दोस्त की बहन बनी गर्लफ्रेंड-1

Antarvasna Hindi Sex Stories

दीवाली की शाम मैं अपने मित्र के घर गया. उस समय घर में उसकी माँ अकेली थी. तभी मेरे दोस्त की बहन भी आ गयी. उसकी खिली जवानी देख मैं देखता ही रह गया.

नमस्कार दोस्तो, मैं राजीवअपनी एक सेक्सी कहानी के साथ हाजिर हूँ जो इस दीपावली मेरे साथ हुई।

दोस्तो इस दीपावली की छुट्टी में मैं अपने गाँव गया हुआ था। दीपावली की शाम को दिए जलाने के बाद मैं अपने पड़ोस में एक मित्र के घर गया जो मेरे साथ ही वाराणसी में काम करता है और इस बार वो वापस गांव नहीं आ पाया था।

उसके घर में उसके पापा मम्मी और एक छोटी बहन, जिसका नाम पीहू था, रहती थी। जब मैं उसके घर पहुँचा तो घर पर सिर्फ उसकी मां थी।
मैंने उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी और पीहू और उसके पापा के बारे पूछा.
तो उन्होंने बताया कि पीहू के पापा किसी काम से रिश्तेदार के यह गए है कल आएंगे। पीहू गांव में मन्दिर पर दिए जलाने गयी है, कुछ देर बाद आएगी।

तब मैंने उनके साथ मिलकर पूरे घर में दीये जलाये।
दिए जलाने के बाद उसकी माँ और मैं छत पर खड़े होकर बात कर रहे थे तभी वहाँ पीहू आ गयी।
उसने मुझसे कहा- भैया, आप कब आये?

मैं तो बस उसे देखता रह गया.
वो नीले रंग का कमीज और सफेद सलवार पहने थी।

दोस्तो, पहले मैं पीहू के फिगर के बारे में बता दूँ. उसकी हाइट लगभग पांच फुट, उसकी चूचियों का साइज बत्तीस इंच, कमर छब्बीस इंच और गांड का साइज़ बत्तीस इंच था।

मैं पीहू से दो साल बाद मिला था। इन दो सालों में उसका बदन काफी भर गया था। उसकी उम्र बाइस साल की हो गयी थी।

उसके आने के बाद उसकी मम्मी ने कहा- तुम दोनों बात करो, मैं नीचे जा रही हूँ खाना बनाने।

उसकी मम्मी के जाने के बाद मैं पीहू को कुछ देर तक लगातार देखता रहा तो पीहू ने हंसकर कहा- भैया, क्या देख रहे हो? पहले कभी नहीं देखा क्या?
तब मैंने कहा- पहले भी देखा है पर तब और अब तुम काफी बदल गयी हो।

यह सुनकर पीहू ने कहा- मैं कहाँ बदली हूँ, मैं तो वैसी ही हूँ.
तब मैंने कहा- बदल तो गयी हो. अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रही हो।

पीहू बोली- झूठी तारीफ मत करिए.
तब मैंने कहा- झूठ नहीं कह रहा हूँ. सच में तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो. तुम्हें देखकर तो कोई भी पागल हो जाएगा। किसी का भी दिल तुम्हें पाने के लिए मचल जाएगा।

पीहू यह सुनकर मुस्कुराती हुई बोली- भैया, खूबसूरत तो आप भी बहुत लग रहे हैं, आपको भी कई सारी लड़कियां पसन्द करती होंगी।
मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है, मुझे तो आज तक किसी ने नहीं कहा.
तो वो बोली- डरती होंगी आपसे!
तब मैंने कहा- इसमें डरने वाली क्या बात है। जब तक कोई कहेगा नहीं … तब तक किसी के दिल का हाल कैसे पता चलेगा।

पीहू ने कहा- भैया आपकी कोई गर्लफ्रैंड है?
तो मैंने कहा- नहीं!

मैंने उससे पूछा बॉयफ्रेंड के बारे में तो उसने भी न में जवाब दिया।

पीहू ने मुझसे पूछा- भैया, आपको कैसी गर्लफ्रैंड चाहिए?
तब मैंने कहा- बिल्कुल तुम्हारे जैसी!
तो उसने कहा- मतलब?
तब मैंने कहा- तुम्हारे जैसी न ज्यादा पतली न ज्यादा मोटी! तुम्हारे जैसी खूबसूरत और जिस पर मैं तुम्हारे जितना विश्वास कर सकूं कि वो हमारी बातें किसी और से न कहे।

पीहू बोली- भैया, इस तरह की तो सिर्फ मैं हूँ. तब तो आपको मुझे ही अपनी गर्लफ्रैंड बनाना पड़ेगा. नहीं तो बिना गर्लफ्रैंड के रह जाएंगे।
तब मैंने कहा- मेरी इतनी अच्छी किस्मत कहाँ कि तुम मेरी गर्लफ्रैंड बनो।
पीहू ने कहा- आपको मुझसे अच्छी मिलेगी!
तब मैंने कहा- मुझे तुमसे अच्छी नहीं, तुम्हारे जैसी चाहिए।

