हॉट चाची रात को मेरे कमरे में आ गयी और दरवाजा बंद करके मुझे चूमने लगी. मैंने चाची को लिटाया और लंड उनके मुँह में देकर चूसने को कहा.
नमस्कार दोस्तो, रिश्तों में चुदाई हिंदी सेक्स कहानी के मादक पटल पर आपका राज शर्मा पुन: हाजिर है.
मेरी पिछली कहानी थी:
आज मैंने अपनी सगी हॉट चाची की चुदाई की मनोरंजक सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
दोस्तो, मैं भी आपकी तरह अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूं.
रिश्तों में चुदाई की कहानियां पढ़कर मैं पहले भी अपनी चाची की चुदाई की कहानियां लिख चुका हूं, जो आप सबने बहुत पसंद की थीं.
उसी क्रम में आपके लिए मैं आज फिर से अपनी सगी चाची की चुदाई की सच्ची घटना को सेक्स कहानी के रूप में आपके सामने रख रहा हूं.
इसमें जो गलतियां हों, उन्हें नजरअंदाज कर दीजिएगा.
जैसा कि आप जानते हैं कि मैं जब भी गांव जाता हूं, तो मौका मिलते ही मैं अपनी सगी चाची को घर में, खेत में जमकर चोद देता हूं.
अब मेरी चाची को भी मुझसे चुदवाने में मजा आने लगा है और वो खुद कोई भी चुदाई का मौका जाने नहीं देती हैं.
आजकल मैं अपने गांव आया हुआ था.
गांव में इस बार बहुत बारिश हो रही थी.
चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ था और गांव से होकर बहने वाली नदी उफान पर थी.
एक दिन गांव में दिन भर बारिश होती रही, हम सब घर में ही थे.
फिर चाचा और पापा को पास के गांव में किसी काम से जाना पड़ गया, रात को तेज बारिश शुरू हो गई तो पापा और चाचा वहीं रूक गए.
अब घर में मम्मी, चाची, उनके बच्चे और मैं ही बचे हुए थे.
रात में भी बारिश हो रही थी.
सबने खाना खाया.
फिर मैं सोने के लिए ऊपर वाले रूम में आ गया.
मम्मी और चाची अपने अपने कमरों में चली गईं.
मैं रात में नंगा लेटकर अन्तर्वासना पर रिश्तों में चुदाई पर चाची की चुदाई की कहानी पढ़ रहा था.
करीब 10:30 बजे चाची मेरे रूम में आ गईं और उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया.
चाची ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
उनको देखकर मैं खुश हो गया और फोन रख दिया.
मेरा लंड पूरा खड़ा था जिसे देखकर चाची के चेहरे पर चमक बढ़ने लगी थी.
मैं बिस्तर से उतर कर चाची के पास आ गया और उन्हें चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं और हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.
मैंने चाची को दीवार के सहारे सटा दिया और उनके होंठों पर होंठ रख दिए.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
मेरा एक हाथ चाची की चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से मसलने लगा.
कुछ ही देर में चाची पूरी गर्म हो चुकी थीं और मेरे लौड़े को सहलाने लगी थीं.
मैंने चाची को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके मुँह में लौड़ा घुसा दिया.
वो गपागप लंड चूसने लगीं.
मैं जब से गांव आया था, तब से आज चाचो को चोदने का मौका मिला था.
चाची ‘मोंहह ओंहहह …’ करके लॉलीपॉप की तरह गपागप गपागप लंड को मस्ती में चूस रही थीं.
मैंने चाची का ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार दिया.
अब चाची की रसभरी मौसम्मियां और चिकनी चूत मेरी आंखों के सामने थीं.
मैंने चाची को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी गुलाबी चूत पर होंठ रख दिए.
चाची को तो मानो जन्नत का सुख मिलने लगा था.
चाचा चाची की चुत नहीं चूसते थे.
