पति के बॉस ने मुझे यौन सुख दिया- 1

Antarvasna

भाभी बूब्स ब्लाउज में से झांकते हुए आपने भी देखें होंगे. सामने से दिखते आधे नंगे स्तन और पीछे से पूरी नंगी पीठ देख कर सबका लंड खड़ा हो जाता है. ऐसे ही ब्लाउज पहनती है ये भाभी!

नमस्कार दोस्तो,
मैं कोमल मिश्रा!
मेरे पिछली कहानी

अपने पढ़ी और पसंद की। धन्यवाद।

मेरे यह कहानी मेरे एक पाठिका ने भेजी है। उन्होंने बताया है कि यह सत्य कथा है, उनकी आप बीती है।

उनके ही शब्दों में आप यह कहानी पढ़ें।

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम अनिता सिंह है, मेरी उम्र 27 साल है।
मेरे पति एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं।

हम दोनों की शादी को 4 साल हो गए लेकिन अभी तक हमने बच्चे का प्लान नहीं बनाया।
मेरे पति का कहना है कि जब तक हम अपने खुद का मकान नहीं ले लेते तब तक बच्चे का नहीं सोचेंगे।

मेरे शरीर की बनावट ऊपर वाले ने बड़ी अच्छी बनाई है. मेरे गोरे बदन का साइज 36-30-38 का है।

मैं घर से बाहर हमेशा ही साड़ी पहनना पसंद करती हूं. मेरे ब्लाऊज का डिजाइन पीछे से बैकलेस रहता है और इसके साथ ही सामने से गहरे गला!

मेरे ब्लाउज के डिजाइन के कारण ही लोगों की नजर मेरे ऊपर टिकी रहती है. कौन नहीं देखना चाहेगा भाभी बूब्स!

लोग कभी मेरी गदराई हुई गोरी पीठ को निहारते रहते हैं तो कभी मेरे गहरे गले के ब्लाऊज से झाँकते हुए भाभी बूब्स की एक झलक पाने को बेताब रहते हैं।

ऐसा नहीं था कि लोग मुझे लाइन नहीं मारते थे.
लेकिन एक तो मैं अपने पति को धोखा नहीं देना चाहती थी और दूसरी बात कि ऐसा कोई पसंद का मुझे कभी मिला ही नहीं था।

हालांकि शादी के बाद से ही मेरे पति चुदाई में थोड़े कमजोर ही रहे हैं.
ऐसा नहीं है कि उनके लंड में या शरीर में कोई कमी है लेकिन उन्होंने कभी कभी ही मुझे पूरी तरह से संतुष्ट किया था।
अपने पति के मुकाबले मैं सेक्स के प्रति काफी ज्यादा उत्तेजक रही हूं।

शादी के पहले मेरे घर में इतनी अधिक बंदिशें थी कि मैंने कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया था और मेरी पहली चुदाई मेरे सुहागरात को ही हुई थी।

शुरू शुरू में तो मुझे सब अच्छा ही लगता था.
लेकिन एक साल बाद मुझे यह अहसास हुआ कि कहीं न कहीं मेरी प्यास नहीं बुझ पाती और मैं प्यासी ही रह जाती हूं।
सेक्स के प्रति मेरी जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही थी लेकिन मेरे पति की दिलचस्पी कम होती जा रही थी।

ऐसे में ही मैं मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखकर और अन्तर्वासना में कहानियां पढ़कर अपनी चूत में उंगली करने लगी और खुद को किसी तरह से संतुष्ट करने लगी।

मेरी जिंदगी बस ऐसी ही चल रही थी.
पति से संतुष्टि न मिलने के कारण मुझे बस अपनी उंगलियों से ही काम चलाना पड़ता था।

मेरी आदत इतनी गंदी हो गई थी कि मैं रोज ही उंगली करने लग गई थी।
जैसे ही मेरे पति ऑफिस के लिए जाते, मैं घर का काम खत्म करके सारा दिन बस अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ती और पोर्न फिल्म देखती रहती।

कभी कभी तो ऐसा होता था कि मैं दिन भर में 3 से 4 बार चूत में उंगली करके मजा लेती थी।

