लंड के बिना चूत का दर्द- 2

Desi Sex Stories Hindi Sex Stories

विडो सेक्स लाइफ स्टोरी मेरी अपनी कहानी है. शादी के बाद मुझे सेक्स का पूरा मजा नहीं मिला. फिर मैं विधवा हो गयी. उसके बाद मैंने कैसे अपनी चूत की आग बुझाई.

कहानी के पिछले भाग

में आपने पढ़ा कि
शादी के बाद मुझे सेक्स का अच्छा मजा नहीं मिला. फिर दुर्भाग्यवश मैं विधवा हो गयी. उसके बाद मुझसे मेरी चूत की आग संभाली नहीं!
मैंने इंटरनेट पर एक सहेली बनायी, उससे सेक्स की बातें करने लगी. मैंने उसके पति में रूचि लेने लगी. और एक दिन वे दोनों मेरे घर आये.

अब आगे विडो सेक्स लाइफ स्टोरी:

मैं बेड के पास खड़ी हो गई तो नीता ने मेरी बांह पकड़ कर मुझे बेड पे बुलाया और मुझे उन दोनों के बीच में लेटा लिया.

मेरे लेटते ही दीप ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे चूसने लगा.

पहले मुझे शर्म सी आ रही थी कि कैसे इन दो अनजान लोगों के साथ मैं ये सब कर पाऊँगी क्योंकि आज पहली बार ही तो मैंने इन दोनों को देखा था.
मगर अब जब इन दोनों अधनंगी हालत में देखा तो मेरा काफी डर उड़ गया.

दीप के साथ लम्बे लम्बे किस करने से ही मेरी चूत में पानी आना शुरू हो गया.

नीता ने मेरी नाईट ड्रेस के सामने के सभी बटन खोल कर मेरी ड्रेस खोल दी और मेरी शर्ट उतरवा दी.
उसके बाद मेरा लोअर भी उतार दिया.

मैं भी सिर्फ एक गहरे मैरून कलर के ब्रा पेंटी में थी.

मुझे ब्रा में देख कर दीप मेरे मम्मों को दबाने लगा और मेरे जिस्म पर यहाँ वहां चूमने लगा, कभी काटता तो कभी चाटता.
मैं आँखें बंद किये, एक पुरुष के संसर्ग का आनंद ले रही थी.

तभी मेरे होंटों पर दो नम होंठ आ जुड़े.
मैंने आँखें खोल कर देखा, नीता मेरे होंठों को चूस रही थी. मैंने भी उसका साथ दिया.
जीवन में पहले बार किसी औरत के होंठों को चूसा मैंने!

दीप ने मेरी जाँघों को चूमते हुए मेरी पेंटी उतार दी और मेरी दोनों टाँगें फैला कर जैसे ही उसने अपने होंठों से मेरी चूत को छूआ.

मैं तो एक झटके से उठ बैठी- नहीं ये मत करो, मुझे बहुत अजीब लगता है.
तो दीप बोला- यार, फॉर प्ले के दौरान चूत चाटना तो बड़ी आम बात है, इसमें इतना घबराना क्यों?

मैंने कहा- दरअसल मैंने ये कभी नहीं करवाया.
तो नीता बोली- तुम्हारे पति ने कभी भी तुम्हारी चूत नहीं चाटी?
मैंने ना में सर हिलाया.

तो दीप बोला- लंड तो चूस लेती हो, या पति ने कभी लंड भी नहीं चुसवाया?
मैंने फिर ना में सर हिलाया.
तो वो दोनों हंस पड़े.

दीप ने अपनी चड्डी उतारी तो नीचे से उसका काला मोटा लंड मेरे सामने आ गया, वो बोला- इसे चूस सकती हो?
मैंने कुछ नहीं कहा.

तो नीता ने अपने पति का लंड अपने हाथ में पकड़ा और बड़े आराम से अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
करीब आधा लंड वो अपने मुंह में अन्दर बाहर कर रही थी और दीप आँखें बंद करके उससे मुख मैथुन का आनंद ले रहा था.