मैं धीरे धीरे मस्ती से हॉट चाची की चुत चाटने में लगा रहा. वो आहह उहहह आहहह करने लगीं और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं.
चाची मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगीं और मैं चूत के दाने को जीभ से चूसने लगा.
कुछ ही देर में चाची की हालत बिगड़ने लगी और वो तड़पने लगीं.
मैंने चूत में काफी अन्दर तक अपनी जीभ घुसा दी और उन्हें जीभ से ही चोदने लगा.
चाची की वासना से भरी हुई सिसकारियां तेज़ होने लगीं और वो आह आह आह करने लगीं.
मैंने चाची को उठाकर 69 में कर लिया और अब उनके मुँह में लौड़ा घुसा दिया.
वो गपागप लंड चूसने लगीं और मैं उनकी चूत को जीभ से चोदने लगा.
अब चाची की टांगें हवा में उठ कर फ़ैल गई थीं और मैं चूत में अपनी जीभ को तेजी से अन्दर बाहर करने लगा था.
चाची भी कामुकता से जल्दी जल्दी लंड को चूसने लगीं.
वो बीच-बीच में लंड पर दांत भी गड़ाने लगी थीं.
मैं भी जल्दी जल्दी जीभ अन्दर बाहर करने लगा.
चाची की चूत से धीरे धीरे नमकीन पानी निकलने लगा.
मैंने चाट चाट कर पूरा पानी पी लिया.
अब मैं खड़ा हो गया और घुटनों पर बैठकर चाची लंड को चूसने लगीं.
मैं भी जल्दी जल्दी झटके लगाने लगा और चाची के मुँह को चोदने लगा.
मेरे लौड़े ने अमृत रस की पिचकारी छोड़ दी.
चाची मुँह में वीर्य लेकर गटगट करके पी गईं और लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.
चाची मेरे सीने पर हाथ फेरती हुई बोलने लगीं- राज, आज की रात तू अपनी चाची को जमकर चोदना, कितने दिन बाद आज तूने मेरा पानी निकाला है.
मैंने कहा- बिल्कुल, मैं तो जब से आया हूं यार, तुम्हें चोदने के लिए तब से ही तड़प रहा हूं.
वो खुश हो गईं.
मैंने पूछा- बच्चे और मम्मी सो गए थे न?
चाची बोलने लगीं- जीजी तो एक बार सोईं, तो समझो सीधे 5 बजे ही उठती हैं. और बच्चों को तो मैं सुलाकर ही आई हूँ.
मतलब अब पूरी रात हमें रोकने वाला कोई नहीं था.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे और मेरा हाथ चाची की चूत में था और चाची के हाथों में मेरा लंड खेल रहा था.
धीरे धीरे दोनों 69 में आकर लंड चूत चाटने लगे.
मैंने चाची को उठाकर घोड़ी बना दिया और चूत में लंड लगाकर जोर से धक्का लगा दिया.
हॉट चाची ‘ऊईई आहहह आहह …’ करने लगीं.
मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी.
मैं चाची की दोनों चूचियों को मसलने लगा और लंड अन्दर बाहर करने लगा.
अब चाची भी धीरे धीरे अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से लंड लेने लगी थीं.
मैं समझ गया था कि अब चाची पूरी तरह से तैयार हैं.
मैंने अपने लौड़े को चौथे गियर में डालकर चाची की चोटी पकड़ कर घोड़े जैसी चुदाई शुरू कर दी.
चाची आह आह आह करके अपनी गांड जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगीं.
चाची ने बताया कि पिछले 20-22 दिनों में चाचा ने एक बार भी उन्हें नहीं चोदा था.
अब मैं और जोश में आकर चोदने लगा और पीठ गर्दन पर चूमने लगा, काटने लगा.
चाची अपनी गांड जल्दी जल्दी पीछे करके लंड पर दबाव बनाने लगीं.
मैंने चाची की चूचियों को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया और झटके पर झटके मारने लगा.
