सेक्स की चाहत ने क्या क्या करवा दिया

Antarvasna

वुमन लव सेक्स … सहेली के घर गयी तो देखा कि उसे भी पूरा सेक्स सुख नहीं मिल रहा था. सेक्स लविंग वुमन ने अपनी सहेली को सेक्स का मजा कैसे दिलाया?

लेखक की पिछली कहानी

आगे की वुमन लव सेक्स कहानी:

मगर सेक्स की मारी ऋचा की ज़िंदगी को कुछ और ही मंजूर था। उसे हैदराबाद वाली यूनिवर्सिटी ने मुंबई में एक इंटरव्यू के पैनल के लिए आमंत्रित किया।

उसे तीन दिनों के लिए पहले हेदराबाद जाना था, बाद में वहीं से मुंबई जाना था। अच्छा पैसा मिल रहा था। ऋचा ने सुधीर से पूछ कर हाँ कह दी।

उसे अगले हफ्ते जाना था तो पूरे हफ्ते ऋचा ने चुदाई का पूरा मजा लिया और अगले अपना सेक्स का कोटा पूरा कर लिया।

हेदराबाद वो अपनी एक कलीग प्रोफेसर आशु के घर ठहरी।

आशु विवाहित थी और पंजाब की थी। उसकी और ऋचा की पहले से ही खूब पटती थी। दोनों ने ग्रेजुएशन एक ही कॉलेज से की थी और दोनों रूम पार्टनर रही थीं।

दोनों लेस्बियन सेक्स भी कर चुकी थीं। ऋचा ने इस बार आशु के साथ जमकर मस्ती की, प्लानिंग की। कोई ज़िम्मेदारी तो थी नहीं। आशु के अभी कोई बच्चा नहीं था।

उसके पति एडमिनिस्ट्रेशन में थे और संजीदा व्यक्ति थे। आशु परेशान रहती थी कि उसकी चुदाई नहीं हो पाती।

ऋचा दिन में तो यूनिवर्सिटी रहती, शाम तक वो आशु के साथ ही घर पहुँचती।
फिर फ्रेश होकर दोनों गाड़ी लेकर घूमने निकाल जातीं।

ऋचा ने आशु को भी सिगरेट पीना सिखा दिया। रात को दोनों अलग रूम में साथ साथ सोतीं।
बहाना था कि दोनों गप्पें मारेंगी।

आशु के पति को खाना मेड दे देती, वो अपने काम में मस्त रहते।
पहली रात में ही ऋचा ने अपने सारे सेक्सी तजुर्बे सुना सुनाकर आशु की चूत गीली कर दी।

ऋचा आशु के पीछे पड़ गयी कि बिना कपड़ों के ही सोना है।
आशु ने बहुतेरा समझाया कि रूम को लॉक करना अच्छा नहीं लगेगा और बिना रूम लॉक किये नंगे सोने में खतरा है।

उसका पति तो नहीं आयेगा, मगर मेड घर पर ही सोती है। ऋचा नहीं मानी और जबर्दस्ती कपड़े उतरवाकर रूम आहिस्ता से लॉक कर दिया।

उसकी बेशर्मी यहाँ तक थी कि उसने आशु के पति को आवाज़ देकर कहा- जीजू, हमारी हंसी और ऊंची आवाज़ से आपको डिस्टर्बेंस न हो इसलिए डोर बंद कर ले रहे हैं।

बेड में घुसते ही उसने आशु की चूत में जीभ अंदर कर दी।
दोनों 69 हो गईं। जब दोनों पूरी गर्म हो गईं तब ऋचा ने अपनी चूत से आशु की चूत रगड़ना शुरू किया।

आशु सिहर गयी; वो परेशान हो उठी। अब चूत की आग बुझनी जरूरी थी।
उसने ऋचा से कहा- कमीनी आग लगा दी, इससे तो अच्छा सुधीर को साथ ले आती तो दोनों की आग तो बुझ जाती।

ऋचा बोली- लाई हूँ न उसका लंड काट कर!
ऐसे बोलकर ऋचा हँसती हुई उठी और अपने बैग से वाइब्रेटर निकाल लायी।
आशु हंस पड़ी।

