मेरी पोर्न बहन चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने एक दिन अपनी अभन को उसके बॉयफ्रेंड से बात करते पकड़ लिया. वह चूत लंड की बातें कर रही थी. मैं समझ गया कि इसे लंड, सेक्स चाहिए.
मेरा नाम राकेश है और मेरी उम्र 23 साल है.
यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी बहन के बीच की है. मेरी बहन साढ़े अठारह वर्ष की है. उसका नाम सीमा है.
यह मेरी पोर्न बहन चुदाई कहानी आज से कुछ पहले की है, जब वह अपने प्रेमी से बात करने में लगी थी.
उसकी बातों की आवाज मुझे सुनाई दे रही थी.
मैं उसे बात करते हुए सुन रहा था.
वह लंड बुर चुदाई जैसे शब्दों को बोल रही थी.
जब मैं वहां गया तो मुझे देख कर उसने अपना फोन काट दिया और मुझसे बात करने लगी.
मैंने उससे पूछा- तुम किस से बात कर रही थी?
उसने कहा- मैं अपनी सहेली से बात कर रही थी.
मैंने उससे कहा- मैंने भी सुना है कि तू उससे क्या बात कर रही थी.
वो बोली- क..क्या सुना तुमने?
मैंने कहा- तुम उससे कह रही थीं कि मेरी चूत में खुजली हो रही है.
वह कहने लगी- भाई ऐसा कुछ नहीं है.
मैंने कहा- तुम अपनी सहेली से मेरी बात कराओ?
अब वह चुप हो गई और उसने अपना सर नीचे की तरफ झुका लिया.
मैंने उससे कहा- अब क्यों चुप है?
वह रोने लगी और कहने लगी- भाई, किसी से कुछ मत कहना, मैं अब आगे से कुछ नहीं करूंगी.
मैंने अपने लौड़े पर हाथ फेर कर उससे पूछा- क्या तुम्हें लंड की जरूरत है?
उसने कहा- नहीं.
मैंने उससे कहा- तुम्हें इसकी जरूरत है … तू जवान हो गई है और तुझे सच में लंड की जरूरत है, मैं जानता हूं. मुझसे बात मत छुपा, मैं तेरी मदद कर सकता हूँ.
इस पर वह कहने लगी- भाई, ऐसा कुछ नहीं है!
मैंने उससे कहा- मैं जानता हूं कि इस उम्र में ये सब करने का मन करता है.
वह कहने लगी- भाई, मम्मी पापा को कुछ मत कहना … नहीं तो मेरी बहुत पिटाई होगी.
मैंने उससे कहा- एक शर्त है!
उसने कहा- क्या शर्त है?
मैंने उससे सपाट शब्दों में कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं!
वह गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी और कहने लगी- भाई, तुमको शर्म नहीं आती … क्या कोई अपनी बहन के साथ भी ऐसा करता है?
मैंने उससे कहा- शादी के पहले कई लोग ऐसा करते हैं. तुम चाहो तो मैं तुम्हें भाई बहन सेक्स की कहानी भी पढ़वा सकता हूँ.
अब वह चुप हो गई.
मैंने उससे कहा- देख ले, मेरी बात मान लेगी तो फायदे में रहेगी. कहीं यह बात मैंने मम्मी पापा को बता दी तो तुझे क्या हासिल होगा, वो तू अच्छी तरह से जानती है.
वह रोने लगी और कहने लगी- भाई, मैं आपके सामने हाथ जोड़ रही हूं.
मैंने उससे कहा- मैं तेरे साथ सेक्स करना चाहता हूं. यह सेफ है. घर की बात घर में ही रहेगी. कहीं बाहर जाने की जरूरत भी नहीं है और कोई किसी किस्म कर लफड़ा भी नहीं है. बाहर होटल या खुले में सेक्स करना खतरे से खाली नहीं होता है. हम तुम भाई बहन हैं. एक दूसरे को ब्लैक मेल करने का खतरा भी नहीं होगा.
भाई बहन के बीच चुदाई को लेकर मेरे प्रवचनों से वह कुछ देर के लिए चुप हो गई.
मैंने उससे कहा- देख ले, यह बात मैं मम्मी पापा को भी बता सकता हूँ.
वह कहने लगी- भाई, हम तो भाई बहन हैं. भाई बहन के बीच भी ऐसा होता है क्या?