थोड़ा चूसने के बाद नीता ने अपने पति का लंड मेरी तरह बढ़ाया, मैंने उसे मुंह में लिया पर चूस न सकी.
मुझे तो उबकाई सी आ गई.

तो नीता बोली- रहने दो … तुम्हें आदत नहीं है, तुमसे नहीं होगा.
उसके बाद वो फिर अपने पति का लंड चूसने लगी.

दीप ने मेरी और नीता दोनों की ब्रा खोल दी और हम दोनों के मम्मों से दबा दबा कर खेलने लगा.
कभी मेरे मम्मे चूसता तो कभी नीता के.

फिर नीता ने कहा- अब हम दोनों शुरू करेंगे और तुम वैसे ही उंगली करोगी जैसे रोज़ इसके बारे में सोच कर करती हो.

मैंने कहा- अरे मैं उंगली क्यों करुँगी? मैंने तो तुम्हें पहले ही कह दिया था कि मुझे सब्र नहीं हो रहा. मैं तो सिर्फ आज के दिन की वेट कर रही हूँ, जिस दिन मेरे पति की बरसी हो. ताकि इस सब जंजाल से निकल कर मैं अपनी चूत की आग तो ठंडा करू. क्योंकि पिछले 8 महीने से इसने बेदर्द चूत ने मेरा जीना हराम कर रखा है. नीता मुझे इतनी आग लगती है, मैं इतना तड़पती हूँ कि पीरियड्स में भी मैंने हर रोज़ उंगली की है. इस लिए अब मुझसे सब्र नहीं होगा.

तो नीता हंस कर बोली- अरे पगली, इतनी उंगली नहीं करनी है, बस थोड़ा सा ताकि तुम हमें सेक्स करते देख सको, और हम तुम्हें उंगली करते. जैसे फ़ोन पर हम एक दूसरे को बताते थे.

मैं नीता की बात समझ कर बगल में लेट गई तो दीप नीता के ऊपर आ गया और बोला- चल रांड, ले अपने यार का लौड़ा अपनी प्यासी चूत में!

नीता ने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखा.
बड़े आराम से दीप ने उसे नीता की चूत में उतार दिया और उसके बाद धीरे धीरे आगे पीछे हो कर उसको चोदने लगा.

लंड जब अन्दर बाहर होने लगा तो नीता की चूत पानी पानी हो गई और नीता के मुंह से हल्की हल्की आहें निकलने लगी.
मैं अपने बिल्कुल सामने एक मर्द और एक औरत को चुदाई का भरपूर मज़ा लेते हुए देख रही थी और उनको देख कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

एक मिनट बाद दीप ने कहा- चल अब कुतिया बन.
मैं उनको देखती रही.
नीता कुतिया बन गई तो दीप ने उसे पीछे से चोदना शुरू किया.

मगर इस तरह कुतिया की तरह चुदाई को देख कर मैं बेबस सी हो गई.
मैंने कहा- नीता बस कर … अब अपना पति मुझे दे दे मेरी बहन. अब मैं और देख कर गुज़ारा नहीं कर सकती.

तो दीप नीता से पीछे हट गया और मेरी तरफ आया.
मैंने उसे देख कर अपनी टाँगें फैला दी.

दीप ने मेरी चूत पर अपना लंड रखा और अन्दर धकेल दिया.
थोड़ा अटक कर उसका लंड मेरी चूत में गया.

दीप बोला- देखा इस्तेमाल न होने की वजह से फिर से टाइट हो गई.

मगर मुझे तो जैसे जन्नत मिल गई.
दीप का लंड मेरे दिवंगत पति से मोटा भी था और लम्बा भी.
मेरे लिए बड़े लंड का ये पहला अहसास था.

बड़े ही आराम से, बड़ी तसल्ली से दीप ने मुझे चोदना शुरू किया.

नीता बिलकुल उसके साथ उसके कंधे पर हाथ रख कर खड़ी अपने पति को दूसरी औरत को चोदते हुए देख रह थी.
बालों भरा सीना और भरा हुआ जिस्म, एक ताकतवर मर्द, जो अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों स्तनों को भी मसल रहा था और अपने कड़क लंड से मेरी प्यासी चूत की खुजली भी मिटा रहा था.