अब समस्या ये थी कि वाइब्रेटर की आवाज बाहर न जाये।
ऋचा ने बेशर्मी से टीवी का वॉल्यूम बढ़ा दिया और वाइब्रेटर अपनी और आशु की चूत में घुसेड़ दिया।

कुल मिलाकर वासना की आग कुछ बुझी कुछ जली और दोनों चिपक कर लेट गईं।

ऋचा ने आशु को समीर का किस्सा भी बता दिया।
और तो और उसने आशु को भी राय दी कि वो कोई सेटिंग कर ले अपनी चुदाई की।

आशु पहले तो ना-नुकुर करती रही फिर उसने बताया कि उसके पति के ऑफिस में कोई इंजीनियर है, वो उस पर लाइन मारता है; स्मार्ट है, पर आशु ने कभी उसे लिफ्ट नहीं दी।

फिर आशु ने बताया कि वो उसे व्हाट्सएप पर मैसेज भी भेजता है, पर वो जवाब नहीं देती।
ऋचा ने आशु से उसका फोन मांगा और बिना उससे पूछे इंजीनियर को ‘हाय’ का मैसेज भेज दिया।

रात को 12 बजे जब इंजीनियर को मैसेज मिला तो उसकी तो लॉटरी निकल गयी।
उसने तुरंत उत्तर दिया।

आशु ऋचा से नाराज हुई कि ये क्या कर रही है।
तो ऋचा बोली- तू चुपचाप देख, तेरे लिए लंड का इंतजाम कर रही हूँ।

इंजीनियर ने पूछा कि क्या कर रही हो?
इधर से ऋचा ने जवाब दिया- नींद नहीं आ रही थी तो तुम्हें मैसेज कर दिया।

अब तो इंजीनियर और आशु की तरफ से ऋचा की चैटिंग शुरू हो गयी जो अगले एक घंटे चली और आखिर में ऋचा ने बेशर्मी से इंजीनियर से उसकी न्यूड फोटो मांग ही ली।

इंजीनियर ने अगले पाँच मिनट में ही अपने तनतनाते लंड के साथ न्यूड फोटो भेज दी।
जवाब में ऋचा ने अपने मम्में उसको दिखा दिये और गुड नाइट बोलकर अचानक चैट बंद कर दी।

उस इंजीनियर के बार बार मैसेज आते रहे मगर ऋचा ने कोई जवाब नहीं दिया।

आशु घबरा रही थी कि अब क्या होगा।
ऋचा बोली कि अब तेरी चुदाई होगी और जब तू चाहेगी तब होगी।
आशु भी रंगीन सपनों में खो गयी।

उधर बेचारे इंजीनियर की रात मुठ मारते हुए निकली।
अगले दिन सुबह से ही इंजीनियर के मैसेज आने शुरू हो गये तो ऋचा ने उसे डिनर पर एक बड़े होटल में बुलाया।

इससे आशु बहुत घबरा रही थी, मगर ऋचा ने उसे हिम्मत बंधायी।
ऋचा ने आशु को आज हाल्फ डे करने को कहा और कहा कि वो आज दोपहर को ब्यूटी पार्लर चली जाये और अपने आप को पूरा चमकवा ले।

आशु ने उसे जीभ दिखाते हुए कहा कि मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करने वाली।
मगर ऋचा पक्की जिद्दी थी, वो बोली- कुछ मत करियो कमीनी, मगर मुझे तो रात को मजे देगी न? इसलिए चिकनी हो आ!

ऋचा यूनिवर्सिटी से शाम को घर आई तो आशु नहा रही थी और उसने वो सब कुछ कर लिया था जो ऋचा ने कहा था।
आशु को देखते ही ऋचा ने आँख मारी और कहा- आज तो तू इंजीनियर की गांड मार लेगी।

रात को आठ बजे दोनों होटल पहुँचीं।
आशु तो आज गज़ब ढहा रही थी। उसका लो कट ब्लाउज़ और साड़ी का खिलता रंग उसके रूप में चार चाँद लगा रहा था।

ऋचा ने उस होटल में अपने नाम से एक रूम बुक कर लिया था। रूम का पैसा तो उसे यूनिवर्सिटी दे ही रही थी। आशु को ये सब पता नहीं था।

