फ्री सेक्स कहानी की पाठिका की इच्छा पूरी हुई- 1

Antarvasna Hindi Sex Stories

हॉट भाभी वांट सेक्स … मेरी कहानी पढ़ कर उसने मुझसे सम्पर्क किया और कहा कि उसे सेक्स में कुछ नया अनुभव लेना है. मैंने उसके शहर जाने का कार्यक्रम बनाया.

आप सभी ने मेरी पिछली कहानी

को पढ़ा और सभी ने कहानी को पसंद किया. उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह नई कहानी भी पसंद आएगी।

मेरी पिछली कहानी पढ़ने के बाद एक पाठिका, जिसका नाम अंजलि है, उनका मुझे मेल आया कि उनको मेरी कहानी पहुत पसंद आई।
धीरे धीरे हमारी मेल पर बात होने लगी फिर हम हैंगआउट पर चैट करने लगे।

उन्होंने बताया कि वो शादीशुदा 2 बच्चों की माँ है. मेरी कहानी पढ़ने के बाद उनको भी लगा कि उनको भी कुछ नया करना है।
और वो मुझ से मिलने के लिए बोलने लगी.
मैं समझ गया कि हॉट भाभी वांट सेक्स!

परन्तु हम दोनों अलग अलग शहर से थे तो हमारा मिलना नहीं हो पा रहा था।

आपको मैं बता देता हूँ कि अंजलि को मैंने अभी तक देखा नहीं था, सिर्फ हैंगआउट पर ही बात होती थी।

मेरा एक दोस्त है जिसका नाम राजवीर है।
उसका मुझे एक दिन कॉल आया, उसने बताया कि उसको कपंनी के काम से बाहर किसी हिलस्टेशन जाना है.
तो उसने मुझे भी साथ चलने का आफर किया, बोला- कंपनी का तो सिर्फ दो दिन का ही काम है. हम लोग एक वीक मजे मार के आएंगे।

राजवीर ने हिल स्टेशन का नाम बताया तो मुझे याद आया कि अंजलि भी वहीं की रहने वाली है.
तो मैंने भी चलने के लिए तुरंत हां कर दी।
राजवीर ने अगले हफ्ते का प्रोग्राम बनाया था।

मैंने तुरंत अंजलि को हैंगआउट पर मैसेज डाला कि मैं तुम से मिलने आ रहा हूँ।
अंजलि को मैंने अपनी पहुंचने की तारीख और होटल का नाम और रूम नंबर सब बता दिया था।

अगले हफ्ते हम अपने प्लान के अनुसार मैं और राजवीर अंजलि के शहर पहुंच गए थे।

मैंने अंजलि को भी अगले दिन 10 बजे का टाइम दे दिया मिलने का … क्यूंकि राजवीर को सुबह 9 बजे कंपनी के काम से जाना था और रात तक वापस आने का था उसका!
तो मैंने सोचा कि यह सही टाइम रहेगा, पूरा दिन अंजलि के साथ मजे मारूँगा।

अब मुझे अगले दिन का इंतज़ार था।

रात को मैं अंजलि के बारे में सोचता हुआ कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला।

अगले दिन सुबह 8 बजे मैं अपने बेड से उठा और नहा कर तैयार हो गया।
तब तक राजवीर भी तैयार होकर जाने लगा और बोला- मैं रात तक ही आऊंगा।

मैंने एक शार्ट और सफेद टीशर्ट डाल कर नाश्ता किया और बाजार से एक स्कॉच व्हिस्की लेकर अपने पास रख ली।
फिर मैं टीवी देखने लगा।

मेरे रूम का फोन बजा.
मैंने फ़ोन उठाया तो कॉल रिसेप्शन से था।
उन्होंने मुझे बताया कि कोई अंजलि जी आप से मिलने आई हैं.
तो मैंने बोला- अंजलि को मेरे रूम में भेज दो।

कुछ टाइम बाद मेरे रूम की डोर बेल बजी.
मैं समझ गया था कि अंजलि आ गई।

मैंने अपने रूम का दरवाजा खोला तो सामने एक 5.3 फिट की 30 से 32 साल की औरत खड़ी हुई है जिसने सिंपल सी नीले रंग की साड़ी पहने हुई थी। जिसमें उनका निखरा हुआ रंग और 36 30 38 का फिगर अलग ही दिख रहा था।
उनके होंठों पर गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक खुले हुए बाल देखकर ऐसा लग रहा था कि मैं कोई सपना देख रहा रहा हूँ.

तभी मुझे एक आवाज़ आई- हेलो! मैं अंजलि … क्या आप ही सनी हो?
मैं भी एकदम से जैसे कोई नींद से जागते हुए बोला- हां हां, मैं ही सनी हूँ। प्लीज अंदर आओ!

