मामी की अविवाहित बहन को चोदा- 2

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हिन्दी गांड सेक्स कहानी में मैंने मामी की जवान बहन की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी. उसने मुझे मामी की गांड मारते देख लिया था तो वह भी गांड मरवाने के लिए मान गयी थी.

फ्रेंड्स, मैं आपका साथ वैभव एक बार पुन: आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
मैं आपको अपनी मामी और उनकी अविवाहित बहन की हिन्दी गांड सेक्स कहानी सुना रहा था.

आपने कहानी के पिछले भाग

में पढ़ा था कि मैं और नीता एक दूसरे से चिपक कर लेट गए थे. उसके बाद नीता ने कहा कि आज मुझे खुल कर चुदने का मन है तो चलो तुम्हारे घर में चलते हैं.

अब आगे हिन्दी गांड सेक्स कहानी:

जैसे ही मैं अपने रूम में आया, नीता ने मुझे सोफे पर गिरा दिया और खुद नीचे होकर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
वह इतने सेक्सी तरीके से लंड चूस रही थी, जैसे सच में पोर्न स्टार हो.

जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो खुद उठ कर उस पर बैठ गई और अपनी गांड उठा उठा कर लंड के ऊपर कूदने लगी.

मैं उसकी चूची को आज चूचा बनाने के मूड में था.

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद वह बेड पर लेट गई और अपनी टांगें फैला दीं.

मैं भी उठ कर बेड पर आया और उसके पैरों को थोड़ा लटका कर लंड को पेलना शुरू कर दिया.
मेरे झटके तेज होते जा रहे थे और नीता पागलों की तरह चिल्ला रही थी- और तेज और तेज चोदो … आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.

पूरे कमरे में उसकी आवाज और पानी से गीली हुई उसकी चूत की आवाज फच फच हो रही थी.

जब मेरा निकलने को हुआ तो वह तुरंत मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैंने सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया.

कुछ पानी उसके होंठों से होते हुए उसकी चूचों पर आ गया और वह मुँह में पानी लिए लेट गई.
वह मुँह से पानी को निकाल निकाल कर अपने शरीर पर लगाने लगी.

इसी तरह से करीब 20 मिनट एक दूसरे की बॉडी से खेलते रहे.

नीता की चूत खुल गई थी.
उसने अपनी चूत को देखा फिर मेरा लंड देखा. वह बोली- देखो क्या किया इसने … नीता की चूत का भोसड़ा हो गया!
मैंने कहा- अभी कहां अभी तो इसमें हाथी का लंड भी चला जाएगा, इतना बड़ा करना है.

वह ही ही ही करके हंसने लगी.

फिर हम दोनों किस करने लगे.
नीता अपनी पूरी जीभ मेरे मुँह के अन्दर ले जाती फिर मेरी जीभ को अपने मुँह के अन्दर लेकर खाने सी लगती.

मैं नीता की गांड दबाने लगा और उससे पूछा कि जब तुमने पहली बार किया था, तब भी ऐसा ही फ़ील हुआ था?

उसने कहा- नहीं, जब पहली बार लंड लिया था तो मैं पूरी रात उठ नहीं पाई थी, पर मजा बहुत आया था. मैंने खून की होली सी खेली थी.

मैंने कहा- अगर वैसे ही फिर से हो, तो झेल लोगी?
उसने कहा- उससे ज्यादा मजा आएगा. जब मेरी चूत में लंड हो, तो बस मैं बोलना चाहूँगी कि जैसे आज जितना खुलना हो ये खुल जाए ताकि आगे कोई दर्द ही न हो.

मैंने नीता की पीठ ऊपर की और उसकी गर्दन पर किस करने लगा.

धीरे धीरे मैं उसकी पूरी पीठ को चाटने लगा और उसके बड़े बड़े तरबूज जैसे चूतड़ों पर दांत से काटने लगा.
वह गर्म होने लगी.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली और मुँह उसकी गांड पर रख दिया.
वह मस्त होने लगा.

तभी मैंने उसकी चूत से उंगली निकाल कर उसकी गांड के छेद में डाल दी.
वह उछल गई और बोली- नहीं, वहां नहीं. मैंने दीदी को देखा है. जब वे तक चिल्ला देती हैं, तो मैं तो मर ही जाऊंगी.