सबसे बड़ी दिक्कत तब आती थी जब मैं परिवार में कहीं बाहर जाती थी.
वहां तो मुझे अकेलापन नहीं मिलता था और मैं अपने आप को शांत करने के लिए छटपटाती रहती थी.
तो मैं बार बार टॉयलेट के बहाने से जाकर अपने आप को शांत करती।

करीब 3 साल तक मेरे साथ ऐसा ही चलता रहा.
लेकिन पिछले साल मेरी जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ कि मुझे अब चुदाई का भरपूर सुख प्राप्त होने लगा और अब तो मेरी चूत भी जवाब दे देती है लेकिन मेरी चुदाई कम नहीं होती।

पिछले एक साल से शायद ही ऐसा कोई दिन गया होगा जिस दिन मेरी बुरी तरह से चुदाई न हुई हो।

अब तो मेरा हाल यह है कि मुझे खुद मना करना पड़ता है कि आज मेरा मन नहीं है।

तो दोस्तो, चलते हैं आगे की कहानी में जिसमें मैं आपको एक एक बात बताऊँगी कि किस तरह से मेरी जिंदगी ने मोड़ लिया और मेरी उदास पड़ी जिंदगी में चुदाई की बाढ़ आ गई।

हुआ यूं था कि एक दिन मेरे पति ऑफिस से घर आये और मुझसे कहा- जल्दी से तैयार हो जाओ, हमें मेरे बॉस के घर जाना है. आज उनके बेटे के जन्मदिन की पार्टी है।

बहुत दिनों से घर पर पड़े पड़े मैं भी बोर हो गई थी तो मैंने भी जाने के लिए तुरन्त हां कह दी।

वैसे भी मेरे पति मुझे ज्यादा कहीं लेकर जाते नहीं तो यह एक अच्छा मौका था बाहर घूमने का!

मैंने नीले रंग की सिल्क की साड़ी पहनी और अपने स्टाइल का गहरे गले का बैकलेस ब्लाउज।

मेरे पति ने बाइक निकाली और हम दोनों चल दिये।

वहाँ पहुँचने के बाद मुझे पता चला कि यह कोई छोटी मोटी पार्टी नहीं है बल्कि काफी भव्य पार्टी है।

हम दोनों अंदर गए, जहाँ पर काफी भीड़ मौजूद थी।

थोड़े समय बाद बॉस के बेटे ने केक काटा और फिर पति के बॉस ने सभी को खाना खाने के लिए आमंत्रित किया।
सभी लोग डिनर करने लगे और मैं भी अपनी प्लेट लेकर खाना खाने लगी।

मेरे वहाँ कोई पहचान का तो था नहीं … इसलिए मैं और पति अलग ही खड़े होकर खाना खा रहे थे।

मैंने देखा कि बॉस सभी से हाथ मिला रहे थे और सभी के गले लग रहे थे चाहे वो मर्द थे या औरत!

कुछ समय बाद पति के बॉस सभी से मिलते जुलते हुए मेरे पति के पास तक पहुँचे।

उन दोनों ने हाथ मिलाया और गले मिले.
उसके बाद मेरे पति ने मेरा परिचय उन्हें दिया।

कुछ देर तक तो उनके बॉस ने मुझे गौर से ऊपर से नीचे तक देखा फिर उन्होंने पहले अपना हाथ आगे बढ़ाकर मुझसे हाथ मिलाया और फिर मेरे भी गले लगने के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने मुझे अपने गले से लगाया जिससे मेरे दोनों तने हुए दूध उसके सीने से जा टकराये।

उनसे गले लगना मुझे कुछ अजीब सा लगा क्योंकि उन्होंने मेरी नंगी पीठ को अपने दोनों हाथों से सहलाया और हल्के से अपनी तरफ खींचा।
मेरे लिए ये सब नया था लेकिन मैंने सोचा कि अमीरों के यहाँ शायद ऐसा होता होगा।

फिर वे आगे बढ़ गए और दूसरों मेहमानों से मिलने लगे।

कुछ देर बाद मेरे पति भी अपने पहचान के दोस्तों के पास चले गए और मैं अकेली ही खाना खाने लगी।