दीप बोला- नीता, अपनी चूत का पानी पिला.
नीता उठा कर दीप के सामने आई.

उसने अपने दोनों पाँव मेरी दोनों बगलों में रख दिए और ठीक मेरे चेहरे के ऊपर खड़ी हो गई.

अपनी चिकनी चूत को उसने अपने पति के मुंह से लगा दिया.

मैंने पहली बार किसी मर्द को इस तरह से औरत की चूत चाटते देखा.
दीप के चाटने से उसका थूक और नीता की चूत का पानी दोनों मेरे बदन और चेहरे पर गिर रहे थे मगर मुझे इस में कुछ भी बुरा नहीं लगा.
बल्कि मेरे मन में इच्छा हो रही थी कि मैं भी उठ कर नीता की चूत को चाट लूं.

दीप ने बड़े अच्छे से मुझे चोदा, फिर बोला- चल रांड, अब अपने असली रूप में आ!

मैं समझी नहीं तो नीता बोली- अरे कुतिया बन मादरचोद.
मैं उठ कर कुतिया वाले पोज़ में आई तो दीप ने मुझे पीछे से चोदना शुरू कर दिया.

इस बार नीता मेरा सामने आई और अपना मम्मा मेरे मुंह में दिया- चूस इसे रंडी!
मैंने नीता के दोनों मम्मे चूसे, नीता ने मेरी होंठों को चूसा, मेरे पूरे चेहरे को चाट लिया, मेरे मुंह पर थूका, मेरे मुंह पर चांटे भी मारे, मुझे गालियां दी- साली रंडी की औलाद, मेरे सामने मेरे पति से चुदवाती है? कुलटा, लंड की बहुत भूख है तुझे, क्या भोंकती थी फोन पर, मुझे उस दिन का इंतज़ार है जब मेरे पति की बरसी होगी, मेरी चूत में तो इतनी आग लगी है कि उसी दिन चुदवा लूंगी. अब चुदवा रंडी साली, ले मेरे पति का लंड लेकर अपनी चूत ठंडी, अपनी क्या अपनी माँ चूत भी ठंडी करनी है तो बोल, मादरचोद, भैन की लौड़ी मेरा पति तो तेरे सारे खानदान को चोद देगा आज. चुद कुतिया चुद … साली रांड कहीं की!

मुझे आज तक किसी ने गाली नहीं दी थी मगर आज नीता की किसी गाली का मुझे पर कोई असर नहीं था.
मैं तो बस चुदाई में मस्त थी.

दीप ने मुझे फिर सीधा लेटा दिया और फिर मुझे सामने से चोदने लगा.

अब चुदाई से मेरा स्खलित होने के समय आ रहा था. मैं और तड़प रही थी, नीचे से अपनी कमर भी उछाल रही थी.

तब नीता आकर मेरे चेहरे पर बैठ गई, उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी और बोली- चाट इसे भैन चोद, अपनी सौतन की चूत चाट. कुतिया की तरह चाट रंडी की औलाद, खा जा इसे.

वो बोलती रही, दीप चोदता रहा, और मैं सेक्स के आवेश में उसकी चूत भी चाट गई.

और जब मेरा पानी छूटा तो मैंने तो जोश में आ कर नीता की चूत को काट लिया, जोर से तो नहीं पर काट लिया.

बुरी तरह तड़प कर, उछल कर मैंने 8 महीने बाद अपनी चूत का व्रत तोड़ा. अब विडो सेक्स लाइफ की शुरुआत की मैंने!
ए सी में ही मुझे जैसे पसीना आ गया हो.

नीता ने अपनी गीली चूत मेरे सारे चेहरे पर मल दी.

मेरी तेज़ सांस धीरे धीरे सामान्य होने लगी.

दीप अभी नहीं झड़ा था तो नीता ने उसे अपने ऊपर खींच लिया.
मैं चुदने के बाद, छूटने के बाद, लुटने के बाद, बिस्तर पर लेटे उन दोनों की काम लीला देखने लगी.

