Xxx पड़ोसी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे लंड की चुदाई से मेरी बीवी को बच्चा नहीं हो पा रहा था. उसे बच्चे की चाह थी. तो मैंने अपने एक पड़ोसी की मदद लेने की सोची.
मेरा नाम अरुण है. मैं सोनीपत एक फैक्ट्री में काम करता हूँ.
मैं एक शादीशुदा आदमी हूँ.
मेरी बीवी प्रिया दिखने में बहुत खूबसूरत है. उसका फ़िगर 34-32-36 का है. गोरा बदन और लम्बाई 5 फुट 2 इंच की है.
यह बात उन दिनों की है, जब मेरी बीवी को एक बच्चा चाहिए था लेकिन मेरी कई बार कोशिश करने के बाद भी कुछ नहीं हो पाया.
जैसा कि मैंने बताया कि मैं एक फैक्ट्री में नौकर हूँ तो हम दोनों एक किराए के एक कमरे में रहते थे.
वहां सिर्फ़ एक कमरा, एक किचन और एक बाथरूम है. अगल-बगल में तीन चार किराएदार और भी हैं.
वहीं कुछ दिनों पहले एक पड़ोसी आया.
वैसे तो वह शादीशुदा था लेकिन वह अकेला ही सोनीपत आया था.
यह Xxx पड़ोसी सेक्स कहानी इसी आदमी की है.
जब मेरी बात उससे होने लगी तो उसने बताया कि उसके दो बच्चे हैं और वह सब उत्तरप्रदेश में रहते हैं.
ऐसे ही कुछ दिनों तक बातें करते करते हम दोनों साथ में दारू पीने लगे.
वह दारू लाता और मैं उसे अपने घर में बिठा कर दारू और खाना खिलाता.
वैसे तो मेरी बीवी मुझसे बच्चों का सुख नहीं मिलने कि वजह से खुश नहीं थी लेकिन मैंने नोटिस किया कि मेरी बीवी हमारे पड़ोसी को अच्छे से खिलाती थी और उसका आना उसे बहुत खुश कर देता था.
यह सब देख कर मेरे अन्दर की वासना जाग गई और पड़ोसी से बच्चा पाने की ख्वाहिश ने जन्म ले लिया.
अब मैंने प्लान बनाया.
एक दिन जब हम दोनों दारू पीने बैठने वाले थे तो मैंने अपनी बीवी को दिन में गर्म कर दिया लेकिन अपना लंड उसकी चूत में नहीं दिया था इससे वह प्यासी रह गई थी.
मैंने उससे बोला- शाम को दारू पीने के बाद सेक्स करेंगे … तुम साड़ी पहन कर रहना.
वह मान गई.
शाम हुई और हमारा पड़ोसी हमारे घर आया और हमने दारू पीना शुरू कर दिया.
जैसे ही मेरी बीवी प्रिया हमारे लिए खाना लाई तो प्रिया को साड़ी में देख कर हमारा पड़ोसी जसवंत उसको घूरने लगा.
जैसे ही मेरी बीवी किचन में गई तो मैंने जसवंत को बोला- भाई क्या हुआ … मेरी बीवी को ऐसे क्यों देख रहे हो?
जसवंत कहने लगा- कुछ नहीं भाई, भाभी बहुत सुन्दर है और तुम बहुत किस्मत वाले हो.
मैंने सोचा कि यही सही समय है, मैंने उससे कहा- किस्मत ही तो साथ नहीं है!
जसवंत बोला- ऐसा क्यों?
मैंने बताया- यार मेरी वजह से हम माता पिता नहीं बन पा रहे हैं और मेरी बीवी को बच्चा चाहिए.
जसवंत बोला- कोई बात नहीं, सब ठीक हो जाएगा!
मैंने कहा- जसवंत तुम मेरी मदद कर दो.
जसवंत बोला- ठीक है, मैं किसी डॉक्टर से बात करूंगा.
फ़िर हम दोनों खाना खाने लगे और मैंने उससे कहा- तू आज यहीं सोएगा.
वह बोला- नहीं यार, एक कमरे में हम तीनों नहीं सो पाएंगे … फ़िर भाभी भी तो हैं!
मैंने कहा- सब हो जाएगा. भाभी की चिन्ता मत कर.
वह बोला- ठीक है, तू एक बार भाभी से पूछ ले.
मैंने प्रिया को बुलाया.
प्रिया आई, तो मैंने उससे पूछा कि जसवंत आज यहां रुक सकता है?
जसवंत के सामने होते हुए वह मना नहीं कर पायी लेकिन वह अन्दर ही अन्दर खुश भी थी.
हमने दो दो पैग और लगाए और मैंने टल्ली होने का बहाना किया.
मैं सो गया.