कुछ देर बाद मैंने चाची को वापस बिस्तर पर लिटा दिया और ऊपर चढ़कर चूत में लंड घुसा कर सटासट सटासट अन्दर बाहर करने लगा.
वो मस्ती से अपनी टांगों को उठा कर लंड ले रही थीं.
मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे और झटके लगाने शुरू कर दिए.
अब चाची भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर लंड का मज़ा लेने लगी थीं.
मैंने चाची की हवा में उठी दोनों टांगों को पकड़ा और दे दनादन चोदने लगा.
चाची की मादक सिसकारियां बढ़ने लगीं और वो ‘उईई ऊईईई आह आह …’ करने लगीं.
पैर पूरी तरह से खुल जाने से चाची की चूत भी खुल गई थी और लंड सीधा अन्दर बच्चेदानी तक मार कर रहा था.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने काटने लगे थे.
चाची का शरीर गर्म हो गया था. चाची आह आह आह करके मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाने लगीं.
मैंने लंड की रफ़्तार बढ़ा दी और जल्दी जल्दी अन्दर तक पेलने लगा.
आखिर में चाची की चूत ने धार छोड़ दी, पानी लंड के साथ बाहर बहने लगा.
मैं पूरा का पूरा चाची के ऊपर लद सा गया और रगड़ मारते हुए जल्दी जल्दी चोदने लगा. मेरा लंड बच्चेदानी तक जाने लगा था.
मेरा हर झटका चाची को हिला दे रहा था.
तभी मेरा स्खलन शुरू हुआ और तीव्र झटकों के साथ मेरे लंड ने बच्चेदानी तक वीर्य भर दिया था.
चाची का ऑपरेशन हो चुका था तो कोई दिक्कत नहीं थी.
मैं लंड अन्दर डालकर चाची के ऊपर चिपक कर लेट गया.
थोड़ी देर बाद मैं उठकर बगल में लेट गया.
चाची मुझसे पूछने लगीं- इस बार गुड़गांव में किसे किसे चोदा?
मैंने बताया कि बबलीबुआ और उसकी एक सहेली भाभी को.
उसके अलावा मैंने चाची को अपनी नई मकान मालकिन ललिता भाभी के बारे में भी बताया कि वो बिल्कुल आपकी याद दिला देती है.
चाची बोलीं- तभी आजकल तुझे मेरी बिल्कुल याद नहीं आती.
मैंने कहा- ऐसा नहीं है चाची, तुम तो मेरी जान हो.
मैं चाची के होंठों को चूसने लगा.
वो भी साथ देने लगीं.
फिर चाची बोलीं- आज की रात तू सबको भूल जा और अपनी चाची को जमकर चोद दे मेरे बेटे. मैं कितनी किस्मत वाली हूं कि मुझे तेरे जैसा भतीजा मिला.
अब तक मेरी नज़र चाची की गांड पर आ गई थी और चाची भी समझ चुकी थीं.
दोस्तो, जितना मज़ा मुझे गांड चोदने में आता है, मेरी चाची को उससे ज्यादा आता है.
चाची चुपचाप जाकर तेल की डिब्बी उठा लाईं और मुझे देकर बोलीं- ले कर ले अपने मन की … और आज जमकर चोद डाल साली मेरी गांड को भी … बहुत कुलबुलाती है.
ये कह कर चाची हंसने लगीं.
मैंने चाची को घोड़ी बनाया और गांड में तेल लगाकर छेद को ढीला कर दिया. साथ ही लंड को तेल में भिगो दिया.
चाची की कमर पकड़ कर लंड गांड के छेद पर रगड़ने लगा.
वे बोलीं- अब किसका इंतज़ार कर रहा है, घुसा दे.
चाची के बोलते ही मैंने जोर का धक्का लगा दिया.
पूरा लंड एक बार में अन्दर चला गया.
चाची दर्द से ‘आहहह आह आहहह …’ करने लगी और मैं लंड को अन्दर बाहर अन्दर बाहर करके धक्के लगाने लगा.