पीहू ने कहा- भैया क्या आप अपनी बहन को अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहते हैं?
तो मैंने कहा- अगर मेरी प्यारी बहना को एतराज न हो तो मैं उसे गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हूँ।

पीहू ने कहा- कहीं आप भाई को तो नहीं बता देंगे कि मैं आप से ऐसे बात कर रही थी?
तब मैंने कहा- क्या मुझपर विश्वास नहीं है?
तो उसने कहा- आप पर तो मैं खुद से भी ज्यादा विश्वास करती हूँ।

मैंने पीहू से कहा- पीहू, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
तो पीहू ने कहा कि वो भी मुझसे प्यार करती है।

इसके बाद मैंने पीहू को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया। मैंने पीहू का सर अपने दोनों हाथों में लेकर उसके माथे पर एक चुम्बन किया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली.

फिर मैं उसके पूरे चेहरे पर किस करने लगा.
पीहू मदहोश हो गयी थी।

फिर मैं उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी. करीब दो तीन मिनट तक हम एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।

इसके बाद मैंने पीहू को पलट कर उसके पीछे आ गया और अपने दोनों हाथों को समीज के अंदर उसके चूचियों पर रखकर दबाने लगा और अपने होंठों से उसके गर्दन पर किस करने लगा।
पीहू ने मुझसे कहा- भैया, मम्मी कभी भी ऊपर आ सकती हैं.

तब मैं उसी तरह उसकी चूचियों को दबातें हुए उसे सीढ़ी के किनारे के पास रेलिंग तक ले आया।
वो नीचे की तरफ देख रही थी और मैं उसे किस करते हुए उसकी चूचियों को दबा रहा था।

तभी उसकी मम्मी ऊपर आने लगी तो हम दोनों एक दूसरे से अलग होकर बातें करने लगे।

उसकी मम्मी चाय लेकर ऊपर आयी थी. हम लोग चाय पीने लगे।

उसकी मां चाय देकर नीचे चली गयी तब पीहू ने कहा- भैया, आप मेरे लिए दीपावली का क्या गिफ्ट लाये हैं?
मैंने कहा- हाँ गिफ्ट लाया हूँ, बहुत ही खूबसूरत है.
तब पीहू बोली- इस समय साथ लाये हैं?
तो मैंने कहा- हाँ!
तो वो बोली- जल्दी से मेरा गिफ्ट मुझे दीजिये.
मैंने कहा- पहले अपनी आँखों को बंद करो, तब तुम्हें गिफ्ट मिलेगा।

पीहू ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और बोली- दीजिये गिफ्ट!

तो मैंने अपनी पैन्ट को खोलकर अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और पीहू के हाथों को अपने हाथ में लेकर लन्ड उसकी हाथ में दे दिया।

मेरे गर्म लन्ड का एहसास पाते ही उसने चौंक कर अपनी आँखों को खोल दिया और लन्ड अपनी हाथ में देखकर बोली- भैया, आप बहुत शरारती हो। क्या आप मेरे लिए यही लेकर आये थे?
तब मैंने कहा- गिफ्ट तो तुम्हारा घर पर है पर ये वाला भी सबसे कीमती गिफ्ट मेरी प्यारी बहन के लिए है. क्या ये वाला गिफ्ट मेरी बहन को पसंद नहीं आया?
पीहू ने कहा- ये गिफ्ट तो बहुत अच्छा है।

तो पीहू से मैंने कहा- नीचे झुककर इसे चूसो.
उसने मना कर दिया, बोली- ऐसा कौन करता है?
तब मैंने कहा- सभी करती हैं, लन्ड में से निकलने वाला माल को पीने के बाद लड़कियाँ और खूबसूरत हो जाती हैं। तुम्हें भी अच्छा लगेगा.
काफी मनाने के बाद वो लन्ड मुंह में लेने को तैयार हुई।

पीहू नीचे झुककर घुटनों के बल बैठ गयी और हाथों में मेरा लन्ड लेकर उस पर एक किस किया।
मैंने उसके हाथों के ऊपर अपना हाथ रखकर लन्ड के चमड़े को पीछे किया तो सुपारा बाहर आ गया।
अब मैंने पीहू से कहा- मुंह में लेकर चूसो.
तो वो लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।

जब पीहू मेरा लन्ड चूस रही थी तो मुझे कितना मज़ा आ रहा था यह मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

कुछ देर के बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मेरे लन्ड ने पूरा माल पीहू के मुंह में निकाल दिया। पीहू मेरा पूरा माल पी गयी पर उसके चेहरे के भाव देखकर ऐसा लगा जैसे उसका स्वाद पसन्द नहीं आया।
मैंने उससे कहा- धीरे धीरे इसका स्वाद पसन्द आने लगेगा. और मेरा माल मेरी बहन की खूबसूरती को और बढ़ाएगा।

यह सुनकर पीहू मुस्कुराने लगी.

मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा, वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने पीहू से कहा- मैं अपनी प्यारी बहन को चोद कर दीपावली मनाना चाहता हूँ. क्या मेरी प्यारी बहना अपनी चुदाई मुझसे करवाएगी?
पीहू ने कहा- भैया, आप मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं. मैं आपको रोकूंगी नहीं … पर यहाँ कुछ करने में रिस्क है।
मैंने पीहू से कहा- तुम मेरा साथ दो, मैं कोई तरकीब निकलता हूँ।

इसके बाद मैं पीहू के साथ नीचे आ गया और उसकी मम्मी से कहा- मैं पीहू को मार्केट लेकर जा रहा हूँ दीपावली का गिफ्ट दिलवाने … उसके बाद घर होते हुए आएंगे।

उसके बाद मैं पीहू को लेकर आने घर आया और उसके लिए जो कपड़े लेकर आया था, वो ले लिये और बाइक निकाल कर उसकी डिग्गी में डाल दिया।
मैंने घर पर बोल दिया कि पीहू को लेकर मार्किट जाऊंगा और उसे उसके घर छोड़ते हुए आऊंगा।

पीहू को बाइक पर बैठा कर गांव के बाहर आ गया और बाइक अपने खेतों वाली ट्यूबेल की तरफ मोड़ दिया जो एकदम सुनसान स्थान पर था।
ये देखकर पीहू बोली- भैया, आप तो मुझे गिफ्ट दिलवाने मार्केट ले जा रहे थे?
तब मैंने कहा- गिफ्ट ही दूंगा अपनी प्यारी बहन को … वो भी सबसे अच्छा वाला।

बाइक को मैंने अपनी ट्यूबेल पर खड़ी कर दिया। ट्यूबेल पर एक छोटा सा कमरा बना था जिसमें पम्पिंग सेट लगा था. उसके बगल में एक खाट पड़ी थी. जब खेतों में पानी देना होता था तो पिताजी यहीं पर सोते हैं।

मैंने ट्यूबेल का दरवाजा खोला और पीहू को अंदर कर बाइक को भी दरवाजा बंद कर लिया।

मैं कुछ देर पहले ही ट्यूबवैल पर दीये जला कर गया था. बाहर जो दीये जल रहे थे, मैं कमरे में उन्हें ले आया और कमरे में पूरा उजाला हो गया।
पीहू ने कहा- भैया, यहाँ कोई आएगा तो नहीं?
मैंने कहा- यहाँ कौन आएगा पागल इस समय … वैसे भी आज दीपावली मना रहे हैं लोग।
पीहू ने कहा- लोग दीपावली मना रहे हैं और हम …

इतने में मैंने उसे कमर से पकड़ कर खींच कर अपने सीने से लगा लिया और कहा- हम भी दीपावली को अपनी यादगार बना रहे हैं एक दूसरे से प्यार करके!

इसके बाद मैं पीहू के चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर पूरे चेहरे पर चूमने लगा. पीहू भी मदहोश होकर अपनी बांहों में मुझे कसकर पकड़ लिया।

कुछ देर मैं पीहू को ऐसे ही चूमता रहा, फिर मैंने अपने होंठों में उसके निचले होंठ को लेकर चूसने लगा. तो वो भी मेरे ऊपर वाले होंठ को चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने पीहू से कहा कि वो अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दे.
तो पीहू ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी. मैं उसकी जीभ को चूसने लगा।

कुछ देर तक उसकी जीभ चूसने के बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और वो मेरी जीभ चूसने लगी।
करीब दस मिनट तक हम ऐसे ही चुम्माचाटी करते रहे।

अब तक पीहू पूरी तरह चुदाई की मस्ती में आ गयी थी.
मैंने पीहू से कहा- पीहू, हाथ ऊपर करो, तुम्हारी कमीज उतारनी है.
तो वो बोली- भैया, मुझको शर्म आ रही है।
मैंने कहा- शर्म कैसी पागल जब भैया तुझे चोदने के लिए तैयार है और तू भैया से चुदवाने के लिए।

उसने शर्म से अपना सर मेरे सीने में छिपा लिया।

कहानी जारी रहेगी.

कहानी का अगला भाग:

Related Posts

Leave a Reply

DMCA Notice: RedHotStories.com respects the intellectual property rights of others and complies with the Digital Millennium Copyright Act (DMCA). If you believe that any content on this website infringes upon your copyright, please send a detailed notice to admin@redhotstories.com including: (1) your contact information, (2) a description of the copyrighted work you claim has been infringed, (3) the exact URL(s) of the allegedly infringing material, (4) a statement that you have a good faith belief that use of the material is not authorized by the copyright owner, and (5) a statement made under penalty of perjury that the information in your notice is accurate and that you are authorized to act on behalf of the copyright owner. Upon receiving a valid DMCA request, we will review and remove the infringing content promptly.