मैंने उससे कहा- ठीक है मैं तुझे पहले अन्तर्वासना की साइट खोल कर सेक्स कहानी पढ़वा देता हूँ.
वह कहने लगी- भाई, वो मैंने सब पढ़ी हैं. लेकिन आप ये तो सुनो कि अगर यह बात किसी को पता चल गई तो क्या होगा. हमारी कितनी ज्यादा बदनामी होगी?
मैं समझ गया कि मेरी बहन चुदने को तैयार है. बस फिर क्या था.
मैंने उससे कहा- मैं यह बात किसी से भी नहीं कहूंगा और तुम भी यह बात किसी से मत कहना. फिर किसी को कैसे कुछ पता चलेगा?
उसने कहा- ठीक है, पर हम यह काम कहां पर करेंगे?
मैंने कहा- किसी दिन जब मम्मी पापा घर पर नहीं रहेंगे, उस दिन हम यह काम आसानी से कर सकते हैं.
उसने कहा- ठीक है.
मैंने आगे बढ़ कर उसे अपने पास खींचा और उसके बूब्स दबाने लगा, किस करने लगा.
पहले पहल तो वह मेरा साथ नहीं दे रही थी; बाद में वो भी मजा लेने लगी.
कुछ देर बाद मम्मी घर पर आ गईं और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.
दो तीन दिन ऐसे ही चलता रहा.
वह अब तक मेरे साथ खुल गई थी और मौका मिलते ही मेरे लौड़े को पकड़ कर मसल देती थी.
चौथे दिन मम्मी को पड़ोस वाली आंटी के साथ उनके गांव जाना था क्योंकि वहां पर किसी की मौत हुई थी इसलिए वहां मम्मी को जाना जरूरी था.
उस दिन मैंने अपनी बहन से कहा- आज मौका है, हम दोनों सेक्स करेंगे.
उसने कहा- ठीक है भाई!
फिर जब मम्मी घर से बाहर निकलने लगीं तो उन्होंने मुझसे कहा- घर से बाहर मत जाना. मैं शाम तक वापस आ जाऊंगी.
मैंने हां कहते हुए घर का दरवाजा बंद किया और बहन के पास आ गया.
वह रसोई में थी.
मैं उसके बूब्स दबाने लगा और उसकी पजामी उतारने लगा.
वह कहने लगी- भाई मैं कुछ देर बाद रूम में आ रही हूं, उसके बाद सही से सेक्स करेंगे.
मैंने कहा- क्यों नखरे दिखा रही है. उस दिन तो तुझे लौड़े की बड़ी जरूरत थी और आज ‘अभी आ रही हूँ … तभी आ रही हूँ.’ कर रही है?
बस ये कह मैंने उसे गोद में उठाया और रूम में ले जाकर बेड पर लिटा दिया.
मैं उसके बूब्स दबाने लगा और एक ही झटके में मैंने उसकी पजामी उतार दी.
अब वो भी मचलने लगी. चुदास तो उसे भी चढ़ी ही थी.
बस काम शुरू हो गया.
पजामी निकलते ही मैंने देखा कि बहन ने गुलाबी कलर की पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने उसकी पैन्टी को उतार दिया और देखा कि बहन की चूत पर छोटे छोटे बाल थे जो डिजायन के आकर में काटे हुए थे और बड़े ही मस्त लग रहे थे.
तब मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने होंठ दबा कर आंख मार दी और अपनी बुर में उंगली फेरने लगी.
मैंने भी अगले ही पल में उसके कुर्ते और ब्रा को भी खींचते हुए उतार दिया.
अब मेरी बहन ऊपर से भी नंगी हो गई थी.
मस्त चूचियां थीं और बुर तो सजी हुई थी ही.
मैं उसके एक दूध को पीने लगा और उसकी चूत में उंगली करने लगा.
वह भी मादक आवाजें निकालने लगी और सीत्कार भरने लगी.
कुछ ही देर बाद वह झड़ गई.
मैंने उसकी बुर का रस चाट लिया.
अब मैं अपना लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह में देने लगा तो वह मना करने लगी.
मैंने कारण पूछा तो कहने लगी- देखो न भाई कितना गन्दा है.
मैंने कहा- अबे ये गंदा नहीं है.यही तो इसकी ब्यूटी है.
ये कह कर मैंने जबरन उसके मुँह में लौड़े को डाल दिया.
वह उसे चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- अब अपनी दोनों टांगें फैलाओ.