हमारे कमरे में सिर्फ़ एक पलंग है और उस पर प्रिया ने जसवंत को लेटा दिया.
उसने हम दोनों के लिए जमीन पर गद्दा डाला और सब सो गए.
कमरे में हल्की रोशनी थी. जसवंत को हम दोनों साफ़ दिखाई दे रहे थे.
मैं हल्की आंख खोल कर जसवंत को देख रहा था.
जसवंत पलंग के नीचे लेटी मेरी बीवी को घूर रहा था.
मेरी बीवी साड़ी में ही सो गयी थी और उसके चूचे ब्लाउज से बाहर को आ रहे थे.
जसवंत दिखने में 6 फुट लम्बा थोड़ा मोटा और साँवले रंग का था. उसको हल्की सी दाढ़ी भी थी.
वह मेरे पलंग पर सिर्फ़ चड्डी बनियान में लेट गया था.
कुछ देर बाद उसने मेरी बीवी को आवाज देकर कहा- प्रिया भाभी, मुझे एक गिलास पानी दोगी क्या?
प्रिया उठ कर उसके लिए पानी लायी और उसका ध्यान जसवंत की चड्डी पर टिक गई.
जसवंत का लम्बा लंड देख कर मेरी बीवी की आंखें खुली रह गईं.
अब जसवंत भी समझ गया कि अब तो भाभी की गोद उसको ही भरनी होगी.
जसवंत ने प्रिया से कहा- भाभी, क्या मैं आपसे बात कर सकता हूँ?
प्रिया ने कहा- हां क्यों नहीं भईया.
इतना कह कर वह खुद ही जसवंत के साथ पलंग पर बैठ गयी.
जसवंत ने कहा- मुझे ये सुन कर बुरा लगा कि आप अरुण की वजह से माँ नहीं बन पा रही हो?
प्रिया बोली- ऐसा कुछ नहीं है भईया, वो तो …
जसवंत उसकी बात काटते हुए बोला- मुझे सब पता है. अरुण ने खुद बताया और आप अरुण को इस वजह से छोड़ मत देना. अरुण बहुत अच्छा इन्सान है.
प्रिया बोली- मैं अरुण से बहुत प्यार करती हूँ लेकिन बच्चा भी जरूरी है.
जसवंत बोला- क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ?
प्रिया बोली- कैसे?
जसवंत बोला- देखो मेरे दो बच्चे हैं. अरुण का इलाज करवाने से सबको पता चल जाएगा इसलिए बच्चा मुझसे ले लो और सुख भी ले लो ज़िन्दगी का!
प्रिया बोली- कोख से जन्मे बच्चे की बात अलग है और नीलिमा (जसवंत की पत्नी) अपना बच्चा नहीं देगी.
जसवंत बोला- मैं आपकी कोख में भी बच्चा दे सकता हूँ.
प्रिया बोली- भईया, आप ये कैसी बात कर रहे हो, अरुण को पता चला तो?
जसवंत बोला- अरुण को कुछ पता नहीं चलेगा … आप बेफिक्र रहो.
ये कहते हुए उसने मेरी बीवी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
अब आगे की कहानी प्रिया की जुबानी सुनें.
जैसे ही जसवंत ने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा, मेरे तन बदन में एक आग सी लग गयी.
वैसे तो जसवंत से चुदने का मन तो मेरा भी था, लेकिन मैं नाटक करती हुई बोली- यह सब गलत है.
जसवंत बोला- कुछ गलत नहीं है.
वह मेरा हाथ पकड़ कर अपना लंड सहलवाने लगा.
हाय … उसका मोटा लम्बा लंड इतना गर्म था कि मेरे हाथों में मानो जैसे कोई आग लग गयी हो.
उसके लंड की गर्मी मेरे दिल में अजीब सी हलचल पैदा कर रही थी.
मैं अब गर्म होने लगी थी और वैसे भी मेरे पति ने मुझे दिन में प्यासा छोड़ दिया था जिसके कारण मेरी चूत में से पानी निकलने लगा था.
अब मैं खुद ही उसका लंड मसलने लगी थी और जसवंत भी मेरे चूचे दबाने लगा था.
मेरे पति नीचे फ़र्श पर गद्दा बिछा कर सो रहे थे.
मुझे डर तो लग रहा था, पर मज़ा भी बहुत आ रहा था.
मैं नशे में चूर होने लगी थी और जसवंत मेरे चूचे भींचते हुए मेरे होंठों को चूमने लगा और मेरी साड़ी उतारने लगा.
मैं सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
जसवंत अपना हाथ मेरे पेटीकोट में डाल कर मेरी चूत में उंगली करने लगा.
मेरे मुँह से ‘अह अहा … और तेज करो …’ निकलने लगा.