वहां वो इंजीनियर राहुल उनका इंतज़ार कर रहा था। राहुल शादीशुदा था, मगर उसकी पत्नी गर्भवती थी तो दिल्ली में थी।

राहुल बहुत स्मार्ट और अच्छे टेस्ट का था। उसने आशु को एक महंगा नेकलेस गिफ्ट किया।
ऋचा ही ज्यादा बोल रही थी।
आशु तो घबरा रही थी, डिनर पर भी आशु ज्यादा नहीं बोली।

राहुल को ऋचा ने बता दिया कि रात को व्हाट्एप पर मैं ही थी आशु नहीं। मगर वो चाहती है कि आशु और राहुल दोस्त बन जाएँ।
ऋचा ने साफ कहा कि इसमें बहुत खतरा है और अपनी अपनी सीमाएं हैं जिनका दोनों को ही पालन करना होगा।

वो बोली- राहुल, तुम्हें हर हाल में आशु की इज्जत का ख्याल रखना होगा।
धीरे धीरे आशु भी बातें बनाने लगीं। डिनर के बाद ऋचा ने उनसे अपने बुक किए कमरे में चलने को कहा।

राहुल और आशु दोनों ही चौंक गए।
ऋचा बोली कि थोड़ी देर के लिए चलते हैं, फिर घर चलेंगे।

रूम बहुत अच्छा था। ऋचा ने लाइट धीमी कर दी और अपने मोबाइल पर म्यूजिक चला दिया।

उसने राहुल से कहा कि वो आशु के साथ डांस कर ले।
ऋचा ने सिगरेट जला ली और राहुल और आशु डांस करने लगे।

ऋचा उठी और लाइट और धीमी कर दी।

आशु बोली- क्या कर रही है?
ऋचा बोली- राहुल, इसे बताओ कि लाइट धीमी क्यों की जाती है।

राहुल ने आशु को नजदीक खींच लिया और उसके होंठों पर किस कर लिया।
आशु सिहर गयी मगर उसने कोई विरोध नहीं किया। राहुल ने उसे और पास सटा लिया और अब दोनों के होंठ मिल गए थे।

कमरे में लाइट नाममात्र की थी। राहुल ने आशु की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी साड़ी पीछे से उठा दी। आशु को मजा आ रहा था।
ऋचा ने आवाज दी- मैं वाशरूम में जा रही हूँ। तुम लोग एंजॉय कर लो।

ऋचा वाशरूम में चली गयी और राहुल आशु को लेकर बेड पर आ गया। हालांकि दोनों पहली बार मिल रहे थे मगर आशु की चूत की आग ऋचा ने रात को समीर की कहानी सुना कर भड़का दी थी।

उन दोनों के ही कपड़े फटाफट उतर गये। राहुल ने आहिस्ता से आशु के नाजुक मांसल मम्में चूसे।
आशु के हाथ में उसका लंड था। दोनों को पता था कि टाइम कम है।

राहुल नीचे हुआ और अपनी जीभ आशु की मखमली चूत में घुसा दी।

आशु की सीत्कारें निकलने लगीं। अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। वो भी राहुल का लंड चूसना चाह रही थी।

मगर राहुल को उसकी चूत में लंड घुसाने की जल्दी थी। राहुल ने एक झटके में ही अपना मूसल आशु की चूत में घुसेड़ दिया।
आशु की चीख निकल गयी।

आवाज सुन कर ऋचा बाहर आयी तो देखा कि चुदाई का दंगल शुरू हो गया है।
राहुल पूरे वेग से आशु को चोद रहा था और आशु पूरे मन से उछल उछल कर अपनी चूत चुदवा रही थी।

तभी ऋचा ने उन्हें टोका कि तुम लोग प्रोटेक्शन नहीं यूज कर रहे हो, ध्यान रखना।
आशु को होश आया तो वो झटके से अलग हो गयी।

तभी हँसते हुए ऋचा ने अपने बैग से कॉन्डोम राहुल को दिया।
राहुल ने झटपट कॉन्डोम लगा कर आशु को जमकर चोदा और काम पूरा किया।

