Xxx बंगाली सेक्स कहानी में मैंने घर के सामने रहने वाली भाभी को अपना लंड चुसवाया, वीर्य पिलाया, उनकी चूत चोदी, फिर उनकी गांड भी मारी.
दोस्तो, मैं राहुल आपको अपनी पड़ोसन भाभी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
में अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी ने मेरे लौड़े को चाट कर लंड को रस निकालने पर मजबूर कर दिया था.
अब आगे Xxx बंगाली सेक्स कहानी:
भाभी का मुँह लार से पूरा गीला हो चुका था और उनके मुँह से लार निकल कर टपकने लगी थी.
रानी भाभी ने मेरे लंड को इतना चूसा था कि मेरा लंड गुलाबी हो गया.
उसके बाद वो आंखें चढ़ा कर बोली- बहुत ही गर्म, गाढ़ा और स्वादिष्ट रस है इसका!
मैंने कहा- मजा आया न!
वो बोलीं- बहुत.
मैंने उनको थोड़ी देर किस किया और उनकी चूत को सहलाने लगा.
भाभी की चूत मेरे लंड को चूसने की वजह से पूरी गीली हो गई थी और रानी की चूत से मादक खुशबू आ रही थी.
भाभी ने मुझसे कहा- मैंने तुझे खुश कर दिया है और अब तुम्हारी बारी है मुझे खुश करने की. चलो जल्दी से मुझे चोद खुश कर दो!
मैं- खुश तो मैं तुम्हें जरूर करूंगा रानी … लेकिन पहले तुम्हारी रसीली चूत को तो चाट लूं!
यह कह कर मैं नीचे बैठ गया और उनकी चूत में अपनी जीभ फेरने लगा.
वे सिहर उठीं मगर मैं चुत चूसने लगा.
भाभी जोर जोर से मादक सिसकारियां लेने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने भाभी को लेटा दिया और उनकी आंखों में देखकर उनकी चूत चाटने लगा.
वे बिल्कुल पागल सी होने लगी थीं और कुछ ज्यादा तेज स्वर में चीखने लगी थीं.
मुझे भाभी की चूत को चाटना बड़ा अच्छा लग रहा था.
मैं चूत के दाने को अपने होंठों से दबाता हुआ चूत चाटे जा रहा था.
वे अपने दाने के खींचे जाने से मस्त हुई जा रही थीं और कामुक चीखें निकालती जा रही थीं.
कुछ पांच मिनट बाद ही भाभी का बदन अकड़ने लगा और वे मेरे मुँह को अपनी जांघों में दबाती हुई झड़ गईं.
उन्होंने अपनी चूत का सारा रस मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मैं चूत का सारा रस पी गया.
वे मुँह खोल कर आंखें बड़ी बड़ी कर मुझे देख रही थीं क्योंकि मैंने उनकी चूत का सारा रस पी लिया था.
रानी ने मुझसे कहा- अब और बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.
मैंने रानी भाभी को एक प्यारा किस दिया.
थोड़ी देर के लिए फिर से लंड को चुसवाने लगा, भाभी ने भी लंड को चूस कर एकदम कड़क कर दिया.
मैंने रानी भाभी को उल्टा लिटाया और उनकी गांड पर बैठ गया.
मैं लंड को रानी चूत में टिकाने लगा.
सुपारा सैट होते ही मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरे लंड का टोपा अन्दर घुसता चला गया था.
रानी भाभी की एक तेज चीख निकल गई.
उनकी चीख को नजरअंदाज करते हुए मैंने एक दूसरा जोरदार झटका भी लगा दिया.
इस बार इतना तगड़ा प्रहार हुआ था कि मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में घुसता चला गया.
अब रानी भाभी के मुँह पहले से भी जोरदार चीख निकली, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था.
मैं थोड़ी देर रुका और उन्हें चूमने सहलाने लगा.
फिर जैसे ही रानी भाभी का दर्द कम हुआ तो मैं तेज़ी से उनकी चूत को चोदने लगा.
अब उन्हें भी मज़ा आने लगा; वे मादक चीखें और सिसकारियां ले रही थीं- आह … आह फाड़ दी … आह कितना बड़ा और मोटा लंड है तेरा … आह आह फक मी हार्ड आह मुझे और तेज़ी से चोदो … तेज तेज और तेज चोदो आह!
मैं और तेज़ी से उनको चोदने लगा.
उसी समय मैंने उनकी चूत को देखा तो चूत मेरे लौड़े को एकदम रबर सी खींच रही थी.
भाभी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थीं और अपनी चुदाई का पूरा मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने रानी भाभी को सीधा लिटा दिया और उनकी चूत में अपना लंड घिसने लगा.
भाभी को भी ये काफी अच्छा लग रहा था.
