पड़ोस की मदमस्त टीचर की चूत चोदी

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टीचर हैविंग सेक्स विथ स्टूडेंट कहानी में एक सेक्सी जवान लेडी टीचर ने अपने से कम उम्र के स्टूडेंट को अपनी वासना का शिकार बनाया. स्टूडेंट ने भी खूब मजा लूटा.

दोस्तो, मेरा नाम अयान है और मुझे सब लोग प्यार से अयू कहते हैं. मेरी उम्र 23 साल है. मैं लखनऊ का रहने वाला हूं.

मेरे घर पर हम 4 लोग रहते हैं, मम्मी पापा और एक मुझसे बड़ी मेरी बहन.

यह बात उस समय की है, जब मैं 21 वर्ष का था.

मेरा पढ़ाई में मन कम लगने के कारण मम्मी ने कहा- तुम बाहर कोचिंग क्लास न लेकर पड़ोस की लड़की से ट्यूशन ले लो.

वे पड़ोसन मेम एक टीचर भी थीं. वे अभी हाल में ही हमारी पड़ोसन बनी थीं और मैंने उन्हें अब तक देखा नहीं था.

पहले मैंने मना किया, पर मम्मी के कहने पर बाद में मैंने उनसे पढ़ने के लिए हामी भर दी.

अगले ही दिन से मैं उनसे पढ़ने उनके घर जाने को तैयार हो गया.

जैसे ही मैंने पड़ोसन की डोर बेल बजाई तो आवाज आई- आ रही हूँ.

फिर दरवाजा खुलते ही ऐसा लगा, जैसे कि कोई हुस्न परी मेरी आंखों के सामने आकर खड़ी हो गई हो.
उन्हें देख कर मैं सब कुछ भुला बैठा था; मेरे दिल का चैन कहीं खो गया था.
एक हसीन सा संगमरमर का बुत मेरे सामने खड़ा था.

लगभग 30 साल की युवती, जिसका बदन किसी संगमरमर की मूर्ति सा तराशा हुआ ऐसा लग रहा था कि हाथ रखो तो खिसक ही जाए.

उनकी लंबाई 5 फुट 4 इंच और सुडौल जिस्म का कटाव ऐसा कि आंखों को चुंधिया दें.
एकदम दूध जैसा बिल्कुल सफेद जिस्म और उनके सीने पर तने हुए दो खरबूज … ओह माई गॉड … क्या माल बनाया था. उनके दोनों दूध इतने बड़े थे कि कपड़ों के ऊपर से ही उभर कर मेरे कलेजे को चीर रहे थे.

उनके मम्मों का साइज़ वास्तव में इतना बड़ा था कि देख कर किसी का भी पानी निकल जाए.
उनके इस गदराए बदन के बारे में क्या ही कहूं. आज तक मैंने इससे पहले ऐसा जिस्म देखा ही नहीं था, जिसे देख मेरा मन का चैन भी कहीं खो गया था.

मैंने उनसे नमस्ते मेम कहा.
उन्होंने मुझे अन्दर आने को कहा और सोफे पर बैठने की कह कर वह अन्दर चली गईं.

फिर वे 5 मिनट बाद आईं और मुझे पढ़ाने लगीं.

मेरा पहला दिन था और मैं सिर्फ उन्हें ही देखे जा रहा था.
एक घंटा पढ़ने के बाद मैं वापस घर लौट आया पर मेम मेरे ख्यालों में ही चल रही थीं.

दिन भर काटने के बाद रात में मैं सो नहीं पा रहा था क्योंकि मैडम का मदमस्त करने वाला जिस्म मुझे सोने ही नहीं दे रहा था.

आंख बंद करो तो सिर्फ मेम ही दिख रही थीं.
मैंने रात में काफी कोशिश की, पर नींद आने का नाम नहीं ले रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने उनके नाम की मुठ मारी तब जाकर सुकून से सो पाया.
अगले दिन सुबह मेम मेरे घर आ गईं.

उस समय मैं सोकर उठा ही था.
मैंने कमरे से बाहर आकर सबसे पहले उन्हें ही देखा तो दिल खुश हो गया.