मुँह से आवाज सुनते ही मानो जसवंत को ग्रीन सिग्नल मिल गया.
फ़िर उसने मेरा पेटीकोट ब्लाउज उतार कर मुझे लेटा दिया और मेरी चूत चाटने लगा.
वह थोड़ा घूमा और मेरे मुँह में अपना लंड डालने लगा.
जब तक मैं उसे मना करती, तब तक देर हो गयी थी.
वह मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा.
दूसरी तरफ वह मेरी चूत भी लगातार चाट रहा था, उसका लंड मेरे गले तक चोद रहा था.
मुझे मज़ा आ रहा था, साथ ही साथ उसके लंड से एक अजीब सी महक आ रही थी.
लगभग दस मिनट तक ऐसा ही चला. उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और जोर जोर से चोदने लगा.
उससे चुदते चुदते मैं भूल गयी थी कि मेरा पति भी वहीं है.
मैं जसवंत से कहने लगी- ओह जसवंत चोदो मुझे … और चोदो … आह इतना चोदो कि मेरी चूत का छेद चौड़ा हो जाए.
वह भी कहने लगा- आह मेरी रांड … आज तेरी सारी गर्मी निकाल दूँगा भैन की लौड़ी … और तुझको अपने बच्चे की माँ बना दूंगा.
“हां जसवंत बना दो मुझे माँ … यही तो मेरी इच्छा है.”
फ़िर जसवंत ने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे धकापेल चोदने लगा.
उसका लम्बा लंड मेरी चूत के आखिरी छोर पर टक्कर मार रहा था.
मैं एकदम से अकड़ आई थी और उसी समय उसने भी अपना लंड खाली करना शुरू कर दिया.
जसवंत ने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया.
मैं उसके सीने से लिपट कर लेट गयी और उसका लंड सहलाती हुई उसको किस करने लगी.
उसके सीने के बाल मुझे फिर से गर्म कर रहे थे.
कुछ देर बाद मैंने फ़िर से उसका लंड मुँह में ले लिया.
उसका लंड फ़िर से तन गया और मैंने उसके साथ तीन बार चुदाई का मजा लिया.
आखिरकार हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
सुबह 5 बजे मेरी आंख खुली और मैं उठ कर कपड़े पहन कर अपने पति के पास सो गयी.
दोस्तो … जैसा कि आपने पढ़ा कि मेरी बीवी रात भर चूत चुदाई का खेल खेलती रही थी और दूसरी तरफ़ मैं चादर ओढ़ कर उनको सेक्स करता देख कर और उनकी बातें सुनते हुए मुठ मार रहा था.
मुझे उस रात Xxx पड़ोसी सेक्स देख कर बहुत मज़ा आया.
सुबह जसवंत जगा और उसने मुझे बाय किया.
फिर चुपके से मेरी बीवी को आंख मारी और चला गया.
अब वह मेरी बीवी को जब चाहे चोदने लगा था.
कभी कभी मेरी बीवी खुद उसको खाना देने के बहाने उसके रूम में जाकर उससे अपनी चूत चुदवाने लगी थी.
अगली माहवारी के समय मेरी बीवी ने मुझे बताया कि वह बच्चे की माँ बनने वाली है.
मुझे पता था कि वह मेरा बच्चा नहीं है पर मैं अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को बचा कर बहुत खुश था.
साथ ही साथ मेरी बीवी भी एक लंबा लंड पाकर खुश थी.
वह अभी जसवंत से मजा लेती है और अब हम तीनों को मालूम है कि हमारे बीच क्या चल रहा है.
एक दिन हम दोनों दोस्त दारू पी रहे थे तो जसवंत ने प्रिया से कहा- कभी आप भी तो इसका स्वाद चख लो, कैसी है ये?
वह ना नुकुर करती हुई दारू पीने को राजी हो गई.
हम तीनों ने पैग गटकना शुरू कर दिए.
दारू के नशे में हम सब मस्ती भरी बातें करने लगे.
उसी बीच जसवंत ने मेरी बीवी को अपने पास खींच लिया.
मेरी बीवी भी उसकी गोद में बैठ गई और वे दोनों मस्ती करने लगे.
जसवंत ने मेरी बीवी के दूध दबाने शुरू कर दिए और देखते ही देखते वे दोनों मेरे सामने नंगे होकर चुदाई करने लगे.
मैं भी बीड़ी जला कर उन दोनों की चुदाई देखने लगा.
उस दिन से मेरी बीवी ने मेरे सामने ही जसवंत से चुदवाना शुरू कर दिया था और मुझे भी इससे कोई गुरेज नहीं रह गया था.
तो दोस्तो, मेरी ये सच्ची Xxx पड़ोसी सेक्स कहानी पढ़ कर कैसा लगा. बताना जरूर.