नहीं कर पाया।
खाने के बाद उसने अपनी बच्ची को रूम में सुला दिया।
मैं बोला- क्या बात थी, तुम कुछ कहना चाहती थी?

वो बोली- नहीं, वो बस अकेली थी तो तुम्हें बुला लिया। ऐसी कोई खास बात नहीं थी।
फिर मैंने उससे कहा- मुझे चलना चाहिए।

मैं उठकर जाने लगा तो वो पीछे से आकर मुझसे लिपट गई।
तो मैं पलटा और मैंने भी उसको बांहों में भर लिया।

वो मेरे गले से लगकर बोली- जय … मैं बहुत अकेली महसूस करती हूं। मुझे प्यार करने वाला कोई नहीं है।

मैंने भाभी की गांड को सहलाते हुए कहा- मैं हूं न … मैं करूंगा तुम्हें प्यार!
हम दोनों वहीं पर खडे हुए एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे।

फिर वो मुझे पकड़ कर अपने ऊपर वाले रूम में ले गई।
वहां पर जाते ही उसने दरवाजा बंद किया और मेरे बदन से लिपटकर मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मैं भी उसके जिस्म को जहां तहां से चूमने लगा।

देखते ही देखते दोनों के कपड़े उतर गए और अगले दो मिनट में हम दोनों पूरे नंगे हो गए थे।

उसके मोटे मोटे चूचे देखकर मैं पागल हो गया।
मैंने उनको दबाना शुरू किया और मेरा जोश एकदम से बढ़ गया।
मैं जोर जोर से उसकी चूचियों को भींचने लगा।

वो भी गर्म होती चली गई।
अब मैं उसके पूरे बदन को चूमता हुआ नीचे की ओर जाने लगा और उसकी चूत पर मुंह रख दिया।
मैंने उसकी चूत को सूंघा और उसे चाटने लगा।

उसकी सिसकारियां निकलने लगीं और वो आह्ह … आह्ह … करते हुए मेरे बालों को सहलाने लगी।
वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबाने की कोशिश कर रही थी।
मुझे भी उसकी चूत में जीभ देने में पूरा मजा आ रहा था।

थोड़ी देर में ही वो बिल्कुल गर्म हो गई और मुझे अपना लंड डालने को कहने लगी।
मैं भी उसकी चुदाई के लिए तैयार था।

मैंने उसकी टांगों को चौड़ी फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत पर टिका दिया। मैंने एक धक्का दिया और लंड को उसकी चूत में घुसा दिया।

उसको थोड़ी सी तकलीफ हुई लेकिन फिर वो अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को चूत में एडजस्ट करने लगी।

धीरे धीरे करके मैंने लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में उतार दिया और फिर उस ।
मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ने लगी।

मुझे जोश चढ़ गया और मैं उसके कसकर चोदने लगा।
उसके मुंह से दर्द और मजे की मिली जुली आवाजें आ रही थीं- आह्ह … आईई … ऊईई … ओईईई ओह्ह … आराम से आह्ह … आह्ह … आराम से करो … अम्म … आह्ह … हाय … उफ्फ … आह्ह।

वो चीखती-चिल्लाती रही और मैं उसे चोदता रहा।
फिर कुछ देर की चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ढीली पड़ गई।
मेरा लंड अभी भी वैसा का वैसा खूंखार रूप में था।

मेरे लंड पर उसकी चूत का रस लगा हुआ था जिससे लंड पूरा चिकना दिख रहा था।
मैंने थोड़ी देर का विराम दिया और फिर से उसको चोदने लगा।
अब उसको चूत में दर्द हो रहा था।

फिर चुदते हुए ही वो दोबारा से गर्म होने लगी।
एक बार फिर से वो अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी।
उसकी चूत में लंड पच-पच की आवाज के साथ अंदर बाहर हो रहा था।

मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा।
वो भी पूरे जोश में थी।
मैंने उसकी चूत में से लंड को निकाल लिया और फिर उसके मुंह के सामने कर दिया।

उसने मेरे लंड को अपनी पैंटी से पौंछा और फिर उसको मुंह में लेने लगी।
उसने पहले तो मरे मन से चूसा और फिर धीरे धीरे अच्छे से चूसने लगी।

मैं उसकी चूत मारते हुए पहले से ही बहुत जोश में था।
अब मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और उसे अपने लंड पर दबाने लगा।
उसको उल्टी होने लगी तो मैंने लंड को निकाल दिया।

फिर मैं उसको दोबारा से लंड मुंह में लेने के लिए कहा।
वो बोली- ज्यादा अंदर मत घुसाओ, मुझे उल्टी हो रही है।
मैंने कहा- ठीक है, तो आराम से चूस लो।

फिर मैं लेट गया और वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

मैं जैसे आनंद में गोते लगा रहा था।
फिर बीच बीच में वो मेरे आंड भी चूस रही थी।
अब मेरे लंड का कड़कपन अपने चरम पर था।

मैं उठा और मैंने उसको घोड़ी बना दिया।
मैंने उसकी कमर को पकड़ा और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया।

मैं उसकी चूत में तेज तेज धक्के मारने लगा और वो फिर से आह्ह … ऊह्ह … करने लगी।

मेरे हर धक्के के साथ उसकी चूत पूरी फैल जाती थी।
फिर मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुए उसको चोदना शुरू किया।
मेरा पानी अब निकलने के कगार पर था।

मैंने उसको ताबड़तोड़ चोदना शुरू किया और उसकी चीखें अब पहले से ज्यादा तेज हो गईं।

दो मिनट के बाद उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया।
अबकी बार उसकी चूत के गर्म गर्म पानी से मेरा वीर्य भी छूट गया और मैंने उसकी चूत में ही सारा माल छोड़ दिया।

माल निकलने के बाद मैं वैसे ही उसके ऊपर लेट गया।
उसने मुझे बांहों में भर लिया और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपके रहे।

थोड़ी के बाद मेरे लंड में फिर से तनाव आने लगा और मैंने फिर से उसको चोद डाला।

उस रात मैंने चार बार उस हॉट भाभी की Xxx चुदाई की।
वो सुबह तक चुदते हुए थक गई।

सुबह की रोशनी होने से पहले मैं उसके वहां से आ गया।
इस तरह दुकान वाली भाभी ने मुझे रातभर मजा दिया और खुद भी चुदने का मजा लिया।

दोस्तो, आपको ये हॉट भाभी की Xxx चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे बताना जरूर। मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
आप मुझे अपने कमेंट्स में और अपने मैसेज में अपना फीडबैक जरूर दें।
मेरा ईमेल आईडी है

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