प्यासी भाभी को पूरा मजा देकर चोदा- 3

Antarvasna

यंग भाभी कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने दोस्त की बीवी की अन्तर्वासना जान कर उसे सेट करके चोदा. वो भी खूब मजे लेकर मस्ती से चुदी.

दोस्तो, मैं विमल कुमार खन्ना एक बार फिर से मिताली की चुत चुदाई की कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
पिछले भाग

में अभी तक आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने और मिताली ने रेलवे रिटायरिंग रूम में जबरदस्त चुदाई की.

अब आगे Xxx यंग भाभी कहानी:

हम दोनों लगभग आधे घंटे तक यूं ही लिपटे पड़े रहे.
अब मुझे थोड़ी भूख का अहसास हो रहा था और खाने का वक्त भी हो गया था.

मैंने मिताली से कहा- चलो कुछ खाकर आते हैं.
उसने मुझे एक प्रगाढ़ किस दिया और बाथरूम में घुस गई.

उसने सफाई करके अपनी स्कर्ट और टी-शर्ट पहन ली. उसने अन्दर ब्रा या पैंटी अभी भी नहीं पहनी थी.

मैंने उसकी ओर संशय से देखा तो उसने कहा- आज मैं जी भरके जीना चाहती हूँ.
तब मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों खाना खाने चल दिए.

स्टेशन पर ही कमसम का एक अच्छा रेस्टारेंट था. हम दोनों वहीं एक कोने की टेबल पर जाकर बैठ गए.

मैंने दो वेज थाली का कूपन लेकर काउंटर पर दिया, उसने मुझे बताया कि दस मिनट समय लगेगा.

मैंने उसे पचास रुपये का नोट दिया और कहा- टेबल पर सर्व कर देना.
उसने सिर झुकाकर हामी भरी और मैं अपनी सीट पर आकर बैठ गया.

मिताली मेरी बाईं ओर बैठी थी.
हमारे पीछे दीवार थी और आगे दूर एक टेबल थी जिस पर एक जोड़ा बैठा था.

मैंने अपना बायां हाथ मिताली की जांघों पर रखा और सहलाने लगा.
धीरे धीरे मैं अपना हाथ उसकी चुत के पास घुमाने लगा. उसने भी मुस्कुराकर अपनी टांगों को थोड़ा खोल दिया.

अब मिताली ने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और सहलाने लगी.

सामने बैठी लड़की को शायद समझ आने लगा था कि हम क्या कर रहे हैं.
लेकिन हमें क्या परवाह थी.

मैंने अपनी बीच वाली उंगली मिताली के चुत में पिरो दी.
इससे वो एकदम से चिहुंक गई, जिसे सामने बैठी लड़की ने नोटिस कर लिया और वो मंद मंद मुस्कुराने लगी.

मैं मिताली की चुत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
मिताली ने भी मेरे पैंट की जिप खोलकर अपने हाथ को अन्दर डाल दिया.
वो अंडवियर के ऊपर से ही लंड सहलाने लगी.

लंड महाराज भी धीरे धीरे अपना आकार बढ़ाने लगे.
अब मिताली ने मेरे अंडवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में भर कर जोर से दबा दिया.
मेरे मुँह से आह निकल गई और सामने वाली लड़की एकदम से हंस दी.

सामने वाली लड़की ने झुककर अपने साथ बैठे आदमी को बताया कि हमारी टेबल पर क्या चल रहा है.
उस लड़की के देखने से हम दोनों के अन्दर एक अजीब सा अहसास होने लगा.

मगर मुझे किसी की झांट परवाह नहीं थी.
मुंबई जैसी जगह में किसी को किसी की कोई परवाह नहीं होती है. सब अपना मजा लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं.

वो सामने वाला जोड़ा छिपी निगाहों से हम दोनों की प्रणय लीला को देख रहे थे और मजा ले रहे थे.

इधर मेरी उंगली मिताली की चुत में जोर जोर से चलने लगी और मिताली भी मेरा सुपारा मसलने लगी.
हम दोनों आनन्द के सागर में गोते लगाने लगे.

उधर वो जोड़ा भी एक दूसरे से सटने लगे थे; मुझे उनकी चिपका चिपकी में कोई रूचि नहीं थी.

मैं इस वक्त सिर्फ अपनी लैला की चुत कुरेद रहा था और मेरी लैला भी अपने मंजनू के लंड से खेल रही थी.
हम दोनों इस वक्त कहां बैठे हैं और कौन हमें देख रहा है … हम दोनों ने इसका जरा भी ध्यान नहीं रखा.