मैंने चाची की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया.
वो अपनी गांड अब आगे पीछे आगे पीछे करने लगीं.
चाची की गांड और मेरे लंड ने दोस्ती कर ली थी.
मैंने अपनी स्पीड और चाची ने अपनी बढ़ा दी और थप थप थप की आवाज़ तेज हो गई.
मैं चाची की गर्दन पीठ पर चुम्बन करने लगा, उनकी चूचियां दबाने लगा और वो भी मादक आवाज में चिल्लाने लगीं.
“आह आह बेटा और तेज और तेज … अपनी चाची को और चोद … आह आहहह चोद चोद.”
चाची की सिसकारियां मेरा जोश और बढ़ाने लगीं और ‘थप थप आआह आह आहह …’ की आवाज के साथ हम दोनों जबरदस्त चुदाई का मज़ा लेने लगे.
मैंने चाची को उठाकर दीवार के सहारे झुका दिया और चोदने लगा.
चाची की गांड में लंड अन्दर बाहर होने लगा और उनकी चूचियां हवा में झूलने लगीं.
चाची किसी रंडी की तरह आह आह करके हंस हंस कर अपने भतीजे से अपनी गांड चुदाई का मज़ा ले रही थीं.
मैंने चाची को बिस्तर पर झुका दिया और ऊपर चढ़कर चोदने लगा.
चाची ‘और तेज और तेज तेज …’ चिल्ला रही थीं. मैं भी झटके पर झटके लगा रहा था.
कुछ देर बाद वापस बिस्तर पर लाकर चाची को घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
मैं उनकी चोटी पकड़ कर चोद रहा था.
वो मजा लेते हुए कह रही थीं- बेटा और चोद … फाड़ दे अपनी चाची की गांड … आंह और चोद मेरे बेटे.
मैं भी अपनी चाची को जमकर चोद रहा था और थप्प थप्प की आवाज के साथ अब मेरी सिसकारियां निकलने लगी थीं.
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और झटके लगाने लगा.
चाची की गांड में मेरा लंड ज़बाब देने लगा था.
तभी एक तेज पिचकारी से मेरे लंड ने चाची की गांड को वीर्य से भर दिया.
चाची उल्टी ही लेट गईं और मैं भी थक कर उनके ऊपर गिर गया.
हम दोनों बिल्कुल थक चुके थे और पसीने से भीग गए थे.
थोड़ी देर में दोनों अलग हो गए और एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.
लंड चूत आराम करने लगे.
हम दोनों बातें करने लगे और दोनों को नींद आ गई.
सुबह 5 बजे मम्मी चाची को आवाज देने लगीं.
मुझे लगा कि आज हम दोनों फंस जाएंगे.
चाची ने रूम से बाहर निकल कर मम्मी से कहा- जीजी, मैं छत की सफाई कर रही हूं, कुछ काम है क्या?
मम्मी बोलीं- नहीं, मैं खेत जा रही हूं.
चाची जैसे ही वापस आईं, मुझे देखकर हंसने लगीं.
मैंने कहा- मेरी तो गांड फट गई थी. मम्मी आ जाती तो क्या होता?
चाची बोलने लगीं- जीजी नहीं आतीं … और वो अब 8 बजे से पहले खेत से नहीं आएंगी.
मैंने कहा- चाची, तुम नंगी ही बाहर क्यों गई थीं, मम्मी देख लेतीं या नीचे बुला लेतीं तो?
चाची बोलने लगीं- राज, तेरी इतनी गांड क्यों फटती है? मैं जानती हूं जीजी को … वो नहीं बुलातीं और मैं बाहर जाकर बात नहीं करती, तो फिर वो जरूर ऊपर आ जातीं.
मैंने चाची को बिस्तर पर खींच लिया और उनकी चूचियों को चूसने लगा.
वो बोलीं- अभी गांड फट रही थी और अब शुरू हो गया.