वहाँ पर मौजूद ज्यादातर मर्दों की निगाहें मुझ पर ही टिकी हुई थी।
मेरे बैकलेस ब्लाऊज के कारण मेरी पीठ और मेरे आँचल से झाँकते हुए मेरे दूध की लाइन सभी को मेरी तरफ आकर्षित कर रही थी।

कुछ देर बाद बॉस फिर से मेरे पास आकर खड़े हो गए और मुझसे बात करने लगे।

यह देख मेरे पति भी आ गए और हम तीनों आपस में बात करने लगे।

बॉस बार बार किसी बहाने से मेरी तारीफ कर रहे थे और मेरे पति भी उनके सामने मेरी काफी तारीफ कर रहे थे।

बातों ही बातों में मेरे पति ने मेरे खाने की तारीफ कर दी कि मैं काफी अच्छा खाना बनाती हूं।
इस पर बॉस ने कहा- अगर ऐसी बात है तो किसी दिन हमें भी बुलाइये अपने घर पर खाने के लिए!
ऐसा सुनकर मेरे पति ने भी इसके लिए हां कह दिया।

वहाँ काफी देर तक हम तीनों ने बात की और इस दौरान बॉस की नजर बार बार मेरे ऊपर ही आ रही थी।
वे मेरे पति से ज्यादा मुझे तवज्जो दे रहे थे। हॉट भाभी बूब्स ने उन पर जैसे जादू कर दिया था.

उसके बाद हमने अपना खाना खत्म किया और कुछ देर रुकने के बाद वापस घर आ गए।

उस दिन के एक सप्ताह बाद ही मेरे पति ने मुझसे कहा कि बॉस घर पर खाने के लिए कह रहे थे।
मैंने कहा- आपकी जब इच्छा हो, उन्हें बुला लीजिए।

मेरे पति ने रविवार का दिन चुना क्योंकि उस दिन ऑफिस की छुट्टी रहती है।

रविवार के दिन सुबह से ही मैं घर की साफ सफाई में लग गई और दोपहर तक घर की साफ सफाई कर दी।

इसके बाद मेरे पति चिकन लाये और मैं शाम के खाने की तैयारी में लग गई।

शाम 7 बजे तक मैंने सभी काम निपटा लिए.
अब बॉस के आने का इंतजार था।

शाम करीब साढ़े सात बजे बॉस आये.
मेरे पति उनके साथ सामने कमरे में बैठकर बाते करने लगे।

कुछ देर बाद पति उनको लेकर अंदर रूम में चले गए जहाँ पर वो दोनों ड्रिंक करने वाले थे।

मेरे पति एक प्लेट में चिकन और ग्लास पानी लेकर गए।

मैं अपने बेडरूम में आकर बैठ गई और उनके फ्री होने का इंतजार करने लगी।
करीब एक घण्टे बाद मेरे पति आये और खाना लगाने के लिए कहने लगे।

मैंने जल्दी जल्दी खाना डायनिंग टेबल पर लगा दिया।
वे दोनों आये और कुर्सी पर बैठ गए।

मैं वही पास में ही खड़ी होकर सब देख रही थी।

उन दोनों को काफी ज्यादा नशा हो गया था इसलिए मैंने आगे बढ़कर खाना परोसने में उनकी मदद की।

उस वक्त भी मैंने वैसा ही गहरे गले का ब्लाऊज पहना हुआ था जिससे मेरे आँचल से मेरे दूध बाहर दिख रहे थे।

मैंने गौर किया कि बॉस की नजर मेरे आँचल पर ही टिकी हुई थी।

मेरे पति को भी काफी नशा हो गया था, वे चुपचाप बैठे हुए खाना खा रहे थे.

पर बॉस लगातार मुझसे बात कर रहे थे।
वे बार बार खाने की तारीफ किये जा रहे थे और मैं मुस्कुराती हुई उन्हें धन्यवाद दे रही थी।

उन्होंने खाना खत्म किया और हाथ धोने के बाद सोफे पर बैठ गए।

कुछ समय बाद मेरे पति को इतना ज्यादा नशा आ गया कि वे अच्छे से बैठ भी नहीं पा रहे थे।
ये सब इसलिए था क्योंकि मेरे पति कभी कभी ही शराब का सेवन करते थे।

मेरे पति की ऐसी हालत देख बॉस ने उनसे कहा- तुम अंदर जाकर आराम करो।
मेरे पति बेडरूम में जाकर सो गए.