ऋचा बोली कि अब लेट हो रहे हैं चलो चलते हैं। अब तुम दोनों मिलते रहना।

रात को ऋचा की चूत आग बरसाती रही। उसने लाइव सेक्स ज़िंदगी में पहली बार देखा था।

अगले दिन इंजीनियर का ऋचा के पास फोन आया और उसने उसे थैंक्स बोला।
ऋचा ने उसे फिर आगाह किया कि उसे हर हालत में आशु की गोपनीयता का ध्यान रखना होगा।

ऋचा अगले दिन मुंबई चली गई।
आशु उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए घर से निकली मगर एयरपोर्ट न जाकर राहुल के फ्लैट पर चली गयी।

बाद में उसने ऋचा को फोन पर बताया कि आज उसने और राहुल ने जमकर पूरी दोपहर सेक्स किया।
ऋचा मन ही मन मुस्कराई।

मुंबई पहुंचकर उसने होटल में चेक-इन किया। आज शाम वो फ्री थी।

वो कॉफी शॉप में आकर बैठ गयी और कॉफी की चुस्कियों के साथ सिगरेट के छल्ले उड़ाने लगी।

तभी उसे सामने से विनय आता दिखा। विनय उसके साथ कॉलेज में था और उस पर लाइन मारता था।

ऋचा के मन में तो था कि एक बार सेक्स टेस्ट करके देखूँ उसका मगर मौका नहीं मिला।
सूट बूट वाला विनय मुस्कराते हुए उसके पास आया और गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए पूछा- तुम यहाँ कैसे?

ऋचा ने उसके लिए कॉफी ऑर्डर की और बात शुरू हुई।
विनय यहाँ अच्छा खासा बिजनेस कर रहा था। विनय ने उसे मुंबई घुमाने का ऑफर दिया। ऋचा खुश हो गयी।

उसने जींस और टॉप पहना था। तो उसने विनय से कहा कि वो चेंज करके आती है।
विनय ने अपने पुराने अंदाज में आह … निकाल कर कहा कि इन कपड़ों में तो तुम कयामत लग रही हो। अब इससे कम क्या पहनोगी।

ऋचा ने हँसते हुए एक धोल लगाया।

फिर दोनों देर रात तक घूमते रहे। विनय की मर्सिडीज गाड़ी में ड्रिंक्स वगैरह सब कुछ था।
विनय के कहने पर ऋचा ने हल्का पैग ले लिया।

एक बहुत महंगे होटल में विनय ने उसे डिनर कराया और फिर होटल छोड़ने आया।

रात के 12 बज चुके थे। ऋचा भी मस्ती से झूम रही थी। उसने विनय को थैंक्स बोलते हुए किस किया।

उसे चढ़ गयी थी तो विनय उसे उसके रूम तक छोड़ने आया।
ऋचा ने उसे फिर एक लिप-लॉक किस दिया और अगली शाम फिर आने को कहा।
ये तय हुआ कि वे कल डिनर ऋचा के रूम में ही करेंगे।

अगले दिन ऋचा बहुत व्यस्त रही और शाम को ही होटल वापस आई।

विनय का फोन आया कि कब आना है तो ऋचा बोली अभी दो घंटे सोऊंगी, तुम 8 बजे तक आना।

ऋचा थक कर सो गयी और नीचे रिसेप्शन से फोन आने पर ही उठी कि विनय आया है। ऋचा ने विनय को ऊपर बुलाया और फटाफट वाशरूम में घुसकर शावर लिया।

फिर एक ढीला फ्रॉक पहन कर उसने विनय के लिए गेट खोला।
विनय ने उसे हग किया।

ऋचा ने अंदर कुछ नहीं पहना था, ये अहसास विनय को भी हो गया।
अब उसने ऋचा को किस किया।

ऋचा ने विनय को बैठते हुए कहा कि वो अपने लिए ड्रिंक बना ले, इतने में वो कुछ चेंज करके आती है।

विनय ने कहा भी कि चलो आज बाहर नहीं चलेंगे, चेंज की क्या जरूरत है।

मगर ऋचा को खुद अजीब सा लग रहा था कि विनय इतना स्मार्ट लग रहा है और वो ऐसी बदहाल।

विनय ने फ्रिज से व्हिस्की निकाली और अपने लिए बड़ा और ऋचा के लिए छोटा पैग बनाया।

ऋचा ने अंदर से ही आशु को फोन किया और बताया कि विनय आया है और आज वो पक्का उसको चोदेगा, तो उसे क्या करना चाहिए?
आशु बोली कि तेरा मन हो तो चुदवा ले, यहाँ किसी को क्या पता चलेगा?