मैं चुपचाप चूचियों को चूसने लगा और चाची की चूत में अपनी उंगली से मालिश करने लगा.
चाची ने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगीं.
मैंने चूत में उंगली अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और चूचियों को काटने लगा.
अब चाची जल्दी जल्दी लंड को हिलाने लगीं, लंड तनकर खड़ा हो गया.
चाची उठकर लंड को चूसने लगीं, वो दोनों हाथों से पकड़ कर लंड को ऐसे चूस रही थीं जैसे आईसक्रीम को खाते हैं.
अब जैसे जैसे चाची लंड को चूस रही थीं, लंड बिल्कुल टाइट होता जा रहा था.
फिर चाची मुझे लिटा कर चूत रखकर लंड पर बैठ गईं, लंड सनसनाता हुआ अन्दर समा गया.
मेरे दोनों हाथ चाची की चूचियों पर आ चुके थे और चाची धीरे धीरे लंड पर उछलने लगी थीं.
अब जैसे जैसे मैं चूचियों को दबाने लगा, चाची की रफ्तार अचानक से तेज होने लगी और वो आह आह करके लंड पर मस्ती से कूदने लगीं.
चाची की चूत लंड को पूरा अन्दर समाने लगी थीं.
उन्होंने अपने होंठों को मेरे होंठों पर लगाया और चूसने लगीं.
चूत लंड का खेल अपने चरम पर पहुंच गया.
थप थप थप की आवाज़ गूंजने लगी.
धीरे धीरे उजाला होने लगा और मेरी नंगी चाची अपने भतीजे के लंड की सवारी कर रही थीं.
चाची के दोनों हाथ हवा में उठे हुए थे और उनके चूचे उछल उछल कर मेरे लंड को बेहद सनसनी दे रहे थे. चाची एकदम किसी पोर्न ऐक्ट्रेस सा लुक दे रही थीं.
मेरे इशारे पर चाची ने अपनी चूचियां नीचे कर दीं और मैं बारी बारी से उनकी दोनों चूचियों के चूचुकों को अपने होंठों से दबाकर खींचने लगा.
कुछ देर बाद मैंने चाची को लंड से उतार कर घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद लंड गांड में घुसा दिया और तेजी से झटके लगाना शुरू कर दिया.
चाची अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से आह आह करके गांड चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं.
अब मैंने फिर से लंड चूत में डाल दिया और चोदने लगा.
चाची की चूत और गांड दोनों लाल हो गई थीं.
मैंने चाची को सीधा लिटा दिया और ऊपर चढ़कर चोदने लगा.
एक दूसरे को चूमने लगे.
अब दोनों की चुदाई अंतिम चरण पर पहुंच गई थी और हर झटके से दोनों की आहहह आह की आवाज तेज होती जा रही थी.
एकाएक चाची की रफ्तार बढ़ने लगी. उनकी चूत ने रस निकाल दिया. मेरा लंड रस में भीगकर अपनी चाची को सुख दे रहा था.
तभी एक तेज झटके के साथ मेरे लंड ने भी ज्वालामुखी छोड़ दिया और लंडरस से चाची की चूत भर गई.
हम दोनों का रज व वीर्य मिलकर बाहर बहने लगा.
थोड़ी देर बाद हॉट चाची उठीं और अपने पेटीकोट से दोनों को साफ करने लगीं और ऐसे ही नंगी नीचे चली गईं.
मैं नंगा ही अपने कमरे में सो गया.
सुबह दस बजे चाची मेरे कमरे में आईं और बोलीं- अब जाग जाओ, जीजी खेत से आ गई हैं और नीचे बुला रही हैं.
मैं चाची को पकड़ कर चूमने लगा.
दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और थोड़ी देर में मैं कपड़े पहनकर उनके साथ नीचे आ गया.
इस तरह उस रात को मैंने और चाची ने जमकर चुदाई की.
आपको मेरी हॉट चाची की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट्स जरूर करें.