मैं और बॉस सामने कमरे में बैठे हुए काफी देर तक बात करते रहे।

बॉस बात मुझसे कर रहे थे लेकिन उनकी नजर बार बार मेरे सीने से झाँकते मेरे दूध पर ही जा रही थी।
रात करीब 11 बजे वो अपने घर के लिए निकल गए.
मैं उन्हें कार तक छोड़ने गई।

उस दिन के बाद से ही बॉस का हमारे घर पर आना जाना ज्यादा ही हो गया.
और जल्द ही उन्होंने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर भी ले लिया।

उनका जब भी मन करता, वे हमारे घर आने लगे और मैं भी उनसे काफी घुलमिल गई।

मेरे पति का तो मुझे नहीं पता लेकिन मुझे पता चल चुका था कि बॉस की नजर मुझ पर है और वे केवल मेरे लिए ही यहाँ आते हैं।

यह मेरा वहम नहीं था क्योंकि उनकी नजर ही सब बता रही थी जब भी वे आते थे तो उनकी नजर मेरे बदन को ही देखती रहती।

मेरा मोबाइल नंबर पाकर वो अब कभी भी मुझसे बात कर लेते थे और व्हाट्सएप पर मैसेज भेज देते थे.
लेकिन अभी तक उन्होंने मुझसे ऐसी कोई गलत बात नहीं की थी।
पर मुझे यकीन था कि वे मुझे लाइन मार रहे थे।

मैं तब भी वैसे ही अपने पति से नाखुश अपनी सेक्स की दुनिया को उंगलियों से चला रही थी।

मेरे अंदर भी अब बॉस के प्रति आकर्षण बढ़ रहा था।
यहाँ तक कि अब तो ऐसा हो गया था कि जब भी मैं अपनी चूत में उंगली करती तो बॉस को याद करने लगी और ऐसा सोचती थी कि मुझे बॉस ही चोद रहे हैं।

लेकिन बॉस ने कभी भी अपने दिल की बात मुझसे नहीं की थी।
हो सकता था वे हम दोनों की उम्र के फासले की वजह से आगे न बढ़ रहे हों।
उनकी उम्र 51 वर्ष थी और मैं उनसे आधे उम्र की थी।
दिखने में वे काफी हट्टे कट्टे और मजबूत बदन के हैं।

फिर दोस्तो, मैंने उनके बारे में जो सोचा था वही सच निकला.
उन्होंने एक दिन मुझे अपने दिल की बात बोल दी।

एक दिन शाम को वे मेरे घर आये.
उस वक्त मेरे पति बाहर गए हुए थे.

तब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी बात कही।
उस वक्त मैंने उनसे कुछ नहीं कहा और उनसे कुछ समय मांगा।
फिर मैंने भी जल्द ही उन्हें अपनी हामी दे दी।

इसके बाद से तो हम दोनों रोज रात में चैट करने लगे और धीरे धीरे फोन पर ही सेक्स भरी बातें भी होने लग गई।

हम दोनों के अंदर ही चुदाई करने के लिए तूफान खड़ा हो गया था लेकिन पति के रहते ये सब नहीं हो सकता था।

बॉस इस मामले में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते थे, वे चाहते थे कि यह बात हमेशा ही सबसे गुप्त रहे।

फिर बॉस ने मुझे चोदने के लिए एक बात सोची और मुझे बताई।
मैं भी उनका साथ देने के लिए तैयार हो गई।

अब जल्द ही हम दोनों के बीच पहली चुदाई होने वाली थी जिसका हम दोनों को ही इंतजार था।

बॉस ने क्या सोचा था और उन्होंने किस तरह से मुझे पहली बार चोदा?
ये सब जानने के लिए कहानी का अगला भाग जरूर पढ़िए।

अभी तक की भाभी बूब्स कहानी कैसी लगी?

भाभी बूब्स कहानी का अगला भाग:

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