हम एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे.
मैंने उसको मना भी लिया.

उसने कहा- अगर दर्द नहीं होगा तो कर लेना और बस एक बार ट्राई करना. यदि दर्द हुआ तो निकाल लेना.
मैंने बोला- ठीक है.

मैंने थोड़ा तेल लिया और उसकी गांड में डाल कर एक उंगली से गांड चोदने लगा.
उसकी गांड बहुत टाइट थी. वह उंगली भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.

कुछ मिनट बाद मैंने उसकी गांड में दो उंगली पेल दीं और चोदना शुरू किया.
उसकी गांड कुछ खुल गई थी.

फिर मैंने उसको डॉगी की तरह कर दिया और अपने लौड़े पर भी तेल लगा लिया.
लंड का सुपारा गांड के छेद पर रख कर दबाना शुरू किया.

धीरे धीरे जैसे ही सुपारा अन्दर गया, नीता को ऐसा लगा मानो उसने हाथी का लंड ले लिया हो.

वह अपने आपको छुड़ाने लगी पर मैंने उसकी कमर कसके पकड़ी थी.
मैंने एक दो बार सुपारा अन्दर बाहर किया.

उसके बाद नीता जैसे थोड़ी हल्की सी हो गई, उसे कुछ कम डर लगने लगा.

उसी पल मैंने एक झटके में पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया.
वह इतनी जोर से चिल्लाई और मुझे गाली देती हुई बकने लगी- मादरचोद निकाल अपना लंड … आह साले ने फाड़ दी.

वह कई तरह की गाली देती रही और मैं उसके ऊपर पीछे से पूरा चढ़ गया.

उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
उसने अपनी गांड एकदम से दबा ली थी. इस वजह से उसे दर्द ज्यादा हो रहा था.

उसकी गांड के छेद में मेरा 7 इंच लंबा लंड दबा था और मैं उसके ऊपर आने को था.
मेरे दोनों हाथ उसकी चूची को एकदम जकड़े हुए थे.
उतने टाइम में मेरा लंड जैसे किसी आग की भट्टी में तप रहा था.

उसकी रोने की आवाज आ रही थी- उईईईई माई रे … मर गई.

सच में नीता जैसे लाश की तरह पड़ी थी और केवल रो रही थी.

मैंने उसे किस करना शुरू किया और लंड को धीरे धीरे उसकी गांड में चलाने लगा.
जल्दी ही लंड ने गांड के छेद में जगह बना ली और मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

नीता भी अब ठीक महसूस कर रही थी.

कुछ मिनट बाद नीता जब गांड आगे पीछे करने लगी तो मैं समझ गया कि अब खेल शुरू हो गया.

मैंने रफ्तार बढ़ा दी और वह कराहने लगी.
‘ओह माई गॉड उईई आई उईई … भेनचोद साले हरामी ने फाड़ कर रख दी.

कुछ ही झटकों में मैंने अपना पूरा पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया और हम दोनों एकदम थक चुके थे.
नीता का बार बार पानी निकला था.

अब दो बज गए थे, हम दोनों एक घंटा ऐसे ही लेटे रहे.
फिर उठे, तो नीता चल नहीं पा रही थी.

किसी तरह हम दोनों वापस मामी के घर में रूम में आए और सो गए.

सुबह 5 बजे नीता उठी और बोली- कपड़े पहन लो.

जब हम दोनों कपड़े पहन रहे थे, तब मैंने खड़े खड़े ही नीता को एक बार और पेला और सो गए.

सुबह नीता पता नहीं, कब उठी.
मैं भी उठा और चाय लेने किचन में गया तो मामी से पूछा- नीता नहीं दिख रही है.

मामी मेरे पास आकर बोलीं- गांड तुमने मारी … पूछ हमसे रहे हो. पूरी रात चोदे उसको … सो रही है वह मेरे रूम में!
मैंने मामी से कहा- तो आज रात!

कविता मामी मेरा लंड दबाती हुई चली गईं.

फिर दस दिन तक न मामी को चोदा और न नीता को. हां किस हो जाती, चूची पी लेता … पर लंड की दाल नहीं गली.

दस दिन बाद नीता नहाने जा रही थी.
मुझे रहा नहीं गया और जैसे ही वह कपड़े लेने रूम में गई, मैं बाथरूम में जाकर छुप गया.

