सहयोगी कुंवारी अध्यापिका को चोदा

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स्कूल टीचर सेक्स इन मॉल का अधूरा मजा मैंने लिया बिग बाजार के गोदाम में! मेरे साथ पढ़ाने वाली एक टीचर को मैंने सेक्स के लिए सेट किया. उसकी पूरी चुदाई की कहानी पढ़ें.

दोस्तो, यह बात आज से 4 साल पहले की है.
मैं उस समय वापी के एक स्कूल में टीचर था और रिया भी.

रिया की उम्र 20 साल की थी.
वह पतली दुबली सी लड़की थी, पर रिया थी बहुत हॉट कुड़ी.

जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मस्त माल वाली रसमलाई सी लौंडिया थी.
उसके छोटे छोटे समोसे जैसे नुकीले दूध थे.

वह हमेशा चश्मा लगाती थी.
पतली कमर मटका कर चलती थी तो लगता था जैसे अभी ही नंगी करके इसकी गांड मार दूँ.
रिया का फिगर उस टाइम 30-28-32 की था.

जैसा कि मैंने बताया कि हम दोनों एक ही स्कूल में टीचर थे.
पहले हम लोगों में जरा सी भी नहीं पटती थी, फिर धीरे धीरे हम दोनों की बातें होने लगीं.

एक दिन रिया ने फ़ेसबुक में रिक्वेस्ट भेजी तो मैंने स्वीकार की और हम दोनों में बातें होने लगीं.

पहले रिया बोलने में डरती थी.
पर अब लगातार 4-5 घंटे तक बातें होने लगी थीं.

एक दिन मैंने उससे पूछा- तुम्हें मुझसे बातें करना अच्छा लगता है?
वह बोली- हां बहुत अच्छा लगता है.

मैंने कहा- क्या तुम मेरे मैसेज करने का इंतजार करती हो?
वह बोली- हां हमेशा वेट करती रहती हूँ कि कब मैसेज करोगे.

मैंने कह दिया- फिर मुझसे लग रहा है कि तुम्हें तो प्यार हो गया है!
वह बोली- हां लग तो मुझे भी रहा है.

मैंने बोला- तो प्रपोज कर दो!
वह बोली- टाइम देख कर करूंगी.

फिर एक दिन उसने प्रपोज कर दिया और मैंने स्वीकार कर लिया.

हमारी बातें प्रेमी जोड़ों वाली शुरू हो गईं.

कुछ ही दिनों में हम लोग सेक्स चैट करने लगे.
मैं अपने लंड की फोटो उसे भेज देता और उससे नंगी फोटो भेजने को बोलता तो वह अपनी नंगी फोटो भेज दिया करती.

जब मैं उसे चूत में उंगली करने को बोलता तो अब वह वीडियो कॉल पर अपनी चूत में उंगली भी करने लगी थी.

एक दिन मैंने उससे अकेले में मिलने को बोला तो उसने हां कर दी.

अब समस्या ये थी कि मिलेंगे कहां?

उसी दिन शाम को मैं बिग बाजार में गया था.
कुछ चीजें खोजते हुए मैं उसके सबसे ऊपर की फ्लोर में चला गया.

उधर देखा तो वहां भवन निर्माण का सामान बिखरा पड़ा था और कोई नहीं था.
मैंने सोचा कि रिया से यहीं मिला जाए.

मैंने शाम को घर आकर रिया को बताया तो वह बोली- ठीक है.

फिर दूसरे दिन मैं उसे बाइक में बैठा कर बिग बाजार ले गया.

पहले मैंने खुद उसी फ्लोर पर ऊपर जाकर अच्छे से देखा.
फिर नीचे आकर उसे बिग बाजार के उसी सुनसान फ्लोर में लेकर आ गया जहां निर्माण का सामान पड़ा था.

उस टाइम वहां कोई नहीं था.

वहीं एक आड़ में उसे खड़ा करके मैंने खड़े खड़े ही उसको चूमना शुरू किया.
वह भी किसी जौंक सी चिपक कर चुंबन लेने लगी.

फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और कुर्ता ऊपर करके उसके दूध निकाल लिए.
वह खुद से अपने दूध हिलाती हुई दिखाने लगी.

मैंने एक दूध के निप्पल पर होंठ जमा दिए और उसे चूसना शुरू कर दिया.

वह मस्ती से अपने दोनों हाथ से अपने कुर्ते को उठाए हुई थी और मैं सामने से उसके एक निप्पल को होंठों से खींच कर चूस रहा था.
दूसरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर किसी रिक्शा के हॉर्न के जिसे दबा रहा था.

उसके बाद उसने खुद ही अपना कुर्ता उतार दिया.
वह अपनी नशीली आंखों से मुझे देखती हुई आह आह कर रही थी और दूध चुसवा रही थी.