मेरे बोलने पर अंजलि अंदर आई और सोफे पर जा कर बैठ गई.
मैंने दरवाजा बंद किया और अंजलि के सामने वाले सोफे पर बैठ गया।

अंजलि से मैंने पूछा- आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई? और कितने टाइम के लिए आई हो?
उन्होंने बताया कि वो घर पे बोल के आई है कि वो अपनी फ़्रेंड के घर जा रही हूं और शाम तक ही आना होगा।

मैं भी खुश हो गया कि अंजलि के साथ शाम तक का समय है।
मेरी नज़र अंजलि के चेहरे पर पड़ी तो साफ लग रहा था कि वो कुछ डरी हुई सहमी हुई सी है और अपनी नज़रें नीचे कर के बैठी हुई है।

अंजलि को मैंने बोला- रिलेक्स हो जाओ।
और मैंने उठकर अंजलि को पानी लाकर दिया.

अंजलि ने पानी पिया और कुछ रिलेक्स फील करने लगीं।

मैं दोबारा अंजलि के सामने बैठ गया।

अब मेरी नज़र अंजलि के शरीर पर थी.
उसके ब्लाउज़ में से 36 साइज के सफेद रंग के बूब्स ऐसे लग रहे थे कि जैसे अभी ब्लाउज़ को फाड़ के बाहर आ जाएंगे. और कमर के ऊपर का गोरे रंग का पेट अलग ही चमक रहा था।

ये सब देख कर मेरा भी लंड अकड़ रहा था।

अंजलि को भी पता चल रहा था कि मैं उसके शरीर को निहार रहा हूँ।
उनकी नज़र मेरे शार्ट पर पड़ी तो उसको भी पता चल रहा था कि मेरा लंड उसको देख कर हरकत में आ रहा है।

तभी मैंने अंजलि को ड्रिंक का पूछा तो उसने मना कर दिया और बोली- आप को लेनी हो तो आप ले सकते हो।

फिर अंजलि ने मुझसे पूछा- आप अकेले आये हो? या कोई है साथ?

मैंने अंजलि को बोला- मेरा एक फ्रेंड भी आया हुआ है, वो अपने काम से आया है। अभी गया हुआ है, देर शाम तक आयेगा।

अंजलि ने कहा कि उसे वाश रूम यूज़ करना हैं वाश रूम कहाँ है?
मैंने हाथ से इशारा कर के दिखा दिया।

और वो उठ के वाशरूम की ओर जाने लगी।

तभी मेरी नज़र उसकी 38 साइज की मोटी सी गांड पर पड़ी।
गांड बाहर की ओर निकली हुई थी।
उसकी गांड देखकर तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया।

तभी अंजलि ने वाश रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।

मैंने जल्दी से एक 30 एमएल का पेग बना के नीट ही मार लिया और एक 60 एमएल का पानी के साथ पेग बना के सोफे पर बैठ गया.
और तभी अंजलि भी वाशरूम से बाहर आ गई।

अब मैंने अंजलि को अपने पास बैठने को बोला।
अंजलि मेरे पास आ कर बैठ गई।

हम दोनों आपस में बात करने लगे।
मैं साथ साथ में एक एक सिप भी ले रहा था।

बात करते करते मेरा पेग खत्म हो गया और अच्छा सा सरूर सा बन गया।

अब तक अंजलि भी मेरे साथ खुल चुकी थी।
मैंने अपना हाथ अंजलि की जांघ पर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही अंजलि की सांसें तेज़ हो गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं।

फिर मैंने अपना मुँह अंजलि के पास ले जा कर उसके होंठों को अपने होंठों से मिला दिया और अंजलि की जीभ को अपने मुँह में लेकर अच्छी तरह से चूसने लगा।
अब तो अंजलि भी मेरा साथ देने लगी।

उसके हाथ मेरे बालों में थे और वो मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
करीब दो मिनट तक हम ने एक दूसरे को किस किया।

किस होने के बाद अंजलि बोली- ऐसा किस मैंने कभी नहीं किया. आज सच में किस में इतना मज़ा आया है.

फिर हम दोनों साथ में खड़े हुए और मैंने अंजलि की साड़ी का पल्लू पकड़ कर खींचना शुरु कर दिया।

धीरे धीरे अंजलि की साड़ी उतरना शुरू हो गई और कुछ ही देर में पूरी साड़ी मेरे हाथ में आ गई।
अब अंजलि ब्लाउज और पेटिकोट में खड़ी थी।

अंजलि के मोटे मोटे बूब्स और ब्लाउज और पेटिकोट के बीच का दूध जैसा सफ़ेद गदराया हुआ बदन देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था.
ऐसा लग रहा था कि शोर्ट को फाड़ के लंड बाहर ही आ जायेगा।

फिर उसके पास जाकर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा तो उसकी दोनों आंखे बंद हो गई और लंबी लंबी साँसें लेने लगी।
मैंने अंजलि को अपनी और खींचा और अपने सीने से चिपका लिया।

फिर मैं उसकी गर्दन पर अपने होंठों को फेरने लगा।
ऐसा करने से अंजलि कि साँसें और तेज़ी से चलने लगी।