ऋचा दस मिनट में स्कर्ट-टॉप पहन कर और डार्क रेड लिपस्टिक लगा कर महकती हुई आय़ी।
वो बार्बी डॉल के जैसी लग रही थी।

ऋचा ने व्हिस्की के लिए मना भी किया मगर विनय के इशारा करने पर उसने ले ली।

फिर 9 बजे उन्होंने ऑर्डर किया और कहा कि 10 बजे सर्व करें।

उसने म्यूजिक चला दिया और विनय को डांस के लिए इन्वाइट किया।

ऋचा की सिगरेट एक के बाद एक जल रही थीं। मगर अब डांस में तो सिगरेट नहीं पी सकती थी।

विनय बहुत करीब होकर डांस करने लगा। ऋचा को चढ़ गयी थी और वो अब विनय के साथ सेक्स चाहती थी।

उसने विनय को डीप किस दिया और उसे बेड पर धक्का देकर उसके कपड़े उतारने लगी।
विनय भी कामुक हो रहा था। ऋचा ने उसका लंड अपने मुंह में ले लिया।

बस फिर क्या था … प्याज़ के छिलकों की तरह दोनों के कपड़े उतर गये। विनय ने उसे 69 में लिटाकर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी।

ऋचा की चूत तो तीन दिनों से भूखी थी।
उसने सारा ज़ोश विनय के लंड पर निकाला।

विनय ने भी उसके चूतड़ों को फैला कर उसकी चूत में अंदर तक और गांड में अपनी जीभ घुसाई।

उसने ऋचा की गांड चूसते समय अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत में घुसा दीं और अच्छे से मालिश की।

अब ऋचा उसके लंड को चूत में अंदर करने को तड़प उठी।
वो पलटी और अपने हाथ से विनय का मूसल अपनी मुनिया के अंदर करके विनय के होंठों को चूमने लगी।

विनय ने नीचे से ज़ोर मारा और पूरा लंड अंदर कर दिया।
ऋचा कसमसा गयी।

विनय का औज़ार सुधीर और समीर के औजारों से मोटा था।

अब ऋचा उछलने लगी और विनय ने उसके गोरे गोरे मांसल मम्मों को मसल मसलकर लाल कर दिया।
विनय ने थोड़ी देर में ऋचा को नीचे किया और उसकी टांगों को पूरा चौड़ा कर पूरी गहराई से अपना लंड पेल दिया।

इससे ऋचा की चीख निकल गयी- आह्ह … वाकई मोटा लंड मजे तो बहुत देता है, पर घुसते वक़्त तकलीफ बहुत देता है।
ऋचा ने अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेट दीं और विनय ने पलंगतोड़ चुदाई शुरू की।

ऋचा की कामुक सीत्कारें शुरू हो गयी थीं। वो विनय को उकसा रही थी कि मजा आ गया जान … आह्ह … और ज़ोर से पेलो … आज तो तुमने मुझे जन्नत का मजा दे दिया … आह्ह चोदो जान।

उधर विनय भी ज़ोर लगाते हुए कह रहा था- ले जान … तेरा मेरे लंड से चुदने का सपना आज पूरा हुआ। आज तेरी सारी कसर निकाल दूंगा। ऐसे मजा दूंगा कि अब तू चुदने मुंबई आया करेगी।

वो पूरे जोश में पेलता जा रहा था। कई मिनट तक वो ताबड़तोड़ उसकी चूत को पेलता रहा।

अब विनय का होने वाला था, उसने पूछा कि कहाँ निकालूँ?
ऋचा ने उसे कसकर पकड़ लिया। विनय समझ गया कि ये मेरे माल की गर्मी अपनी चूत में ही लेगी।