उसने हँसते हुए कहा- तुम ही मेरी दोनों टांगें फैला कर अपना लंड चूत पर रख दो.
मैंने ऐसा ही किया और अपने हाथ से थोड़ा सा थूक उसकी चूत पर लगा दिया.
फिर अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दे दिया.
इससे मेरा टोपा उसकी चूत के अन्दर चला गया.
वह रोने लगी और कहने लगी- भाई बहुत दर्द हो रहा है. इसको बाहर निकालो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं थोड़ी देर रूका रहा, बहन के दूध सहलाता रहा, उसकी चुम्मी लेता रहा.
जब उसे दर्द कम हुआ तो मैं अपनी कमर को हिलाने लगा और एक हल्का सा धक्का देकर अपना लंड अन्दर कर दिया.
वह सिहर गई और दर्द से तड़फने लगी.
इसी दर्द के दौर में मैं अपने लौड़े को अपनी बहन की बुर में डालता और निकालता रहा.
कुछ ही देर में मेरा लंड उसकी बुर में पूरा अन्दर हो गया.
मेरी बहन रोने लगी.
मैं कुछ देर तक रूका रहा.
जब उसे दर्द कम हुआ तो मैं अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वह मेरा साथ देने लगी.
जब मैं झड़ गया तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और देखा तो उस पर खून लगा हुआ था.
जब मैंने अपनी बहन की चूत को देखा तो उसमें से खून निकल रहा था.
खून को देख कर मेरी बहन रोने लगी.
वह बिस्तर पर से उठने लगी तो उससे उठा भी नहीं गया.
मैं उसे सहारा देकर बाथरूम में ले गया.
उधर उसकी चूत को साफ़ किया और कमरे में लेकर आया और उसे बेड पर लिटा दिया.
उसके बाद मैंने खून से लथपथ हुई चादर को बाहर निकाल कर हटा दिया.
शाम को मम्मी घर पर आ गईं.
मम्मी ने देखा कि बहन से चला नहीं जा रहा है, तो मम्मी ने बहन से पूछा कि क्या हुआ है?
उसने कहा- मम्मी मैं गिर गई थी, इसी के कारण पैर में मोच आ गई है.
मम्मी ने कहा- ठीक है, तुम आराम करो.
मम्मी घर के काम करने लगीं और खाना बनाने के बाद आवाज देकर बोलीं- आ जाओ, दोनों खाना खा लो.
हम सभी ने खाना खाया और सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए.
उसके बाद मम्मी बहन के कमरे में गईं और उससे बात करने लगीं.
जब मम्मी कमरे से बाहर निकल रही थीं, तब मम्मी ने देखा कि बहन की पजामी पर खून लगा हुआ है.
मम्मी ने उससे पूछा कि यह खून कहां से लग गया?
वह घबरा गई.
मम्मी ने उससे पजामी उतारने को कहा, तो मेरी बहन घबरा गई.
मम्मी ने बहन से कड़क आवाज में पूछा कि क्या किया है तूने?
वह चुप हो गई.
मम्मी उस पर चिल्लाने लगीं और कहने लगीं- मैं तेरे पापा को बता दूंगी.
वह रोने लगी.
मम्मी ने जोर देकर कहा- बता कौन है वह?
बहन ने कहा- मम्मी भाई ने किया है.
अब मम्मी ने मुझे आवाज लगाई तो मैं तुरंत बहन के कमरे में आ गया.
मम्मी ने पूछा- क्या किया तूने?
मैं चुप हो गया.
मम्मी कहने लगीं- तुझे शर्म नहीं आई क्या … तूने अपनी बहन को ही हवस का शिकार बना डाला!
मैं चुप हो गया.
मम्मी पापा को फोन करने लगीं तो मैं मम्मी के पैरों में गिर गया और रोने लगा.
मैं कहने लगा- इसमें मेरी गलती नहीं है.
मम्मी ने कहा कि किसकी गलती है?
मैंने मम्मी को पूरी मेरी पोर्न बहन चुदाई कहानी बताई.
मम्मी ने कहा- ठीक है, इसको लंड की जरूरत है और ये अब बिना लिए मानेगी नहीं. जब तक इसकी शादी नहीं हो जाती, तब तक तू इसकी पूरी करते रहना.
मैं मम्मी के कहने पर अब अपनी बहन को रोज चोदता हूं.
मम्मी की तरफ से भी खुली छूट मिल गई है.
दोस्तो, आपको मेरी पोर्न बहन चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.