मैंने मेम से गुड मॉर्निंग कही और बाथरूम में चला गया.

मेम मेरी मम्मी से काफी घुल-मिल गई थीं तो वे उनके पास मिलने आई थीं.
अभी तक मेरी मम्मी ही उनके पास जाती रही थीं, जिस वजह से मैंने उन्हें कभी देखा ही नहीं था.

मम्मी भी उनसे अच्छी सहेली की तरह बातचीत कर रही थीं.
कुछ देर की बातचीत के बाद मेम अपने घर चली गईं.

इस तरह मुझे मेम से ट्यूशन पढ़ते 12 दिन हो गए.
उनसे मेरी बात होने लगी थी और कुछ हंसी मजाक भी.

वे भी अब इस बात को कहने से नहीं चूकती थीं- तुम मुझे कुछ ज्यादा ही देखने लगे हो. जरा पढ़ाई पर भी ध्यान दो.

मैं भी हंस कर उनकी बात सुनकर और ज्यादा मस्ती करने लगता था.

एक दिन मेम ने मुझे पढ़ने आने के लिए समय से जल्दी बुला लिया.
उस दिन मम्मी पापा और दीदी सब एक शादी में शहर के बाहर गए थे.

मैं भी उनके बुलाने पर फ़ौरन चला गया.

घर पहुंचते ही मेम ने मुझे बैठाया और मुझसे कहा- तुम मेरा एक काम करोगे.
मैंने कहा- हां जरूर करूंगा. मेम बताएं क्या काम है?

उन्होंने बताया- आज सुबह से मेरी कमर पर कुछ दर्द सा है, जिससे मुझे काफी तकलीफ हो रही है.
मैं बोला- मैडम, मैं आपकी मदद कैसे कर सकता हूँ?

उन्होंने कहा- अयू, यदि तुम मेरी मसाज कर दोगे तो शायद मेरा दर्द ठीक हो जाएगा.

इतना सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूट पड़ा, उस समय मेरे मुँह में पानी आ गया था.
मैंने देर न करते हुए उनसे लेटने को कहा.

वे लेट गईं और बोलीं- तुम किचन से तेल ले आओ.
मैं किचन में गया और उधर से थोड़ा सा तेल एक कटोरी में निकाल लिया.

बाहर आकर मैंने मेम से कहा कि आप अपनी टी-शर्ट को पीछे से थोड़ा ऊपर कर लीजिए.
उन्होंने तुरंत टी-शर्ट ही उतार दी.

मैंने मन में कहा कि क्या बात है, मैंने तो उठाने को कहा था और इन्होंने तो उतार ही दी.

टी-शर्ट उतरते ही मेरे सामने एक चिकने बदन की अप्सरा लेटी हो, ऐसा महसूस हो रहा था. उस चिकने बदन पर एक कसाव वाली ब्रा कसी हुई थी, जिसका रंग महरूम था.

उनके चिकने बदन पर ये महरून रंग की ब्रा बेहद दिलकश लग रही थी.
मैंने उनकी पीठ पर तेल लगाना शुरू कर दिया जिससे मेम को सुकून की अनभूति हो रही थी.

धीरे धीरे मैंने हाथ और ज्यादा चलाना शुरू कर दिया और अपने दोनों हाथों को उनकी पीठ पर ऊपर से नीचे तक चलाते हुए उनकी ब्रा की पट्टी में डालने लगा.

मेम की ओर से कोई विरोध नहीं था.
यह देख कर मैंने अपने हाथ और ज्यादा दबाना शुरू किया और बिना उनसे कहे मैंने उनकी ब्रा के हुक को ही खोल दिया.

ब्रा खुलने पर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि मेम शायद गर्म हो गई हैं और आज अपनी चुदाई की कहानी लिखवाने के मूड में हैं.

मैंने उनके कंधे से ब्रा की स्ट्रिप को नीचे खिसका दिया और उनकी चूचियों से अटकी हुई ब्रा को देखते हुए अपने हाथ चलाने शुरू कर दिए.

