मैरिड सेक्स गर्ल कहानी में पढ़ें कि मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड की शादी के बाद भी वह मेरा लंड मांगती थी. एक बार उसने मुझे अपने ससुराल बुलाया चुदाई के लिए. वो अकेली थी.
गर्म चूत वाली भाभियों और नई नवेली कच्ची कलियों को प्यार भरा चुम्मा सीधे उनके चूचों पर!
सबसे पहले धन्यवाद उन सभी का जिन्हें मेरा पिछला अनुभव
पसंद आया और मुझे कई सारी भाभियों का भी ईमेल के ज़रिए प्यार मिला।
मेरी पिछली कहानी जिन्होंने पढ़ी है वे मुझे अच्छे से जानते होंगे, मैं मंडला (म.प्र.) में रहता हूं मेरा नाम अभिमन्यु है।
यह मेरा सबसे दिल दहला देने वाला मैरिड सेक्स गर्ल अनुभव जो कि पिछले छः महीने पहले ही मेरे साथ हुआ, आप लोगों से शेयर करना चाहता हूं।
दिल दहला देने वाला क्यों, यह आप लोगों को अंत में पता चल जाएगा।
22 साल की ही उम्र है अभी मेरी जान की और जब वह 18 साल की थी तभी उसकी शादी करवा दी गई।
शादी के बाद भी उसे मेरा लन्ड ही चाहिए।
मेरे साथ दारू पीना, सिगरेट पीना उसे बहुत पसंद है।
आज सुबह से ही वो सैक्सी मूड में है।
मेरी जान का नाम मीशी है मात्र 22 साल की मखमली बदन और गोरे रंग की मक्खन जैसे चिकनी मेरी जान का फिगर भी कातिल है.
उसके 36 के चूचे, 30 की कमर 36 की गान्ड देख कर अच्छे अच्छों का लन्ड सलामी देने लगता है।
आखिर वह है भी इतनी मस्त, तीखें नैन और गुलाबी होंठ और हमेशा टॉप और जींस में रहती है।
उसकी एक बेटी भी है जो अभी 2 साल की है।
यह छः महीने पहले की बात है है जो मेरे साथ हुआ सत्य अनुभव है।
तो दोस्तो, हुआ यूं कि एक रात करीब 1 साल बाद मेरी जान का कॉल आया जिसकी शादी को 3 साल हो चुके हैं. हालांकि हर साल उससे मिलना हो ही जाता है।
कॉल में उसने बताया कि वह मुझे बहुत मिस कर रही है और हमेशा मुझसे मिलने के बारे में सोचती रहती है. लेकिन दिक्कत यह है कि वह जबलपुर में रहती है और मैं मंडला में।
फिर उसने बताया कि कल उसका पति और सास हाईकोर्ट जाने वाले हैं कुछ काम से तो कल उसका घर पूरा खाली रहेगा और हमारे पास रात आठ बजे तक का समय रहेगा साथ में रोमांस करने के लिए।
अगले ही दिन मैं पूरी तैयारी के साथ जबलपुर जाने को तैयार भी हो गया.
लेकिन सुबह 10 बजे के करीब उसका कॉल आया कि उसके पति और सास का जाना कैंसिल हो गया है।
“इसकी मां का चूत … ये क्या हो गया!” मेरी तो झांटें ही सुलग गयी यह सुनकर।
लेकिन मेरी जान की जिद थी कि आज कुछ भी हो जाए … मुझसे मिलना ही चाहती है.
चाहे जो हो जाए मैरिड सेक्स का मजा लेना है।
मैं तैयार तो था पर बारिश भी हो रही थी.
और अब मेरा मूड भी खराब हो गया था.
लेकिन वह बार बार मुझे मना रही थी तो मुझे भी जाने का मन होने लगा.
मैं अपने एक दोस्त मोनू को भी साथ में चलने को बोला.
तो वह भी तैयार हो गया.
और तभी मेरी जान का फिर एक बार कॉल आया. मेरी जान ने आज मेरे साथ दारू पीने की इच्छा जाहिर की।
मैं भी मना नहीं कर सका और उसकी फेवरेट ओल्ड मॉन्क का हाफ लेकर और सिगरेट का पैकेट लेकर मैं और मेरा दोस्त मोनू मेरे बाइक से 100 कि मी तय करके मंडला से जबलपुर पहुंच ही गए।
वहां पहुंचते ही मैंने हमारे एक दोस्त को कॉल किया जो जबलपुर में ही था.
उसके ऑफिस जाकर मोनू के लिए एक अलग से बाइक का जुगाड़ किया ताकि मेरी जान मीशी और मैं एक साथ बैठ सकें.
