हॉट गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे दूसरी लड़की को पटाने के चक्कर में एक चालू सी लड़की पट गयी. जब मैं उसे चोदने लगा तो उसने क्या कहा?
दोस्तो, मेरा नाम सरफ़राज़ है। मैं यहाँ अक्सर सैक्स की मजेदार कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ जो मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।
यहाँ लोग अपनी सैक्स की कहानियाँ लिखते रहते हैं जिनको पढ़कर मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपनी हॉट गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी यहाँ सबके साथ शेयर करुँ।
तो पहले मैं अपने बारे में कुछ बातें बता देता हूँ।
जैसा कि मैंने पहले बताया कि मेरा नाम सरफ़राज़ है। मैं फिलहाल दिल्ली में रहता हूँ और ये शहर मुझे बहुत पसंद है।
मैं असल में झारखंड से हूँ, मेरा अपना घर झारखंड के देवघर में है।
मुझे चूत चोदना बहुत पसंद है; मैं सैक्स का दीवाना हूँ। जैसा कि आप सब भी होंगे।
इस मामले में मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मुझे चूत मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती।
मैंने कई लड़कों को देखा है कि उन्हें लड़कियां नहीं मिलती और वो इस बात पर हमेशा रोते रहते हैं.
पर रहमत से मेरे साथ ऐसा नहीं है। मुझे अक्सर ही लड़कियां मिल जाती हैं।
मैं दिल्ली आने से पहले भी लड़कियां चोदता था पर दिल्ली आने के बाद तो जैसे मेरी किस्मत पर चार चाँद लग गए।
दिल्ली में रहते हुए एक साल में मैंने चालीस के करीब लड़कियों और औरतों को चोद दिया जिसमें से कुछ तो शादीशुदा भी थी।
यही वजह है कि मुझे दिल्ली बहुत पसंद आई।
अब क्योंकि मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है इसलिए मैं अपने लंड का खास ख्याल रखता हूँ.
जिस्म की तरह मैंने अपने लंड के लिए अलग रूटीन रखा है ताकि वो तगड़ा रहे और मैं पूरी तबीयत से चुदाई कर पाऊं और लड़कियां उस चुदाई को हमेशा याद रखें।
मैं तो बस सैक्स की प्यासी चूत की जरूरत पूरी करने का काम करता हूँ जिससे उन्हें खुशी मिलती है और उनकी खुशी में मेरी खुशी छुपी है।
तो चलिए अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
यह हॉट गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी मेरी दिल्ली की नहीं बल्कि मेरे दिल्ली आने से पहले की है जब मैं देवघर में था।
देवघर में मैं हमेशा दोस्तों के साथ पूरा दिन दबंगों की तरह घूमा करता था। वहाँ भी मैं लड़कियों को चोदा करता था।
पर एक लड़की थी जो मुझे काफ़ी पसंद थी। उसका नाम खुशी था। मुझे वो काफ़ी खूबसूरत लगती थी, एकदम गोरे रंग की, प्यारी सी आँखें और मोटे होंठ, भरा हुआ खूबसूरत शरीर।
मैं किसी तरह उससे जान-पहचान बनाना चाहता था पर मुझे कोई रास्ता नहीं मिल रहा था।
कुछ दिनों में मैंने उसकी फेसबुक प्रोफाइल के बारे में पता कर लिया। मैंने उसे रिक्वेस्ट भेज दी।
मैंने कई दिनों तक इंतजार किया पर उसने मेरी रिक्वेस्ट असेप्ट नहीं की।
पता नहीं वो ऑनलाइन आती भी थी या नहीं।
इससे बात नहीं बनी तो मुझे अब उससे बात करने का कोई और रास्ता ढूंढना था।
मैं तो उससे उसके पास जाकर ही बात करना चाहता था पर मौका ही नहीं मिलता था।