मैंने एक बात देखी कि दीप बहुत आराम से सेक्स करता था, जिससे उसका टाइम ख़त्म ही नहीं होता था मगर कड़क लंड की रगड़ाई सी चूत पानी छोड़ जाती थी.

करीब आधा घंटा मुझे चोदने के बाद 15 मिनट उसने नीता को चोदा और फिर एकदम से अपना लंड निकला और नीता के मुंह पर अपना माल गिरा दिया.
जिसमें से बहुत सारा नीता चाट भी गई.

मैंने हैरान होकर पूछा- अरे … ये कैसे?
तो नीता हंस कर बोली- मुझे तो टेस्टी लगता है, कई बार तो मैंने सारा ही पी जाती हूँ.

दीप पसीने से भीग चुका था, वो लेट कर आराम करने लगा.
मैं और नीता दोनों उसके अगल बगल उसके जिस्म से लिपट कर लेट गई.

वो किसी राजा की तरह अपनी दो दासियों के बीच लेटा था.

कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे. फिर दीप उठ कर पेशाब करने गया तो हम भी साथ ही चल पड़ी.

बाथरूम में नीता ने दीप का लंड अपने हाथों से पकड़ कर उसे पेशाब करवाया और फिर मुझे भी कहा.
मैंने भी ऐसे ही किया.

नीता बोली- तुमने कभी अपने पति को पेशाब करवाया है?
मैंने हाँ में सर हिलाया तो वो बोली- अरे तुम लोगों ने किया क्या था, 6 साल में न लंड चूसा, न चूत चाटी, लगता है गांड भी नहीं मरवाई होगी?

फिर से मैंने ना में सर हिलाया तो नीता बोली- चल ये भी करके देख.
मैंने कहा- अरे नहीं, दर्द होगा.
वो बोली- कुछ नहीं होगा, तू चल तो सही.

हम तीनों बिस्तर पर वापिस आ गये और नीता ने मुझे कोई तेल या लुब्रिकेंट लाने को कहा.
कमरे में सरसों का तेल पड़ा था तो मैं वो ही ले आई.

हम बेड पर लेट गए.

नीता ने दीप के लंड को हाथ में पकड़ा और बोली- अब देख, ये चुदाई करके नर्म पड़ गया है, इसे फिर से कड़क करने के लिए चूस कर खड़ा करना पड़ेगा. चल अब तेरी बारी, चूस इसे!

मैंने दीप का ढीला लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपने होंठों से लगाया.

बड़ी मुश्किल से मैंने अपनी 6 साल की शादीशुदा जिंदगी में एक या दो बार अपने पति का लंड चूसा होगा, वो भी मुझे अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने भी जोर नहीं दिया और मेरा लंड चूसने का टेस्ट ही नहीं बना.
न मेरे पति ने कभी मेरी चूत चाटी.

अब जब मैं अपनी शादी के 6 साल बाद और विधवा होने के 8 महीने बाद किसी मर्द का लंड चूसना चाहती थी तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था.
जब मु झसे ठीक लंड नहीं चूसा गया तो दीप ने मुझे अपने ऊपर उल्टा लेटा लिया और मेरी चूत को अपने मुंह पर रख लिया.

अब जब उसने मेरी चूत में अपनी जीभ घुमाई तो मैं तो तड़प उठी.
बामुश्किल दो मिनट उसने मेरी चूत को चाटा होगा कि मैं खुद बा खुद उसके लंड को अपने मुंह में ले गई.
जिस लंड से मुझे उबकाई आ जाती थी, अब उसी लंड को मैं चाट रही थी, चूस रही थी.

उधर चूत में घूमती जीभ मेरे तन बदन में फिर से आग भड़का रही थी, और इधर मुझे ये काला सा लंड किसी चोकलेट से कम नहीं लग रहा था.

मेरे चूसने से दीप का लंड फिर से कड़क हो गया तो नीता ने अपने पति के लंड को तेल से नहला दिया, खूब चिकना कर दिया.
उसके बाद मेरी गांड पर भी तेल से अच्छे से अन्दर तक उंगली डाल कर तेल से तर कर दी.