इतने में विनय के लंड से पिचकारियां छूट पड़ीं।
विनय ने सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया।

दोनों निढाल होकर वहीं पड़ गए।

दस बजने वाले थे। डिनर आने वाला था तो ऋचा उठी और वाशरूम जाकर अपने को ठीक किया।

तभी बेल बजी।

ऋचा ने विनय को वाशरूम में भेजा और वेटर से डिनर लिया।

वेटर के जाते ही उसने कपड़े उतार दिये और विनय को बुलाया।
दोनों ने नंगी अवस्था में ही डिनर लिया।

डिनर लेते वक़्त विनय ने रात को रुकने की पेशकश की।
ऋचा को संकोच तो हुआ मगर होटल बड़ा था और रूम डबल रूम था तो उसने हाँ कह दी।

डिनर लेकर ऋचा बोली- मैं शावर लेकर आती हूँ।

फिर दोनों शावर के नीचे चिपक कर खड़े हो गये।
ऊपर से पानी और नीचे धधकती चूत की आग …ऋचा ने नीचे झुककर विनय का लंड चूसा।

विनय तो उसके मम्मों को छोड़ ही नहीं रहा था।
असल में विनय की बीवी के मम्में भी शायद इतने भारी नहीं थे।

विनय का लंड टनटना रहा था। उसने ऋचा को गोदी में उठा लिया और नीचे से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

ऋचा ने अपने होंठ उसके होंठों से मिला रखे थे और बाहें विनय की गर्दन में लपेट दी थीं।
क्या नज़ारा था … आह्ह … देखने वाला वैसे ही झड़ जाये।

विनय ने नीचे से पूरा ज़ोर लगा कर लंड पेला हुआ था मगर लंड अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था।
ऋचा नीचे उतरी और उसने अपनी टांगें चौड़ी कर नीचे वाली टैप पर रख दीं और विनय का लंड अंदर कर लिया।

मगर इसमें भी पूरा मजा नहीं आया तो विनय ने ऋचा को घोड़ी बनाया और शावर के नीचे खड़े होकर लगा पीछे से पेलने!

अब दोनों को मजा आ गया।
ऋचा की चूत तो भड़क उठी थी।

अब दोनों फिर से पलंगतोड़ चुदाई के लिए तड़प उठे।

दोनों ने फटाफट टॉवल से शरीर को सुखाया और बेड पर पहुँच कर कामवासना शांत की।

ऋचा सिगरेट सुलगा कर थोड़ा सुस्ताना चाह रही थी।
उसे मालूम था कि आज चुदाई रात भर होगी।

विनय का चुदाई का माद्दा जबर्दस्त था। उसके चेहरे पर थकान का नाम नहीं था.

मगर ऋचा ने उसे राय दी कि चलो थोड़ी देर सो लेते हैं।
दोनों चिपक कर सो गये।

लगभग 4 बजे सुबह ऋचा की आँख खुली।
विनय बेसुध नंग धड़ंग सो रहा था; उसका लंड शांत था।

ऋचा ने आहिस्ता से उसका लंड चूसना शुरू किया।

विनय की आँख खुल गयी और उसने ऋचा को ऊपर खींच लिया।
दोनों के होंठ मिल गए।

जल्दी ही विनय के लंड में तनाव आ गया। फिर जो मॉर्निंग सेक्स का सेशन हुआ वो तो रात से कहीं ज्यादा रंगीन था।

दो बार विनय ने घमासान चुदाई की।
5 बज गये थे। अब ऋचा थक गयी थी।

अगले दिन उसे इंटरव्यू पैनल में बैठना था।
उसने विनय को डीप किस देकर अपने घर जाने को कहा और उसके जाते ही लंबी होकर सो गयी।

सुबह 9 बजे उसकी आँख खुली। फटाफट तैयार होकर उसने सामान भी पैक किया।

पैनल से फ्री होने के बाद रात को उसकी फ्लाइट थी और वह उसकी तैयारी करने लगी।

तो दोस्तो, आपको ये वुमन लव सेक्स कहानी कैसी लगी आप इस बारे में अपनी राय जरूर दें।
मेरा ईमेल आईडी है-

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