पता करने पर पता चला कि उसका एक बॉयफ्रैंड भी है। पर इस बात से मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था, मुझे तो बस खुशी से मतलब था।
बाकी ऐसे बॉयफ्रैंड तो चवन्नी के भाव घूमते हैं।
पर काफ़ी कोशिशों के बाद भी मुझे उससे बात करने का रास्ता नहीं मिला।
एक दिन मुझे फेसबुक पर एक दूसरी लड़की की प्रोफाइल दिखी।
वो प्रोफाइल मुस्कान नाम की लड़की की थी। मुस्कान को मैंने कुछ बार खुशी के साथ देखा था।
मैंने सोचा कि अगर ये किसी तरह पट जाए तो मैं इसके ज़रिये खुशी से भी मिल सकूंगा।
यही सोच कर मैंने मुस्कान को रिक्वेस्ट भेज दी।
कुछ ही देर बाद मुस्कान ने मेरी रिक्वेस्ट असेप्ट भी कर ली।
मुस्कान कुछ खास खूबसूरत नहीं थी पर काम चलाऊ जरूर थी।
पतले शरीर पर ठीक-ठाक उभार और बन-ठन के रहने वाली। सांवला सा रंग और चेहरे पर नशीली सी आँखें और हल्के फैले हुए होंठ जिसकी तरफ़ नज़रें खुद ही चली जाती थी।
मुस्कान दिखने में काफ़ी कमीनी टाइप की थी।
मैंने उसे मैसेज भेज दिया तो कुछ देर बाद ही मुझे उसका रिप्लाई भी आ गया।
फिर मैं उसे मैसेज भेजता रहा और हमारी बातें शुरू हो गई।
मैं उसकी खूबसूरती की तारीफ़ करता और बेझिझक कुछ भी बोल देता।
वो काफ़ी खुल कर बातें कर रही थी।
कुछ समय बाद तो ऐसा लगने लगा कि वो ही चाहती है कि मैं उसे छेड़ूं!
मैंने मुस्कान को बड़ी ही आसानी से पटा लिया या फिर ऐसा कहो कि वो खुद ही आसानी से पट गयी।
उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर दे दिया और हम फ़ोन पर बात करने लगे।
कुछ दिनों बाद मैंने उसे मिलने के लिए कहा तो वो तुरंत मान गयी।
वो मुझसे मिली और हम नंदन पहाड़ वगैरह घूमने गये। हमारी मुलाकातें शुरू हो गयी, वो मुझसे पूरी-पूरी रात बातें करने लगी और विडियो कॉल करने लगी।
मुस्कान के पापा कई सालों से दिल्ली में रहते थे और कभी-कभी ही देवघर आते थे। मुस्कान अपनी दादी और चाचा वगैरह के साथ रहती थी।
अब जब मामला पूरी तरह सैट हो चुका था तो मैंने एक दिन मुस्कान को मिलने बुलाया और उसे अपने साथ लेकर उस जगह आ गया जिसे मैंने अपना अड्डा बना रखा था।
वो घर मेरे मामू का था जो अब देवघर में नहीं रहते थे, वो हैदराबाद चले गये थे और कभी-कभी ही आते थे।
उनके पीछे ये घर खाली ही रहता था और मैं ही यहाँ आता था। लड़कियों को लाने के लिए और दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए ये जगह बहुत अच्छी थी।
तो मैं मुस्कान को वहाँ लेकर गया।
इरादा तो मेरा साफ़ उसकी चुदाई का था जिसका अंदाज़ा तो उसे भी हो ही गया था।
तो बिना कोई देरी किये मैं उसे बेडरूम में ले गया और उसे किस करने लगा। मैं अच्छी तरह उसके होंठ चूसने लगा।
वो आराम से बस इसका मज़ा ले रही थी।
होंठ चूमते हुए मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स के साथ खेलने लगा।
जब भी मैं उसके बूब्स को ज़ोर से मसलता तो उसके मुँह से ऊऊऊ … की मस्त आवाज़ निकलती थी।
फिर मैंने उसके टॉप और ब्रा को उतार दिया.
उसके बूब्स पर निप्पल का वो गाढ़ा भूरा रंग उसके बूब्स पर बहुत बड़े घेरे में फैला हुआ था जैसा मैंने और भी लड़कियों में देखा था।
कुछ लड़कियों में ये घेरा बड़ा होता है और कुछ में एकदम छोटा!