फिर मुझे दीप ने कुतिया बनाया और मेरी गांड पर अपने लंड का टोपा रखा.

नीता ने सामने आ कर मेरे होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया.
और फिर जब दीप ने अपने लंड का टोपा मेरी गांड में घुसा, मेरे तो मुंह से चीख निकल गई.

मगर मेरी चीख को नीता अपने मुंह में ले गई.
मैं दर्द के मारे रो पड़ी मगर नीता दीप को इशारा कर रही थी कि करते रहो.
दीप आगे पीछे लंड हिला के मेरी कुंवारी गांड को फाड़ कर उसका फूल बना दिया.

ऐसा लगा जैसे उसका लंड मेरे पेट तक पहुँच गया हो.
पूरा लंड अन्दर तक डाल कर और फिर और तेल डाल कर चुदाई कर के दीप नीचे उतर गया.
मैं दर्द से तड़पती एक हाथ से अपनी गांड को पकडे बिस्तर पर पड़ी रोती रही और वो दोनों मियां बीवी फिर से चुदाई में लग गए.

दीप ने बिना तेल लगाये, नीता की गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया और दोनों बड़े मज़े से गांड चुदाई के मज़े लेने लगे.
मुझे देख कर नीता बोली- तुझे कहा तो था, फ़ोन पर के अगर मेरी नक़ल करनी है तुझे भी गांड में दीप का लंड लेना है तो हर रोज़ अपनी गांड में कुछ गाजर मूली ले कर प्रेक्टिस कर ताकि जब लंड घुसे तो दर्द न हो. मगर तू कहती थी कि नहीं मुझे तो तेरे पति से अपनी गांड फड़वाने का मन है तो ले ले मज़े!

उसके बाद दीप ने नीता को खूब चोदा और फिर वो जब दोबारा झड़ा तो मेरे मुंह पर झडा.
मैंने तो उसका वीर्य नहीं चाटा मगर नीता मेरे मुंह से उसका वीर्य चाट गई.

उसके बाद हम तीनों नंगे ही सो गये.
सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो देखा कि मेरी एक तरफ नीता और दूसरी तरफ दीप बिल्कुल नंग धड़ंग लेटा सो रहे थे.
उसका लंड अभी भी अकड़ा हुआ था.

बगल की टेबल पर तीन कप चाय के पड़े थे जो बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी.

मैंने सोचा चाय कौन रख गया?
फिर ख्याल आया- कहीं माँ तो चाय बना कर नहीं रख गई? और अगर रख गई तो क्या माँ ने सब कुछ देख लिया?
ओह … बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई, अब माँ के सामने कैसे जाऊंगी.

मगर छुप भी तो नहीं सकती.
तो कपड़े पहन कर नहाने चली गई.

उसके बाद सुबह तैयार हो कर, नीता और दीप भी चले गए.
बाद में माँ ने मुझे धीरे से समझाया- बेटी, अब जब सब कुछ निपट चुका है, तो मेरी बात मान, तू शादी कर ले.

ये सलाह देकर अगले दिन माँ भी चली गई.

मगर मैं सोच रही थी कि अगर बिना शादी के भी मज़े मिल सकते हैं तो शादी के बंधन में बंधने की क्या ज़रूरत है. आपका क्या ख्याल है?
आपको कैसी लगी यह विडो सेक्स लाइफ स्टोरी?

Related Posts

Leave a Reply

DMCA Notice: RedHotStories.com respects the intellectual property rights of others and complies with the Digital Millennium Copyright Act (DMCA). If you believe that any content on this website infringes upon your copyright, please send a detailed notice to admin@redhotstories.com including: (1) your contact information, (2) a description of the copyrighted work you claim has been infringed, (3) the exact URL(s) of the allegedly infringing material, (4) a statement that you have a good faith belief that use of the material is not authorized by the copyright owner, and (5) a statement made under penalty of perjury that the information in your notice is accurate and that you are authorized to act on behalf of the copyright owner. Upon receiving a valid DMCA request, we will review and remove the infringing content promptly.