तभी अचानक वेटर खाना लेकर आ गया और हम दोनों सम्भल गए.
वो वेटर खाना सर्व करके चला गया.

हम दोनों ने टेबल पर रखे नैपकिन पेपर्स से अपने हाथ साफ किए और खाना खाने लगे.
खाने के बाद मैंने वेटर को टिप दी और दोनों बाहर आ गए.

रूम की ओर आते वक्त मैंने अपना हाथ मिताली की गांड पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.

प्लेटफार्म पर बहुत भीड़ थी, लगता था कोई ट्रेन आने वाली थी.
लोग मेरे साथ चल रही लगभग अर्धनग्न मिताली को घूर घूर कर देख रहे थे और वो थी कि सबको नजरंदाज करती हुई मस्ती में मेरे साथ चली जा रही थी.

कुछ तो ऐसे देख रहे थे जैसे यहीं उसे पटककर चोद देंगे.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

मैं अपने हाथों से मिताली की गांड मसल रहा था, जिसे देखकर सब मानो जले जा रहे थे.

हम वापस अपने कमरे में आ गए.

मिताली बेड पर मुझसे चिपक कर बैठ गई. उसने मेरी एक बांह थामी और अपना सर मेरे चौड़े सीने पर टिका दिया.

उसने मुझे बताया कि अमित, उसका पति उसे लगभग आधे घंटे तक चोदता था मगर उसे कभी भी मजा नहीं आया. उसने कभी मिताली की चुत भी नहीं चाटी … और ना इस तरह से प्यार किया.
वो तो बस रोज रात शराब पीकर आता था. साड़ी, गाउन जो भी उसने पहनी हो, उसे उठाता था और बस जानवर जैसे लंड पेल देता था. आज उसे पहली बार चरम सुख और प्यार मिला. वो भी सिर्फ पंद्रह मिनट की चुदाई में वो तृप्त हो गई थी.

लोगों को चुदाई के पहले किए गए फोरप्ले का समय चुदाई का भाग ही नहीं लगता है.
जबकि ये बात जानने योग्य है कि चुदाई का खेल नर नारी के मिलने से शुरू होकर स्खलन और स्खलन के बाद चूमाचाटी तक का माना जाता है.

अब धीरे से मिताली ने अपना हाथ मेरी पैंट में डालकर लंड पर रख दिया.
मैं चौंक गया क्योंकि मैं रेस्टारेंट में अपनी जिप बंद करना ही भूल गया था. यानि रास्ते में सारे लोग मेरी खुली जिप भी देख रहे थे.

मुझे थोड़ी शर्मिंदगी लगी और मिताली जोर जोर से हंसने लगी.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो जीभ निकाल कर मुझे चिढ़ाने लगी और मुझसे दूर हो गई.

मैंने दौड़ कर उसे पकड़ा और भींच दिया.
मिताली हंसती हुई मेरी ओर मुड़ी और उसने मेरा पैंट, अंडी और टी-शर्ट उतार दी.

उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरी छाती पर लंड की ओर मुँह करके बैठ गई.
उसने मेरे सुपारे को किस किया और लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी.

चूसते समय उसकी गांड थोड़ी ऊपर हो जाती थी और मुझे उसकी गांड का गुलाबी छेद नजर आ जाता था.

मैं अपनी उंगली उसकी गांड पर रगड़ने लगा और मिताली मेरे लंड को अपने हलक तक निगलने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैंने अपनी उंगली मुँह में डालकर थूक से भिगोई और उसे मिताली की गांड में डाल दिया.
वो जोर से चिहुंकी और मेरा लंड उसके गले में अन्दर तक उतर गया.

अब वो रिदम में मेरा लंड चूसने लगी और साथ में मेरी उंगली उसकी गांड में अन्दर बाहर होने लगी. हम दोनों को मजा आने लगा.

मिताली अब थोड़ा और आगे को झुक गई, मैंने तुरंत अपनी दूसरी उंगली उसकी चूत में उतार दी.
अब उसे तीनों छेदों में मजा मिलने लगा.
लगभग 6-7 मिनट की लंड चुसाई और उंगली से गांड-चूत पिलाई से हम दोनों गर्म हो गए.

मिताली अब आगे सरककर मेरे लंड पर बैठ गई.
उसके दोनों हाथ मेरे टखनों पर थे.

उसने अपनी चूत को मेरे खड़े लंड पर घिसना शुरू कर दिया और घिसते-घिसते ही अपनी गांड उठाकर फच्च से मेरे लंड को अपनी चूत में घुसा लिया.
मुझे मजा आ गया.

अब वो जोर जोर से लंड पर उछलने लगी.
मैंने फिर अपनी उंगली थूक से गीली की और उसकी गांड में डाल दी.