मैंने लंड को फिर से उनकी चूत में टिकाया और धक्का दे दिया लेकिन मेरा लंड फिसल गया और बाहर ही रह गया.
रानी हंसने लगीं- क्या हुआ … सारा दम निकल गया क्या?
मैंने फिर से लंड को टिकाया और एक जोरदार धक्का दे मारा.
भाभी की सारी हंसी रफूचक्कर हो गई और वो चिल्ला उठीं.
मैंने कहा- क्या हुआ … दर्द हुआ क्या?
वे हंसने लगीं और मैंने भी चुदाई पर ध्यान लगा दिया.
मैं अब बड़ी तेज़ी से रानी को चोद रहा था.
थोड़ी ही देर में उनका बदन अकड़ गया और वे झड़ गईं.
पर मुझे अभी कुछ नहीं हुआ था.
मैंने उनकी चूत में फंसा हुआ लंड वापस अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं कमर आगे पीछे करते हुए जोरदार झटके दे रहा था.
जब मैं भाभी की चूत चोद रहा था तो उनका शरीर खुद ब खुद आगे पीछे आगे पीछे हो रहा था.
भाभी की बड़ी बड़ी चूचियां भी आगे पीछे झूम रही थीं.
थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें कुतिया बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया.
वे तेज तेज सिसकारियां ले रही थीं.
फिर मैं रानी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें चोदता हुआ चूमने लगा.
मैं अपने स्खलन के करीब आ गया था तो उन्होंने मुझे चूमना शुरू कर दिया और मैं भी अपने फूलते हुए लंड से भाभी की सिकुड़ती हुई चूत की चुदाई कर रहा था.
भाभी का शरीर चुदाई के वजह से उछाल मार रहा था … वे भी मुझे ऐसे ही चूम रही थीं.
जब मेरा झड़ना नहीं हुआ तो मैंने भाभी को उल्टा करके उनकी गांड को थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया.
अब उनके साथ मैं चिपक कर लेट गया और लंड को चलाना शुरू कर दिया था.
रानी भाभी ने भी मज़े से चीखना शुरू कर दिया और मैं उनकी बड़ी और मोटी चूचियों को दबाने लगा.
फिर मैं उनके ऊपर से उठा और उनकी गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया.
मैंने वापस अपना लंड चूत में पेल दिया.
इस बार चूत की चुदाई करते वक्त रानी की चूत से फच फच की आवाज सुनाई दे रही थी.
रानी भाभी के पूरे घर में थप थप की आवाज गूंज रही थी.
भाभी- आह … आह … कितना मजा आ रहा है … आह … फाड़ दो मेरी चूत को … आह इसका भोसड़ा बना दो.
मैं और तेज़ी से रानी की चूत को चोदने लगा.
रानी भाभी की चूत एकदम टाइट थी, मुझे टाइट चूत को खोलना बहुत पसंद है.
तभी रानी भाभी की चूत से पानी निकल गया.
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और उनकी गांड चाटने लगा.
वे भी सिसकारियां ले रही थीं.
फिर मैं बिस्तर से उतर कर नीचे खड़ा हो गया.
वे भी उतर गईं.
मैं रानी भाभी की चूचियों को चाटने लगा और उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत से सटा लिया.
भाभी अपनी गांड को आगे पीछे करने लगीं.
मेरा लंड उनकी चूत में फक्क से घुस गया और अन्दर बाहर होने लगा.
भाभी पागलों जैसा बरताव कर रही थीं.
मैं भी उनकी गांड को पकड़ कर लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने उनकी एक टांग उठाई और चूत चोदने लगा.
थोड़ी देर मैंने उन्हें पीछे पलटाया और मेरी नजर उनकी गांड के छोटे से छेद पर जा पड़ी.
मेरा रानी भाभी की गांड मारने का मन हुआ.
मैं झुक कर भाभी की गांड को चाटने लगा.
वे पूरी कांप उठीं और मेरे सर को पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर दबाने लगीं, अपनी गांड चटवाने लगीं.
मैं पांच मिनट तक उनकी गांड को चाटता रहा.
वे भी अपनी गांड हिला हिला कर चटवा रही थीं.
फिर मैंने अपने लंड को पकड़ कर उनकी गांड में सैट किया और धक्का देने लगा.
वे कंपकंपा उठीं.
मैं भाभी की चूचियों को मसलने लगा और उन्हें चूमने लगा.
रानी- आउच आउच … बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उनकी एक भी बात न सुनकर लंड से एक जोरदार धक्का से पेला और मेरा लंड उनकी गांड को फाड़ते हुए गांड में पूरा घुस गया.
वे भयानक तरीके से चीखने लगीं.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की गांड चोदना शुरू कर दिया.
पहले पहल उन्हें थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन कुछ देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा.
अब वे खुद ही अपनी गांड को पीछे धकेल रही थीं.