मुझे आज तक समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों होता है।
खैर मुस्कान में तो ये घेरा बड़ा था जो कि मुझे कुछ खास नहीं पसंद पर आखिर में मतलब तो सिर्फ मज़े से है जो कि मैं ले रहा था।
मैंने उसके बूब्स को चूसना और काटना शुरू कर दिया जिसके वो पूरे मज़े ले रही थी।
फिर जल्दी से मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिये और अपने कड़क लंड के साथ मुस्कान के आगे खड़ा हो गया।
वो मेरे तने हुए लंड को देख कर दंग रह गई थी।
मैंने उसका हाथ में अपना लंड पकड़ाया और उसे हिलाने को कहा।
वो मेरा लंड हिलाने लगी।
मैंने उसे पूछा कि लंड मुँह में लेगी तो उसने मना कर दिया।
पर मैं अपना लंड उसके मुँह में देना चाहता था।
मैंने उससे कहा कि वो नीचे बैठकर मेरा लंड हिलाए तो वो नीचे बैठ गयी।
मेरे लंड के नीचे उसका चेहरा बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने उसे कहा कि लंड को चूम दे.
तो उसने तेज़ी से हल्का सा होंठ लगा कर हट गयी।
मैंने बोला- ये क्या बात हुई, अच्छे से किस करो।
तो इस बार उसने आराम से किस किया।
उफ … वो नज़ारा में भूल ही नहीं सकता।
मुझे पता लग गया कि उसे मस्ती चढ़ चुकी है तो मौका देखकर मैंने अपना लंड उसके मुँह में धकेला और उसने लंड मुँह में ले लिया।
मैंने उसके सर पर हाथ रखा और लंड अंदर बाहर करने लगा।
वो कुछ खास तो नहीं पर लंड को ठीक-ठाक ही चूस रही थी।
कुछ देर में मैंने उसके मुँह में ही झर दिया।
फिर मैंने उसे उठाया और उसकी जीन्स और अंडरवियर उतार कर उसे लिटा दिया। मैंने उसकी टाँगें फैलाई और उसकी चूत को निहारा।
अब तक तो सिर्फ उसकी चाल-ढाल देखकर मुझे शक था पर उसकी चूत देखने के बाद मुझे पता चल गया कि मुस्कान बहुत ढीले नाड़े की लड़की है।
मैंने पहले भी लड़कियों की सील तोड़ी थी इसलिए मुझे आसानी से पता चल गया कि मुस्कान पहले भी चुद चुकी है और अभी बस नाटक कर रही है जैसे ये सब पहली बार कर रही हो।
मैं उसकी चूत सहलाने लगा और उँगलियाँ अंदर-बाहर करते हुए उसका जिस्म चूमने लगा।
वो जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी और आह … ऊ … की आवाज़ें निकालने लगी।
मेरा लंड तन के फटने लगा तो मैं उठा और अपना लंड मुस्कान की चूत में डालने की तैयारी करने लगा.
तो अचानक उसने पूछा कि क्या मेरे पास कंडोम है।
मैंने मना कर दिया।
तो उसने कहा कि वो प्रोटेक्शन के बिना नहीं करना चाहती।
मैंने कहा कि अभी कंडोम लाने में टाइम लग जाएगा।
मुझे ऐसा लगा कि वो थोड़ा नाटक कर रही है पर मैंने कुछ नहीं कहा।
मैंने कहा कि ठीक है फिर पीछे डाल देता हूँ।
पहले तो वो नहीं मानी पर थोड़ा मनाने पर मान गयी।
मैंने उसे उल्टा कर के झुकाया और उसकी गांड ऊपर की।
फिर मैंने थूक लगा कर अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और धक्का देना शुरू किया।
उसकी गांड बहुत टाइट थी। वो पहली बार गांड मरवा रही थी। जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया वैसे ही वो दर्द से तड़प उठी।
मैंने उसको कस के पकड़ा और लंड अंदर धकेलने लगा। वो मुझसे छूटना चाहती थी पर मैंने उसे जकड़ रखा था और उसकी गांड में लंड का जोर दिये जा रहा था।
मुश्किल से मेरा आधा लंड ही अंदर हुआ और मैं उतने में ही मुस्कान की गांड मार रहा था।
गांड फटने की वजह से मुस्कान की हालत बहुत खराब हो रही थी और उसकी आँखों से आँसू आ गए थे इसलिए मैंने और जोर नहीं लगाया और उसे छोड़ दिया।
मेरे लंड बाहर निकालते ही उसकी जान में जान आ गयी।
सिर्फ उतना सा करने से ही अगले तीन हफ्ते तक मुस्कान की गांड दुखती रही।
उसने मुझे बताया कि उसे बैठने, चलने और खास कर बाथरूम में बहुत तकलीफ़ होती है।
अब इससे पहले कि मैं उस दिन उसकी चूत मारूं … उसके घर से फोन आ गया।
तो मैंने उसे उसके घर के पास तक छोड़ दिया।
उस दिन तो उसकी चूत बच गयी; पर उसके बाद मैंने कई बार उसे चोदा वो भी बिना कंडोम के!
पर उसने फिर कभी मुझे अपनी गांड मारने नहीं दी।
हम विडियो कॉल पर भी सेक्स करते थे और वो अपनी नंगी फोटो भी मुझे भेजती थी।
अक्सर वो अपनी पढ़ाई छोड़ कर मुझसे मिलती थी और जमकर चुदती थी।
धीरे-धीरे पता करने पर मुझे उसके बारे में बहुत कुछ पता चला।
वो कई लड़कों के साथ रह चुकी थी और एक साथ कई लड़कों को फंसा के रखती थी और सभी बेवकूफ़ लौंडों को यही लगता था कि वो सिर्फ़ उसी के साथ है।
मुझे उसके एक बॉयफ्रैंड सेन्डी नाम के किसी लड़के के बारे में भी पता चला था।
मैंने अपने कुछ दोस्तों के अकाउंट से भी मुस्कान से बात की तो वो उनसे भी पट गयी।
मुझे ये भी सुनने को मिला कि मुस्कान अपने से छोटे लड़कों से भी इश्क लड़ाती है.
और तो और उसका चक्कर अपने किसी कोचिंग के सर के साथ भी था.
पर ये दोनों ही बातों की मुझे कोई पक्की खबर नहीं मिली कि ये कितनी सच है। पर ये बात पक्की थी कि वो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है और वो कई लड़कों को फ़सा कर रखती थी।
मुस्कान में एक खास बात थी कि वो बोलने में बहुत माहिर थी।
अगर आप उससे बात करोगे तो आपको यही लगेगा कि वो दुनिया की सबसे सच्ची लड़की है जिसके साथ सब बुरा करते हैं।
मुझे उसके काफ़ी कांडों के बारे में पता चल गया था इसलिए उसकी बातों का मुझ पर कोई असर नहीं होता था।
कमीनी तो वो मुझे शुरू से ही लगती थी।
मैंने उसे नहीं बताया कि मुझे उसके बारे में क्या सब पता है। मैंने सब कुछ पहले जैसा ही रखा क्योंकि मुझे उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। मैंने तो इसे बस चोदने के लिए ही पटाया था बल्कि वो खुद पटी।
मैं बस तबीयत से उसकी चुत चोदता रहा।
मेरे बारे में भी उसने किसी को नहीं बताया था क्योंकि बड़ी से बड़ी रंडी भी दुनिया के सामने संस्कारी बनकर रहती है जैसे कि मुस्कान।
धीरे-धीरे हमारा मिलना कम हो गया क्योंकि मैं अपने दिल्ली आने के कामकाज में बिज़ी हो गया और इस चक्कर में खुशी से भी नहीं मिल पाया।
दिल्ली आने के समय मेरे दोस्तों ने बताया कि मुस्कान आजकल किसी राजवीर नाम के लड़के के साथ घूमती है जो पोलिटिकल पार्टी का प्रचार किया करता है।
खैर फिर मैं दिल्ली आ गया।
यहाँ भी मैंने एक बार मुस्कान से बात करने की कोशिश की पर शायद उसने अपना नंबर बदल लिया था इसलिए बात नहीं हो पाई।
फिर दिल्ली आने के बाद तो मेरी जिंदगी और भी रंगीन हो गई और बाकी सब पीछे छूट गया।
तो ये थी दोस्तो, मेरी एक बीती कहानी। मेरी और भी कहानियाँ हैं जो शायद मैं आगे लिखूँ अगर मेरा मन हुआ तो।
तब तक के लिए मेरी इस हॉट गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी के साथ विदा।