और फिर हम दोनों दीनदयाल बस स्टैंड के पास उसका इंतजार करने लगे।
मीशी ने घर में बहाना कर दिया था कि वह अपनी एक सहेली से मिलने जा रही है क्योंकि वह काफी टाइम से बीमार है।
थोड़ी ही देर में मुझे मेरी जान का कॉल आया और उसने अपनी लोकेशन दी.
क्या बताऊं दोस्तो, उसको देखते ही दिल भर आया और मेरा लन्ड भी अपनी हरकत में आने लगा था।
वह मेरी तरफ किसी कयामत की तरह चली आ रही थी।
उसने काले टॉप के ऊपर जैकेट और जींस पहनी हुई थी और क्या गज़ब का माल लग रही थी।
उसको देखते ही मोनू की भी झांट सुलग गई.
हालांकि दोनों एक दूसरे को पहले से ही जानते हैं क्योंकि बचपन से ही हम सब एक ही मोहल्ले के थे और वो मोनू को भैया बोलती थी।
मीशी- जान, पहले यहां से जल्दी चलो क्योंकि मेरा ससुराल भी पास में ही है और मैं घर में बहाना करके आई हूं।
मैं- हां बेबी, जल्दी बैठ!
फिर हम तीनों, मैं, मीशी और मोनू जल्द ही वहाँ से निकले और न्यू भेड़ाघाट घूमने चल गए।
आज इतने समय के बाद मेरी जान मुझसे मिली थी तो उसका मस्ती करना भी जायज़ था.
वह पूरे रास्ते मेरे गालों पर अपने रसीले होंठों से चूमे जा रही थी और मेरी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर मेरे सीने को सहला रही थी.
और मैं भी एक हाथ से बाइक चलाते हुए दूसरे से उसकी जांघ को मसले जा रहा था।
इन सब हरकतों से हम दोनों एक दूसरे के साथ मस्ती कर रहे थे और जल्द ही एक दूसरे की बाहों में समा जाना चाहते थे।
मैंने उसे बोला भी- जान, आज तो कयामत लग रही हो. आज तो पूरे साल भर की कसर निकाल लूंगा.
तो भेन की लोड़ी ने मेरे कान में जोरों से एक लव बाइट दे दी।
हम लोग अब न्यू भेड़ाघाट पहुंच गए थे और घूमने लगे.
जो लोग जबलपुर से हैं या भेड़ाघाट गए हैं, उन्हें वहां का माहौल अच्छे से पता होगा.
तो हुआ यूं कि हम लोग वहाँ से न्यू-भेड़ाघाट में जरा सुनसान एरिया में चले गए।
मेरी जान मेरे दोस्त के सामने भी एकदम कंफर्टेबल थी।
हालांकि वहाँ एक निब्बा निब्बी वाला कपल था जो चोंच लड़ा रहा था.
लेकिन हमें क्या था, आखिर वहां सब इसीलिए आते हैं।
फिर मैं और मेरी जान भी एक दूसरे से चिपटा चिपटी करने लगे.
तो मोनू साला बमकने लगा और बोला- यार, पहले बैग खोल और मेन आइटम निकाल! इतनी दूर से लाए हैं तेरी मैडम के लिए!
मैंने और मीशी ने भी हामी भरी और हम वहीं माहौल बना कर बैठ गए।
अब शुरू होती है मस्त कहानी!
मीशी- जान, यहां सेफ तो है न?
मोनू- अरे भाभी, ये सब जो दारू सिगरेट लाए हैं, वापस थोड़ी लेकर जाना है, आपके लिए ही तो लाए थे।
मैं- और नहीं तो क्या, आओ जान, साथ में पियेंगे।
मीशी- कोई जल्दी नहीं है, आराम से पियेंगे जान … लेकिन मुझे पैग आप अपने हाथ से ही पिलाओगे।
मैं- हाँ बेबी बहुत कुछ पिलाना है आज तो तुम्हें!
मीशी- धत्त, भैया के सामने कैसी बात कर रहे हो!
मैं- सब जानता है वो, वैसे भी तुम्हारा उद्घाटन मैंने इसी के रूम तो किया था, याद है न?
मेरे ऐसा बोलने से हम तीनों एक दूसरे को देख के हंसने लगे और एक दूसरे को देखने लगे क्योंकि सभी जानते थे आगे क्या होने वाला है।
दोस्तो, इस मैरिड सेक्स गर्ल कहानी में बहुत ही रोचक मोड़ आने वाले हैं.
तो कृपा करके थोड़ा सब्र रखें अगले भाग के लिए!
और आपको क्या लगता है आगे क्या क्या हुआ होगा?
मुझे मेल करके अपने विचार बतायें।
और तैयार रहें अगला भाग पढ़ने के लिए।
जिन्होंने मेरी पिछली स्टोरी नहीं पढ़ी है जरूर पढ़े मैंने उसमे अपने बारे में भी विस्तार से लिखा है.
मैरिड सेक्स गर्ल कहानी का अगला भाग: