भैया से नए मकान में गांड मरवाई- 1

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हिंदी में गांड चुदाई कहानी मैंने बताया है कि मैं शादीशुदा हूँ पर मुझे गे सेक्स में एक भैया से गांड मरवाने में बहुत मजा आता था. एक बार वे मेरे शहर आये तो …

फ्रेंड्स, मैं भोपाल में रहता हूँ. मेरी उम्र 33 साल है. मैं कई बार सेक्स कर चुका हूँ लेकिन मैंने चुदाई की किसी से साझा नहीं की है.

मेरी यह पहली हिंदी में गांड चुदाई कहानी है.
अगर कुछ कम मज़ा आए तो भी बताना जरूर.

मेरी शादी हो चुकी है और सेक्स तो मैं लगभग रोज ही करता हूँ, पर मुझे गे सेक्स में ज्यादा मज़ा आता है.
इस बात की भनक मेरी बीवी को भी हो गई है.

मेरे एक भैया हैं, वो 42 साल के हैं.
ये भैया मुझे तब मिले थे जब मैं नौकरी के लिए दूसरे शहर में गया था.
उस समय मेरी उम्र 25 साल थी.

मेरी शादी से पहले हम दोनों कुछ साल तक रिश्ते में रहे थे और भरपूर सेक्स किया करते थे.

हम दोनों कहीं भी गांड चुदाई के लिए चालू हो जाते थे क्योंकि उनसे मिलने से पहले मुझे सेक्स करने का कभी मौका नहीं मिला था.
आप यूं समझिए कि उन्होंने ही मेरी सील तोड़ी थी.

हम दोनों पहले एक ग्रुप में फ्लैट साझा करते थे.
उधर 6 लोग रहते थे.

मुझे मन ही मन भैया काफ़ी पसंद आ चुके थे लेकिन मैंने कभी उन्हें बताया नहीं था.
फिर जब सारे लोगों का तबादला हो गया या किसी को अपनी फैमिली के साथ शिफ्ट होना पड़ा तो हम दोनों एक रूम लेकर अलग से रहने लगे क्योंकि फ्लैट का किराया देना हमारे लिए भारी पड़ रहा था.

कुछ ही दिनों में सब साफ हो गया.
हम दोनों खुल कर सेक्स का मजा लेने लगे थे.

फिर कुछ ऐसा हुआ कि हम लोग अलग अलग हो गए.
उसी के बाद से मेरी गांड भैया के लंड के लिए कुलबुला रही थी.

ऐसा नहीं है कि मैंने किसी और से गांड नहीं मरवाई.
दो लोगों ने मेरी गांड की प्यास बुझाई मगर जो मजा भैया के लंड से गांड मरवाने में था, वो किसी और के लंड से नहीं मिला था.

इस बार मैंने काफ़ी दिनों से सेक्स नहीं किया था, तो मेरी गांड में बहुत चुनचुनी हो रही थी.

इसी बीच मुझे खबर लगी कि भैया को रविवार वाले दिन किसी काम से भोपाल आना है.
इधर मेरी वाइफ अपने मायके चली गई थी तो मैंने भैया को आने के लिए कह दिया.

मैंने भैया से बात की और हम दोनों ने प्लान किया कि हम दोनों होटल के रूम में चुदाई कर लेंगे.
चूंकि भैया को मेरी फैमिली में सभी जानते हैं और मैं किसी को बता भी नहीं सकता था कि भैया भोपाल आए हैं.

अब यहाँ में अपने बारे में कुछ बताया देता हूँ. मैं 6 फुट लंबा हूँ. मेरा थोड़ा सा पेट बाहर निकला हुआ है. रंग से गोरा हूँ, शरीर पर बहुत कम बाल हैं.
मेरा लंड सामान्य से लंबा है और मेरी गांड एकदम लड़कियों की तरह है.
मेरे चूतड़ बहुत बड़े और भरे भरे हैं. कोई मेरी गांड सहलाता है, तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगता है और मैं एकदम से गांड मराने के लिए तैयार हो जाता हूँ.

दूसरी तरफ मेरे भैया 42 साल के अंकल हैं, वो 5 फुट 10 इंच लंबे हैं. उनके शरीर पर बालों की कोई कमी नहीं है. थोड़े से चब्बी हैं, चेहरा एकदम राजपूताना है. उनकी मूँछें घनी हैं लेकिन वो अपनी दाड़ी क्लीन शेव रखते हैं.
उनका लंड मेरे लंड से थोड़ा छोटा है. ये शायद 6 इंच से थोड़ा ज्यादा बड़ा होगा लेकिन मोटा मेरे लंड से काफी ज्यादा है.
जब भी भैया का हथियार मेरी गांड में घुसता है, तो मेरी पूरी जान निकाल देता है.

भैया की फ्लाइट सुबह 10 बजे भोपाल पहुँचनी थी तो मैं सुबह जल्दी उठा और शेव की.
फिर मैंने अपने लंड की भी शेविंग की ओर नहाने चला गया.

मुझे उस दिन नहाने में थोड़ा टाइम लगा क्योंकि मुझे अपनी गांड को भैया के फौलादी लंड के लिए तैयार करनी थी.
मैंने भैया के लंड के मुताबिक अपनी गांड को चौड़ाने के लिए एक वाइब्रेटर लिया हुआ है.

जब भी ऐसा कुछ होता है कि भैया मेरी गांड मारने आते हैं, तब मैं अपनी गांड को वाइब्रेटर के सहारे थोड़ा चौड़ी कर लेता हूँ.
मैंने बाथरूम में रखे नारियल के तेल में वाइब्रेटर को डुबोया और धीरे धीरे अपनी गांड में डालना शुरू किया.

मैंने अपने सारे कपड़े निकाल कर पहले तो अपने निप्पल हाथों से मींजे, जिससे मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया.
मैं अपने पूरे बदन पर हाथ फेरता और ये अहसास करता कि भैया मेरा बदन सहला रहे हैं. साथ ही साथ वाइब्रेटर को अपनी ही गांड में पुश करता जाता.

ऐसे करीब 2 से 3 मिनट में पूरा वाइब्रेटर मेरी गांड में समा गया.
अब मैं उसे ऑन तो करना चाहता था पर कर नहीं सकता था क्योंकि मुझे डर था कि बाहर मेरे मम्मी पापा या भैया भाभी कोई सुन ना ले.

करीब 20 मिनट तक अपनी गांड की मसाज करने के बाद मैं नहा कर रेडी हो गया.

मैं घर से सबको बता कर निकला कि मैं शाम तक आऊँगा.
और मैं अपने मन में आस लिए कि आज तो होटल के रूम की ठंडी ठंडी एसी की हवा में चुदवाने का फिर से मौका मिलेगा, खुद को दिलासा देता हुआ चल दिया.

मैं एयरपोर्ट पहुँचा और भैया को पिकअप किया.
वहां से मैंने भैया से पूछा कि किस होटल में चलना है?
तो भैया ने बताया कि मैंने कोई होटल बुक नहीं किया है क्योंकि मेरा काम कुल आधा घंटा का है.

ये सुनकर मेरी खोपड़ी सनक गई कि आज गांड मराने का अवसर हाथ से निकल गया.
भैया मुझे पाठ पढ़ाने लग गए कि फालतू पैसा नहीं खर्च करना चाहिए.

मैंने उनकी बात तो सुन ली मगर मेरा मन खराब हो गया था.
लेकिन उनके इस तरह से डाँटने से मुझे उनके हावी होने का मरदाना अहसास हुआ जिससे मुझे मन ही मन अच्छा लग रहा था.

हालांकि ये तय हो गया था कि अब तो बस ऐसे ही पूरा दिन निकल जाएगा, कोई चुदाई नहीं होने वाली है.

मेरा मन काफ़ी उदास था और मैं सोच रहा था कि कुछ तो ऐसा हो जाए कि हमें कहीं खाली जगह मिल जाए, जहां मैं कम से कम भैया का लंड अपने मुँह में ले लूँ और वो मेरा मुँह ही चोद दें … अपने लंड का सारा पानी मुझे पिला दें.

फिर भैया ने एक ऑफिस में जाकर अपना काम खत्म किया और उसके बाद हम दोनों एक जगह ब्रेकफास्ट के लिए रुके और यहां वहां की बातें करने लगे.

भैया ने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया हुआ था और वो उसे सहला रहे थे जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरे पैंट में तंबू बनने लगा था, जिससे मेरी सेक्स करने की इच्छा और बढ़ने लगी थी.

मेरे मन में खुराफात आ ही गई और मैंने मन ही मन एक प्लान बना लिया कि भैया को अकेले में किधर ले जा सकता हूँ.
मैंने बातों बातों में उन्हें बताया कि पापा ने एक नया घर बुक कराया है, जो अंडर कन्स्ट्रशन है और वो काफ़ी अच्छा है.

भैया ने उसे देखने का बोला.
फिर मैंने कहा- हां चलो, मैं आपको दिखाने ले चलता हूँ.

फिर हम दोनों ने ब्रेकफास्ट खत्म किया और साइट पर पहुँच गए.
मैंने वहां जाकर चौकीदार से चाबी ली और दरवाजा खोला.

घर एकदम खाली था, वहां पर सिर्फ़ प्लास्टर और फ्लोरिंग का काम हुआ था. मैंने भैया को अन्दर आने को कहा.
जब भैया घर देखने लगे तो मैंने पीछे से दरवाजा बंद कर दिया.

मेरे मन के भाव स्पष्ट थे और मेरे मुख पर साफ झलक रहे थे.
उस घर में हॉल के पास ही सीढ़ियां थीं.

और भैया सीढ़ियां चढ़ ही रहे थे कि मैंने उन्हें हाथ पकड़ कर नीचे खींच लिया और उनके होंठों पर किस करने लगा.
भैया ने मुझे कुछ नहीं बोला, बस मुझे अपनी बाँहों में ऐसे भर लिया, जैसे वो इसी पल का इंतजार कर रहे थे.

मैं उन्हें … और वो मुझे बड़ी ही बेसब्री से किस कर रहे थे.
हमारी सांसें बहुत तेज चलने लगी थीं … और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज़ोर से चूम रहे थे.

भैया ने मेरे नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में ले लिया और ज़ोरदार किस चालू हो गया.
इसी बीच हमारे मुँह खुले और भैया की जुबान मेरे मुँह के अन्दर आ गई थी.

हम दोनों के बीच लार का आदान प्रदान चलने लगा था.
भैया ने मुझे एक दीवार पर चिपका कर दबा लिया था और मेरी गर्दन पर किस करने लगे थे.

मेरा लंड एकदम से तन गया था.
भैया मुझे ऐसे ही दीवार पर दबाए हुए थे और मेरी टी-शर्ट को ऊपर करके मेरे एक निप्पल को चूसने लगे थे.
वे अपने एक हाथ से मेरे दूसरे निप्पल को मसल रहे थे. साथ ही साथ वो एक हाथ से मेरी गांड दबा रहे थे.

मैं उनका पूरा साथ दे रहा था.
मैंने भैया को पीछे से पकड़ा हुआ था और मैं चाह रहा था कि भैया मुझे और ज़ोर से दबाएं.
इसी को लेकर मैं उन्हें अपनी तरफ दोनों हाथों से दबाते हुए खींच रहा था.

और इसी बीच भैया ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे पेट पर किस करने लगे.
किस क्या, वो तो मेरे पेट को खा ही जाना चाहते थे.

फिर वो घुटनों पर बैठ गए और मेरा जींस का पैंट बिल्कुल नीचे तक कर दिया.

अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लंड चूसने लगे थे.

उनकी इस हरकत से मैं गनगना उठाया था और आहें भरे जा रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना अंडरवियर खुद ही उतार दिया, जिससे मेरा लंड भैया के मुँह के पास आ गया और थोड़ा सा प्री-कम उनके मुँह पर लग गया.

उन्होंने बिना कोई देर किए मेरा लंड मुँह में ले लिया और उसे तन्मयता से चूसने लगे.
वो मेरा लंड चूसते समय सीत्कार किए जा रहे थे.
मैं भी भूल चुका था कि ये घर अंडर-कन्स्ट्रशन है … तो इधर कोई भी आ सकता है, पर मैं इतना अधिक मदहोश हो गया था कि मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था.

भैया ने करीब 5 मिनट तक मेरा लंड चूसा, फिर मेरी दोनों टाँगों के बीच जीभ डाल कर चाटने लगे.
मैं तो इस फीलिंग को बता भी नहीं पा रहा हूँ. मैं तो बस सातवें आसमान पर उड़ा जा रहा था.

भैया वैसे तो स्ट्रेट हैं, तो उन्हें इस स्पॉट से भी लगाव रहता है. जिसने भी स्ट्रेट सेक्स किया या पॉर्न देखा है, उन्हें तो पता ही होगा. मुझे भी काफ़ी मज़ा आता है, जब कोई मेरी बॉल्स चाटे और बॉल्स के नीचे चूसे … तो बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है.

मुझे वहां बहुत ही गीला गीला महसूस हो रहा था.
मैंने ना चाहते हुए भी भैया को रोका और ऊपर उठा लिया.

हम दोनों फिर से एक दूसरे को किस करने लगे और हमारे लिप-लॉक हो गए.

करीब पाँच मिनट के मस्त चुंबन के बाद मैंने भैया से रिक्वेस्ट की कि वो भी अपनी टी-शर्ट उतार दें.
उन्होंने मना कर दिया और अपनी टी-शर्ट को बस अपने सीने तक उठा दिया.

दोस्तो, इसके आगे की घटना मैं अगले भाग में लिखूँगा.
आप मुझे कमेंट्स के माध्यम से बताएं कि आपको मेरी हिंदी में गांड चुदाई कहानी कैसी लग रही है.

हिंदी में गांड चुदाई कहानी का अगला भाग:

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