मुझे डर लग रहा था, मेरी टांगें कांप रही थीं कि कहीं पकड़ा गया तो कहानी लिख जाएगी.
पर तब भी उसके साथ लगा पड़ा था, चुदाई जो करनी थी.

कुछ देर बाद मैं उसकी सलवार को खोलने लगा.
उसने भी कमर का नाड़ा ढीला कर दिया.

फिर मैंने सलवार उतार कर वहीं पर रख दी और उसकी पैंटी उतार दी.

मेरी गांड फट रही थी जबकि मेरे कपड़े अभी उतरे नहीं थे.
उसे शायद मुझ पर भरोसा था इसलिए वह बिंदास बिना डरे अपने आपको नंगी कर चुकी थी.

मैंने देखा उसकी चूत में बहुत ज्यादा बाल थे तो चूत साफ नहीं दिख रही थी.
पहले तो मुझे गुस्सा आया कि साली झांटें भी साफ करके नहीं आई.

उस वक्त मेरे पास समय कम था, मैंने जल्दी जल्दी से उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मैं उसकी टांगें फैला कर अपना लंड चूत में लगा कर धक्का देने लगा.

जल्दबाजी में लंड फिसल गया, चूत में गया ही नहीं.

मैं फिर से डालने लगा तो फिर से फिसल गया.
मैंने रिया से कहा- लंड पकड़ कर छेद में लगाओ.

उसने लंड पकड़ लिया और छेद में लगा कर हां कहा.
मैंने उसी पल धक्का दे दिया.

थोड़ा सा लंड चूत में घुस गया.
वह दर्द के मारे रोने लगी और छटपटाने लगी.

उसी चक्कर में मेरा लौड़ा उसकी चूत से निकल गया.
वह दुबारा पेलने नहीं दे रही थी.

मैंने हाथ से लंड हिलाया और झड़ गया.
दिमाग खराब हो गया था पर उधर रुकना खतरे से खाली नहीं था.

मैंने झट से अपनी चड्डी और पैंट पहन ली.

उसने भी अपने कपड़े पहन लिए.
वह कुछ बोल नहीं रही थी.
मैं भी चुप था.

फिर अधूरे स्कूल टीचर सेक्स इन मॉल के बाद दोनों वहां से वापस लौट आए.

हालांकि उस समय मेरा भेजा आउट हो गया था.
पर बाद में जब ठंडे दिमाग से सोचा तो एक तरह से खुशी ही हुई कि लौंडिया सीलपैक थी इसीलिए तो साली चिल्लाई थी.
अगर चुदी चुदाई होती तो लौड़ा गप से खा जाती.

यह सोचते ही दिल खुश हो गया.

उससे फिर से बातें चलने लगीं.
मैंने उसे चूत की सफाई रखने को कहा.
वह शर्मा गई और बोली- तुमने वीडियो कॉल पर देखी तो थी, तब भी कुछ नहीं कहा था … तो मैंने सोचा कि तुम्हें बालों वाली पसंद है.
उसके जवाब से मैं लाजवाब था.

मैंने कहा- अरे उस समय मुझे कहने की याद नहीं रही थी. अब तुम अपनी चूत साफ करके रखा करो.
वह बोली- हां, मैं याद रखूंगी.

कुछ दिनों बाद मैंने उससे फिर से मिलने का कहा.
तो उसने कहा- इस बार बाहर नहीं मिलूँगी … मम्मी कहीं जाएंगी, तो तुम मेरे घर आ जाना.
मैंने उसकी बात मान ली.

पांच दिन बाद ही उसकी मम्मी कहीं गयी थीं.
रिया ने कॉल करके मुझे घर बुला लिया.

मैं उसके घर पहुंचा.
वहां पर उसका भाई था.
उसे देख कर मेरा दिमाग खराब हो गया.

मैंने रिया से पूछा- इसके सामने कैसे होगा?
उसने कहा- तुम रुको तो … अभी सब होगा.

फिर रिया मुझे ऊपर लेकर गयी.
वहां अंधेरा था.

मैंने रिया को किस किया और उसको नंगी करने लगा.
वह बोली- अभी रुको. मैं भाई को कहीं जाने की कह कर आती हूँ.

वह गई और अपने भाई को कुछ पैसे देकर उसे चलता कर आई.
अब वह कमरे में आ गई और उसने लाइट ऑन कर दी.

मैंने उसे पकड़ा और कपड़े उतारने लगा.
उसे नंगी होने में कुछ ज्यादा उतारना ही नहीं था; वह बस एक गाउन पहनी हुई थी और उसके नीचे उसने कुछ भी नहीं पहना था.

गाउन उतारते ही रिया फुल नंगी मेरे सामने थी.
मैंने उसके बूब्स दबाए और ज़ोर ज़ोर से चूसे काटे.

अब मैंने उससे लंड चूसने के लिए कहा तो कुतिया ने मना कर दिया.

फिर मैंने उसे लिटाया और उसकी चूत में लंड पेल दिया.
रिया फिर से रोने लगी.