मैं उनकी गांड को चमाट मार मार कर चोद रहा था.
भाभी की गांड पूरी लाल हो गई थी.
फिर मैंने उनकी एक टांग उठाई और चोदने लगा.
कुछ देर बाद उसे मैंने अपनी तरफ घुमाया और गांड में लंड को घुसेड़ कर धमाधम चोदने लगा.
पूरे घर में थाप थाप की आवाज और भी तेज़ी से गूंज रही थी ‘थाप … थाप …’
मैंने उन्हें गोदी में उठा लिया और उनकी गांड को पकड़ कर ऊपर नीचे करके उनकी गांड के छेद को खोल रहा था.
कुछ पल बाद मैंने भाभी को नीचे उतार दिया और बेड पर जाकर सीधा लेट गया.
मेरा लंड एकदम सीधा खड़ा हुआ था. मतलब नब्बे डिग्री में सीधा खड़ा था.
ये दृश्य देख कर रानी भाभी ने तुरंत मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैं भी उनको लंड चुसवा रहा था. वे रांड की तरह एकदम लॉलीपॉप के जैसे लंड चूस रही थीं.
जैसे मैं हवा में उड़ रहा था.
दस मिनट बाद रानी भाभी मेरे ऊपर चढ़ने लगीं.
मैंने उनसे कहा- अरे यार मेरे टट्टे भी तो चाटो … वो दोनों बेचारे कितनी देर से तड़प रहे हैं!
रानी भाभी हंस पड़ीं और मेरे टट्टों को पकड़ लिया.
अगले ही सेकंड में उन्होंने मेरे टट्टे अपने अपने मुँह में ले लिए और चूसने चाटने लगीं.
कुछ 5 मिनट तक मेरे टट्टे चाटने के बाद वो बोलीं- तेरा लंड बिल्कुल घोड़े जैसा है. चल अब गांड फाड़ दे मेरी!
यह बात सुनकर मेरे अन्दर और जोश आ गया.
वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया.
भाभी ने एक झटके में पूरा लंड अपनी गांड के अन्दर घुसेड़ दिया.
वे उछल उछल कर लंड को ले रही थीं.
मैंने रानी भाभी की गांड को लंड से जकड़ लिया और अपनी गांड उठा उठा कर चोदने लगा.
वो मेरे दोनों टट्टों को दबा रही थीं.
फिर मैंने उनकी गांड को पकड़ लिया और उन्हें लंड पर ऊपर नीचे करके उनकी गांड चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैं एक साइड होकर लेट गया और वह भी साइड होकर लेट गईं.
मेरा लंड उनकी गांड में ही था.
मैंने उनकी एक टांग को उठाया और गांड चोदना फिर से शुरू कर दिया.
रानी भाभी ने अपनी टांग ऊपर ही रखी थी.
मैं उनकी गांड मारते हुए अपना हाथ आगे ले जाकर उनकी चूत को मसलने लगा.
अब मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला था तो मैंने रानी भाभी से पूछा- मेरा वीर्य निकलने वाला है, कहां निकालूँ?
रानी भाभी ने कहा- चुत के अन्दर डाल दो.
मैंने अपना लंड उनकी गांड से बाहर निकाल कर चूत में घुसेड़ दिया और जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.
दस बारह झटकों के बाद मैं रानी भाभी की चूत में झड़ गया और उसी वक्त वो भी झड़ गईं.
मेरे लंड से वीर्य पिचकारी की तरह निकल रहा था.
मुझको बहुत मजा आ रहा था.
रानी भाभी भी मेरे गर्म गर्म वीर्य को महसूस कर रही थीं.
हम दोनों बहुत थक गए थे और उसी हालत में सो गए.
मैंने उनकी चूत से अपना लंड भी नहीं निकाला था.
अगले दिन सुबह जब हम नींद से उठे तो मेरे लंड बिल्कुल तन कर खड़ा हुआ था और उनकी चूत के अन्दर था.
मैंने उसी वक्त फिर से ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दिया.
इस चुदाई के बाद रानी भाभी ने मुझे उसकी सहेलियों से भी मिलवाया.
मुझे Xxx बंगाली सेक्स में, उनकी बाकी सहेलियों की चूत मारने में भी बड़ा मजा आया.
भाभी की हर सहेली 2-3 बच्चों की मां थी.
मैंने उन सभी को चोद कर अपना वीर्य उनकी चूत में भर दिया था.
अगले 9-10 महीने बाद उन सभी ने बच्चे जन्म दिए और उन सभी चेहरा मेरे चेहरे से मिलता है.
कुछ दिन बाद रानी भाभी अमेरीका चली गईं और मैं फिर से अकेला पड़ गया था.
लेकिन मुझे यकीन है मेरी चुदाई की बात उन्हें हमेशा याद रहेगी.
आपको Xxx बंगाली सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.