मैंने मसल मसल कर मेम की पूरी पीठ पर मस्त मालिश की, उनकी गर्दन के दोनों बाजू तक हाथ ले जाकर पीठ की पसलियों को दबाया.
इससे वह कुछ मादक आवाजें निकालने लगीं- आह आह अयू … बहुत अच्छा लग रहा है. तुम तो बड़ी ही अच्छी कर लेते हो.

मैंने उनकी इस बात में मालिश शब्द की अनुपस्थिति पाई तो मैंने अपनी तरफ से भी कहा- हां मेम, मैं बहुत अच्छी कर लेता हूँ.
मेम ने भी शायद उत्तर पा लिया था.
वे कहने लगीं- आह बड़ा मजा आ रहा है अयू … मेरी और जोर जोर से करो.

मैंने अब धीरे से उनके पीछे से ही हाथ को सरकाते हुए उनके मम्मों को छूना शुरू कर दिया.
उनके विरोध ना करने पर मैंने उनको पलटा कर सीधा लिटा दिया और उनके स्तनों से अटकी ब्रा को हटा दिया.

अब मेरे सामने दो खरबूज फुदक रहे थे. मैं उनके भरे और बड़े मम्मों को घूर रहा था.
मेम बोलीं- अयू अब देखते ही रहोगे क्या!

इतना सुनते ही मैंने उनसे कहा- नहीं मेम, अभी इनका स्वाद लेना बाकी है.

यह कह कर मैंने तुरंत मेम के एक स्तन पर मुँह लगा दिया और रसपान करने लगा.
वे आह आह करती हुई मेरे सर पर हाथ लगाए हुई मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा रही थीं.

मैंने जोर जोर से बारी बारी से दोनों मम्मे चूसने चालू कर दिए.
मैं उनके निप्पल चूसने लगा.

मेम बोलीं- आह अयू और जोर से … आह.
मैंने भी ‘आह मेरी जान आह ओह …’ कहते हुए मेम के मम्मों को खूब जम कर चूसा.

मेम अब चुदने को मचली जा रही थीं.

फिर मैंने मेम के होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वे भी मेरे साथ लिपकिस का मजा लेने लगीं.

उसी बीच उनके हाथों ने हरकत की और अपने लोअर को नीचे खिसका कर अपने पैरों की मदद से उसे हटा दिया.
अब उनके जिस्म पर एक पैंटी मात्र का कब्जा रह गया था.

अगले ही पल मैंने उनके मम्मों से होते हुए नीचे की तरफ हमला बोल दिया.
उनकी पैंटी को अपने होंठों से पकड़ कर नीचे तक खींचता हुआ ले गया और पैंटी का कब्जा भी उस संगमरमरी बुत से हटा दिया.
आह … मानो बिजली सी कड़क उठी हो. मेरी वासना से भरी हुई नजरें उनकी दूधिया चूत को निहार रही थीं.

मेम की चूत पर झांट का एक बाल भी नहीं था, एकदम मक्खन सी चिकनी चूत आपने होंठों से मदनरस टपका रही थी.
ये देखते ही मैंने तुरंत अपना मुँह उनकी चूत पर लगाया और चाटना चालू कर दिया.

मेम ने दोनों टांगें खोल दीं और अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाना चालू कर दिया.
वे मेरे हाथ पर हाथ फ़ेरती हुई बोलीं- आह अयू … आज इसकी आग बुझा दो मेरे जिगर के टुकड़े … कब तक तड़पाओगे मुझे!

मैंने कहा- जी मेम, पर इससे पहले आपके संतरों का रस फिर से एक बार चूस लूँ, फ़िर सुकून से आपकी खुजली मिटाता हूँ.
ये कह कर मैंने मुँह ऊपर लाकर उनके मम्मों को चाटना शुरू कर दिया.

एक एक करके मेम के दोनों मम्मे दबाने लगा. मेम का बदन मेरे बदन से चिपका जा रहा था.