अब मिताली दुगने जोश में उछलने लगी.
इस उल्टी पोजीशन में लंड पिलाई से लंड में दर्द हो रहा था मगर मजा भी बहुत आ रहा था.
पांच मिनट बाद मिताली के उछलने में कमी आ गई थी.
मैं समझ गया कि उसकी सांसें फूल रही होंगी.

मैंने उसे थोड़ा सा धक्का दिया और वो घोड़ी बन गई.
फिर से मैंने लंड उसकी चूत में सैट किया और पेलाई शुरू हो गई.
मैंने अपने एक हाथ से उसके एक मम्मे को पकड़ लिया और दबाने लगा, साथ ही अपनी स्टाइल में जोर जोर से धक्के लगाने लगा.

उसके मुँह से आह उह्ह की आवाजें आने लगीं.

थोड़ी देर में ही मिताली अकड़ने लगी, उसके मुँह से जोर जोर से ‘यस यस …’ की आवाजें आने लगीं.

उसने मुझे पीछे हाथ करके पकड़ लिया और अपना पानी छोड़ने लगी.

लेकिन मेरा अभी न तो हुआ था और ना ही जल्दी होने वाला था क्योंकि ये मेरी पिछले आठ घंटे में ये तीसरी चुदाई थी.

मैंने मिताली तो सीधा किया और उसकी दोनों टांगों को अपने दोनों कंधों पर रख लीं. मैंने फिर से पेलाई चालू कर दी.

अब मैं फुल स्पीड में धक्के लगा रहा था.

थोड़ी देर में ही मिताली की सिसकारियां फिर शुरू हो गईं.
उसकी सिसकारियों से मेरा जोश भी बढ़ने लगा और मैं अपने पिस्टन को उसकी लुब्रीकेटेड चूत में जोर जोर से पेलने लगा.

एसी चालू रहने के बाद भी मेरे माथे पर पसीना आ गया.

मिताली फिर से अकड़ने लगी थी. उसने अपनी दोनों टांगों से मेरी गर्दन को भींच लिया. अब मेरा लावा भी फूटने को तैयार था.
मैंने जोर जोर से अंतिम झटके मारे और मिताली को कमर से पकड़ कर जोर से भींच लिया.

हम दोनों का लावा एकसाथ में छूटने लगा. हम दोनों एक दूसरे में समाने लगे.

मिताली ने अपनी दोनों टांगें मेरी गर्दन से निकालकर मेरी कमर में फंसा लीं.
एक दूसरे में समाते हुए हम चरमोत्कर्ष का आनन्द लेने लगे.

यही जन्नत का सुख है.
पांच मिनट तक हम वैसे ही पड़े रहे.

फिर मिताली ने मेरे माथे पर किस किया और मुझे थैंक्यू बोला.
मैं मुस्कुरा दिया और पलट कर उसके अधरों का रस पान करने लगा.

हम दोनों अलग हुए.
मैंने उसे उठाया और बाथरूम में ले गया और शॉवर के नीचे खड़ा कर दिया.
हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया और उसने मुझे तौलिया देकर बाहर भेज दिया.

बाहर आकर मैंने अपने कपड़े पहने.
थोड़ी देर में मिताली अपनी साड़ी पहन कर बाहर निकल आई.

वो बड़ी निर्मल और मासूम सी लग रही थी.
उसके चेहरे पर परम संतुष्टि के भाव थे मानो बिल्ली अभी अभी दौना भर मलाई चाट कर आई हो.
उसने मुझे बांहों में भर लिया और जाने की इजाजत मांगी.

मेरा मन तो नहीं था, पर चार बजने में सिर्फ दस मिनट बाकी थे.

फिर उस Xxx यंग भाभी ने बेड पर पड़ी अपनी पैंटी उठाई और साड़ी ऊपर करके पहनने लगी.
मैंने उसकी चूत को अपने हाथों से एक बार फिर भींच लिया और एक विदाई पप्पी दी.

उसने मुझे हंसते हुए धक्का दिया और अपनी पैंटी पहन ली.

मैं उसे छोड़ने पार्किंग तक गया.
रास्ते में उसने मुझे बताया कि वो पूना शिफ्ट हो रही है और कहा कि अगली बार ये सब पूना में ही करेंगे.

इसके बाद मैं पूना भी गया और उसकी रूममेट के साथ मिलकर हमने थ्रीसम सेक्स भी किया.

उसका ब्यौरा अपनी अगली कहानी में दूंगा. Xxx यंग भाभी कहानी पर अपने विचार अवश्य प्रकट करें.
तब तक के लिए विदा.

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