मगर आज डर कम था तो मैं लगा रहा.
हालांकि उसकी चूत बहुत टाइट थी; ऐसा लग रहा था मानो मेरा लंड उसकी चूत में कहीं फंस गया हो.

मैंने अब लंड हटाया और रिया को लंड पर बैठने के लिए बोला.
वह बैठी तो सही … पर वह लंड पर कूद नहीं पा रही थी.

मैंने फिर से उसे अपने नीचे लिटा कर लौड़े को काम पर लगा दिया.
इस बार लंड चूत में घुस भी गया और रिया ने भी लौड़े को झेल लिया.

मैं उसे चोदने लगा.

उस दिन मैंने रिया को पहले राउंड में 20 मिनट तक चोदा.
फिर मेरा पानी रिया की चूत में ही निकल गया.

इतनी देर में रिया भी झड़ चुकी थी.
रिया काफी थक गयी थी.

मैं उसे चोदकर घर वापस आ गया.

कुछ दिन बाद रिया ने बताया कि उसका पीरियड नहीं आया.
मेरी गांड फट गई.

हम दोनों ही बहुत परेशान हो गए.
फिर मैंने एक डॉक्टर से पूछ कर उसे दवा लेकर दी जिससे उसके इस झंझट से मुक्ति मिली.

अब जब भी मौका मिलता है, मैं रिया के घर जाकर उसकी चुदाई करने लगा था.
रिया भी पूरी मस्ती से मेरे लौड़े के आगे अपनी टांगें खोल कर चूत में ले लेती थी.
हम दोनों ही सेफ सेक्स करने लगे थे.

कुछ दिनों बाद तो वह मेरे रूम में आकर भी चुद लेती थी.

एक साल तक ये सब चलता रहा.

एक बार उसके घर में कोई नहीं था.
मैं तब कहीं और था.

उसका कॉल आया, तो मैं सब काम छोड़ कर रिया के घर आ गया.
पहले उसे खूब किस किए … बूब्स चूसे और रिया को पूरी नंगी कर दिया.

मैंने रिया की चूत चाटी तो रिया सिहर उठी. तब भी मैं उसकी चूत चाटता रहा.
फिर उसे 69 में लेकर उसके मुँह में लंड दे दिया.
उसने बड़े आराम से लंड को चूसा और पूरे अन्दर तक लेकर चूसती रही.

उस दिन मैंने रिया से कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
वह बोली- दर्द होगा!
मैंने कहा- आराम से करूँगा.

रिया राजी हो गयी.
मैंने उसकी गांड में तेल लगाया और लंड में तेल लगा कर उसे घोड़ी बना दिया.

मैं उसकी गांड में लंड पेलने लगा.
गांड बहुत टाइट थी, लंड जा ही नहीं रहा था.

मैंने रिया से लंड को गांड में लगा कर पकड़ने को बोला.
रिया ने लंड को गांड में लगा कर पकड़ लिया.

मैंने ज़ोर का धक्का मारा तो रिया गिर गयी.
मैं फिर भी नहीं हटा.

उसकी गांड में लंड डाले हुए ही मैं उसके ऊपर गिर गया.
फिर दूसरा धक्का मारा तो गांड को चीरते हुए लंड रिया की गांड में घुस गया.
रिया रोए जा रही थी.

कुछ देर के लिए मैं रुक गया और उसी के ऊपर लेटा रहा.
जब उसे थोड़ा आराम मिला तो धक्के देना शुरू किए और दस मिनट तक .

मैंने देखा कि रिया की गांड से खून निकल रहा था.
फिर मैंने लंड को निकाल कर रिया को सीधा लिटा दिया और उसकी चूत में पेल दिया.
उसे दर्द हुआ पर रिया सह गयी.

मैं उस दिन 25 मिनट बाद पानी निकालने को हुआ तो लंड निकाल कर रिया के मुँह में दे दिया.
रिया ने लंड का पानी पी लिया.

उसके बाद कुछ देर लेटने के बाद मैंने दोबारा करने की कही तो बोली- आज नहीं यार … आज बहुत दर्द हो रहा है.

उसके बाद मैं जाने को हुआ.
मुझे निकलने में कुछ देर हो गई.
तभी उसकी मम्मी आ गईं.

मैंने रिया से कहा- अब तो गए काम से?
रिया ने अपनी मम्मी से बोल दिया कि मैं वॅक्स कर रही हूँ, अभी मैंने कपड़े नहीं पहने हैं.
तो मम्मी कहीं चली गईं.

तभी मैंने कपड़े पहने और रिया ने भी कपड़े पहन लिए.
उसने बाहर जाकर देखा कि रास्ता साफ है.

फिर मैं निकल कर अपने घर आ गया.

दोस्तो, इस तरह से मेरी और रिया की सेक्स कहानी चलती रही.
आपको इस स्कूल टीचर सेक्स इन मॉल कहानी पर क्या कहना है. प्लीज मेल करें.

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