पर मुझको नहीं पता था कि मामी भी वहीं थीं.

मामी को देखते मैं उनको किस करने लगा और उनकी चूची दबाने लगा.
मैंने देखा कि हर बार की तरह मामी ने केवल पेटीकोट पहना था.

मैंने उसको उतार दिया और उनकी चूत में उंगली करने लगा.
वे गर्म हो गईं और अपनी आंख बंद करके मजा लेने लगीं.

इतने में नीता भी आ गई.
वह देख रही थी.

मैंने मामी को दीवार से लगा कर पीछे से ही उनकी चूत में लंड डाल कर पेलना शुरू कर दिया.

अब मैं जितने झटके मारता, सब गांड से लग कर पट पट की आवाज करते.
मामी के मुँह से ‘बस करो आह बस करो उईई …’ निकल रही थी.

जब मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था, उसी समय नीता भी पूरी नंगी होकर अपनी चूची को मेरे मुँह में रख दिया.

अब मैं मामी की चूत चोद रहा था और नीता की चूची पूरी खाए जा रहा था.
उतने में मामी का पानी निकल गया; वे ढीली हो गईं.

मैंने तुरंत मामी की चूत से लंड निकाल कर नीता की चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा.
इस तरह से हम तीनों ने मिल कर एक घंटा बाथरूम सेक्स किया.
मैंने 3 बार अपने लौड़े का पानी निकाला.
उसके बाद जब तक नीता मामी के घर से नहीं गई, मैंने उसकी दसियों बार गांड मारी और चूत का तो एकदम भोसड़ा बना दिया था.

जिस दिन नीता को सुबह जाना था, उस दिन उस रात 9 बजे मामी, मैं और नीता बेड पर आ गए थे.
हम लोगों में चुदाई शुरू हो गई.

नीता की गांड इतनी अच्छी थी कि 90 साल के बूढ़े का लंड भी खड़ा हो जाए.
करीब 12 बजे मामा आए, तो मैं नीता और अपने रूम में आ गए.

मामा जब सो गए तो हम फिर से अपने घर आ गए और मैंने नीता के मुँह में अपना लंड दे दिया. मैं उसके मुँह को चोदने लगा.

मेरा पूरा लंड जब नीता के मुँह में जाता तो उसकी साँस रुक जाती.

करीब बीस मिनट लंड चूसने के बाद मेरा पानी नहीं निकला. नीता लंड चूस चूस कर थक गई.

तब तक उसकी चूत से पानी निकल चुका था.
उसने दोनों टांगें मेरे कंधे पर रख दीं और अपनी चूत खोल दी.

मैंने भी एक ही बार में लंड को अन्दर पेल दिया.
नीता ‘उईईई आई मर गई …’ चिल्ला रही थी.

नीता की चूत गीली होने की वजह से फच फच की आवाज आ रही थी.

मैं पूरी फुल स्पीड में चोदने में लगा था. काफी देर बाद मेरा पानी निकल गया.
उसने वीर्य पी लिया.

हम जब वापस आने लगे तो हम दोनों पूरा नंगे थे.
छत पर जाते ही मैंने नीता को दीवार के सहारे खड़ा किया और उसकी गांड में एक बार फिर से लौड़ा डाल दिया.

उसने भी अपनी गांड को चुदवाने के लिए कभी मना नहीं किया.
हम दोनों ने छत पर काफी देर चुदायी की.

उस दिन नीता चल ही नहीं पा रही थी.
मुझे खुद लग रहा था कि मेरे जिस्म में कुछ बचा ही नहीं.

हम दोनों की पूरी बॉडी एक दूसरे के पानी की गंध से महक रही थी.
फिर हम दोनों घर आकर सो गए.

सुबह मैं सो रहा था कि मुझे लगा कोई मेरे लंड के साथ कुछ कर रहा है.

जब आंख खोली तो देखा नीता लंड पर किस कर रही थी.
वह मेरे पास आई और अपनी चूची को मेरे होंठों से किस करवाने लगी.

मैंने उसकी गांड पर दांत से काट लिया और हमने एक दूसरे के होंठों को 10 मिनट चूसा.
फिर वह अपने घर चली गई.

इस तरह से मैंने मामी और उनकी बहन की चूत गांड चोदी.
आपको मेरी ये हिन्दी गांड सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.

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