फिर मेरे हाथ धीरे धीरे उसकी कमर से पीठ पर आ गए।

पूरी पीठ का मुआयना करने के बाद मेरे हाथ उसकी 38 साइज की गांड पर पहुंच गए।
मैं लगातार उसकी गर्दन पर अपने होंठों को फ़ेर रहा था और दोनों हाथों से पेटिकोट के ऊपर से ही उस की गांड को दबा रहा था।

तभी मुझे महसूस हुआ कि अंजलि का एक हाथ मेरे शार्ट के पास आ गया है।
जैसे जैसे अंजलि ने हिम्मत कर के शार्ट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फेरना शुरु किया।

मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था और जैसे ही अंजलि ने उसे छुआ तो ऐसा लग रहा था कि कोई नस ना फट जाए।
फिर मैं अंजलि को उल्टा करके उससे चिपक गया।
अब मेरा लंड अंजलि की गांड से चिपक गया और अब मेरे हाथ उस के गोरे गोरे पेट से होते हुए उस के ब्लाउज तक पहुंच गए.

अंजलि के दोनों बूब्स मेरे हाथ में थे।
मैंने उनको ब्लाउज के ऊपर से ही प्यार से सहलाना शुरु कर दिया।

अब अंजलि की साँसें फिर से तेज हो गई।
सहलाने के साथ साथ मैं अब उसकी गर्दन और कान के नीचे से बाईट करने लगा. ऐसा करने से अंजलि के मुँह से एक लंबी सी आह आह निकल रही थी।

अब मैंने अंजलि को अपने से अलग किया और अपनी टीशर्ट को निकाल कर साइड में रख दी.
फिर अपना शॉर्ट को भी निकाल दिया.

अब मैं अंजलि के सामने वी शेप वाली सफ़ेद अंडरवीयर में था जिसमें मेरा लंड अलग ही दिख रहा था।
अंजलि की नज़र भी लंड के ऊपर ही थी।

मैंने अंजलि का हाथ पकड़ के अपनी ओर खींचा और उसके ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किये.
जैसे जैसे एक एक हुक खुलता गया, उसकी काले रंग की ब्रा दिखने लगी।

ब्लाउज के पूरे हुक खुल गए तो उसके ब्लाउज को मैंने उसके शरीर से अलग कर दिया।
अब अंजलि ब्रा और पेटिकोट में ही थी। उसके बूब्स ब्लैक कलर की ब्रा में ऐसे लग रहे थे जैसे अभी के ब्रा को फाड़ के बहार आने के लिए तड़प रहे हैं।

फिर मैंने अपना एक हाथ अंजलि की पीठ पर ले जा कर उसकी ब्रा के भी हुक खोल दिये और ब्रा आगे की तरफ लटक गई।

तब मैंने ब्रा की स्टेप को प्यार से पकड़ कर उस के हाथों से बाहर खींच लिया।
अब 36 साइज के दूध जैसे सफेद मोटे मोटे बूब्स को आजाद कर दिया और अब वो खुली हवा में तैरने लगे।
टाइट ब्रा होने के कारण उसके बादामी रंग के निप्पल शरीर से चिपके हुए थे।

अपने दोनों हाथों की उंगलियों से मैंने दोनों निप्पलों को पकड़ कर आगे की तरफ खींचा तो लगा कि आधा इंच निप्पलों का साइज जैसे बढ़ गया हो।

फिर मैं अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को पकड़ कर दबाने लगा. इतने नर्म नर्म बूब्स को दबाने में मजा ही कुछ और आ रहा था।

फिर मैं अंजलि के पीछे से आकर उसके बूब्स को दबाने लगा और अंजलि की गर्दन पर अपने होंठों से चूमने लगा.
ऐसा करने से अंजलि के मुँह से आह आह और सिसकारियां मुझे सुनाई देने लगी।

फिर मैं अपना एक हाथ अंजलि के पेटिकोट के ऊपर ले गया और धीरे से पेटिकोट के नाड़े को पकड़ कर खींचकर उसकी गांठ को खोल दिया.

एक ही पल में पेटिकोट नीचे गिर गया और अंजलि की गोरी गोरी मुलायम टांगों को नंगी कर दिया।
अब अंजलि सिर्फ औऱ सिर्फ ब्लैक कलर की पेंटी में रह गई।

मेरा हाथ अंजलि की पैंटी के ऊपर गया तो मुझे कुछ गीलापन सा लगा.
मैं समझ गया कि इस फोरप्ले से ही गीली हो गई है।

फिर मैंने अंजलि को बोला- अब नहीं रहा जा रहा है, अब मेरे को भी आजादी चाहिए।

प्रिय पाठको, आपको इस भाभी वांट सेक्स कहानी में मजा आ रहा होगा.
प्लीज मुझे कमेंट्स में जरूर बताएं।

भाभी वांट सेक्स का अगला भाग:

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