थोड़ी देर बाद मैंने मसाज के लिए लाया हुआ तेल उनकी चूत और अपने लंड पर लगाया.
अब मैंने अपने लौड़े को की फाँकों पर रगड़ते हुए एक ही झटके में अन्दर तक उतार दिया.

इस अचानक से हुए हमले से मेम की चीख निकल गई- उई मम्मी रे … धीरे पेलना था अयू आह … फट गई मेरी!
तो मैं बोला- डार्लिंग, बस जरा सा ही दर्द होना था. अब कुछ नहीं होगा, बस अब मजा ही मजा आने वाला है.

मैं धीरे धीरे अपने लौड़े को उनकी चूत में हिलाता रहा.
कुछ टाइम बाद वह शांत हो गईं और कमर हिलाने लगीं.

अब मैंने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए.
वे मुझे चूमती हुई बोलीं- आह मेरे राजा … और ज़ोर से पेलो … आह उह उम्ह ऊह.
मैंने मेम के चूचे पकड़ कर ख़ूब जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.

उनके मुँह से ‘उम्मह उफ्फ आह उह उह …’ की मादक आवाजें निकल रही थीं.
अगले कुछ ही मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

मैंने पूछा- मेम कैसा लगा?
वह बोलीं- आई एन्जोयड हैविंग सेक्स विथ यू. आज तो सारा दर्द सही कर दिया मेरे राजा … मजा आ गया.

मेम ने उसी समय एक बात और कही, जिससे मुझे मालूम हुआ था कि मेम ने ही मेरी मम्मी से मुझे उनसे पढ़ने भेजने के लिए कहा था क्योंकि उन्होंने मुझे पहली नजर में देखते ही पसंद कर लिया था और वे आज जैसे किसी मौके का इंतजार कर रही थीं.

उन्होंने मेरे मुँह पर किस कर दिया.

मैं भी उनके ऊपर फिर से चढ़ गया और कभी उनके मुँह पर, कभी पेट पर, कभी मम्मों किस करता रहा.

करीब बीस मिनट बाद हम दोनों दोबारा सेक्स के लिए तैयार हो गए.
इस बार मैंने उन्हें उठाया और घोड़ी बना दिया.
फिर अपने लंड पर थूक लगा कर पीछे से लवड़ा पेल दिया.

इस बार फिर से मेम की चीख निकल गई और वे बोलीं- आह मेरे राजा आराम से पेलो.
मैंने कहा- आज नहीं जानेमन … उह आह बस थोड़ा और … आह ले और ले ओह आह उह.

मैंने उन्हें हचक कर चोदा.
वह भी गांड उछाल उछाल कर मुझसे चुद रही थीं- ओह आह अयू … और जोर से डालो … मेरे राजा … आह उह उफ्फ!

करीब दस मिनट के सेक्स के बाद हम दोनों फिर से झड़ गए.

रात में मैं अपने घर भी नहीं गया क्योंकि घर वाले शहर से बाहर गए थे.
इस वजह से मुझसे मेम के घर पर रुके रहने का मौका मिल गया.

इसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए और रात का खाना साथ में खाया.
हम दोनों ने बिना कपड़ों के नंगे रह कर ही खाना खाया.

उस रात का दूध भी मैंने मेम का ही पिया और मेम ने भी मेरे लंड को रात में केले की तरह चूसा.

इसके बाद 12 बजे से दोबारा चुदाई का कार्यक्रम चालू किया जो रात को 3 बजे तक चला.

तब से हम दोनों अक्सर सेक्स करते हैं और आज भी हमारा खेल जारी है.

अब मैं उन्हें अपनी बीवी भी बनाने जा रहा हूं. हां उम्र का अंतर है … पर मेरी फैमिली राजी हो गई है.
उन्होंने हमारी जोड़ी को स्वीकार कर लिया है.

मैडम जिन्हें मैं अब तक चोरी छिपे चोदता था, वे अब मुझसे रोज़ चुदेंगी.
वे भी इस रिश्ते से बहुत खुश हैं.

मेरी टीचर हैविंग सेक्स विथ स्टूडेंट कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं.

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