कलीग हॉट ऑफिस सेक्स कहानी मेरे दफ्तर में काम करने वाली एक भाभी के साथ सेक्स की है. काम के पहले दिन ही वह मुझे घूरने लगी थी. मैं उसकी कामुक दृष्टि पहचान गया था.
मित्रो, आप सब कैसे हैं … उम्मीद है कि सब मस्त होंगे.
मेरा नाम साहिल है. अपनी प्राइवेसी के लिए मैंने नाम बदला है कलीग हॉट ऑफिस सेक्स कहानी में!
पहले मैं अपने बारे में बता देता हूँ. मैं गुजरात राज्य से हूँ और आनंद शहर से हूँ.
मैं दिखने में स्मार्ट और लुभावना हूँ और शायद इसीलिए हर कोई मुझे लाइन मारने में लग जाती है.
मेरी उम्र 22 की है … और हां मेरा लंड 7 इंच का है. मैंने अब तक 11 लड़कियों और औरतों को चोदा है.
लेकिन यही किस्सा मुझे अब तक याद है … क्योंकि ये कहानी मेरे जीवन का टर्निंग पॉइंट है.
तो चलिए जो आप जानना चाहते हो, वो में आप लोगों को बता ही देता हूँ कि मुझे उस समय कितना मजा आया.
यह बात तब की है, जब कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था और सरकार ने लॉकडाउन जारी किया था.
मेरी पढ़ाई पूरी होने वाली थी और कोरोना के चलते सब कुछ ठप था तो मैं भी असहाय था.
मैंने सोचा कि कुछ जॉब करना शुरू कर देता हूँ.
तो मैंने अपने दोस्त को कॉन्टेक्ट किया. उसने मुझे एक कंपनी बताई कि वहां जगह खाली है.
यह कंपनी कोरोना में राहत पहुंचाने का काम कर रही थी.
मैंने इंटरव्यू दिया और अगले दिन मुझे नौकरी पर जाने का आदेश मिल गया.
ऑफिस में जाकर मैंने देखा, तो वहां दो लड़कियां, तीन औरतें और दो आदमी काम कर रहे थे. मैं अब उन सभी के साथ काम करने वाला था.
मैंने ऑफिस में आकर सभी से नमस्ते की और उन्हें अपने बारे में बताया.
मैंने देखा कि सारी औरतों और लड़कियों में से एक औरत मुझे कुछ ज्यादा ही घूर कर देख रही थी.
उस वक्त मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
बाद में मैंने देखा वो सेक्सी माल जैसी थी. उसका साइज़ 34D-28-36 का था.
कुछ ही देर में मुझे जाने क्या हुआ कि मेरे अन्दर कामवासना घर करने लगी और वो महिला मुझे एक चोदने लायक माल लगने लगी.
चूंकि मैं उस वक्त नया नया था और मुझे अभी ज्वाइन हुए दो घंटे भी नहीं हुए थे.
इतनी जल्दी ये सब सोचना मेरे लिए अनुचित था.
तो मैं बाथरूम गया और खुद को शांत करके बाहर आ गया.
जब मैं बाहर आया तो मेरी नजर फिर से उसी की तरफ चली गई और मैंने पाया कि वो साली मुझे ही ऐसे देख रही थी मानो वो सब समझ गई हो कि मैं बाथरूम में क्या करने गया था.
मैंने अपनी नजरें हटाईं और अपनी सीट पर जाकर बैठ गया.
इस तरह से मेरा ऑफिस में आना जाना शुरू हो गया.
वो दूसरे डिपार्टमेंट की इंचार्ज थी तो उससे मेरी बहुत कम बात होती थी.
फिर एक दिन जब लंच टाइम चल रहा था तो मैं वाशरूम से निकल रहा था.
उसी समय उसका अन्दर जाना हो रहा था और अचानक से मैं उससे टकरा गया.
उस वक्त उसके हाथ में पानी की बोतल थी. मेरे टकराने के कारण वो बोतल का पानी उसी के ऊपर गिर गया.
उस वक्त मुझे लगा कि सिर्फ थोड़ा सा पानी ही गिरा है लेकिन जब ध्यान से देखा तो पूरी बोतल खाली थी.
सारा पानी उसके शरीर पर था.
मैंने देखा कि उसके शरीर पर अब पानी गिर जाने से उसके कपड़े भीग कर उसी के बदन से चिपक गए थे.
सच बता रहा हूँ वो उस समय इतनी सेक्सी औरत लग रही थी कि मैं बयान नहीं कर सकता.
उसी वक्त मेरे पैंट से मेरा लंड बाहर आने को तरस रहा था.
उस वक्त वो भी मेरी पैंट की तरफ ही देख रही थी.
मुझे थोड़ी शर्म आने लगी इसलिए मैं वहां से निकल गया.
इस घटना के बाद ही वो मुझे अजीब सी निगाहों से देखने लगी.
थोड़े दिन बाद उसे मुझसे कुछ काम करवाना था तो उस दिन पूरा दिन मैं और वो काम करते रहे.
काम के दौरान उससे बातें भी हो रही थीं.
बातों ही बातों में मैंने उसके बारे में पूछ लिया.
उसका नाम श्रुति था और उसका पति एक सरकारी नौकरी करता था.
वे दोनों अकेले रहते थे.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे से बहुत सारी बातें शेयर की.
जैसे जैसे समय बीता, हम एक दूसरे के करीब आते गए.
अब हम दोनों एक दूसरे से काफी घुल मिल गए थे और हर तरह की बात शेयर करने लगे थे.
उसकी बातों से मुझे कई बार लगता था कि वो अपने पति से नाखुश है.
कई बार मैंने उसे उदास बैठे देखा तो मैं उससे बात करने चला जाता था.
वो मेरे आते ही बहुत खुश हो जाती थी.
कुछ दिन बाद ऐसा हुआ कि ऑफिस के सभी लोगों को बाहर जाना था.
सिर्फ मुझे ही ऑफिस में रहने की बात कही गई थी.
उन सबको सारे दिन के लिए किसी प्रोजेक्ट के लिए जाना था और शाम को देर से वापस आना था.
मैं रुका रह गया और सब लोग चले गए.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि श्रुति वापस आ गई थी.
मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ, तुम वापस क्यों आ गईं?
उसने कहा- मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए मैं वापस आ गई.
मैंने कुछ नहीं कहा और वो मेरे केबिन में ही बैठ गई.
वह कुछ सोच रही थी और उसके चेहरे पर उदासी छाई थी.
मैंने उसके करीब जाकर उससे पूछा- मैं एक बात बहुत दिन से नोटिस कर रहा हूँ कि तुम कुछ टाईम से कुछ ज्यादा ही उदास रहती हो, ऐसा क्यों है!
पहले तो उसने कुछ नहीं बोला.
मेरे काफी जोर देने के बाद वो बोली- मैं अपने पति से नाखुश हूँ क्योंकि मेरा पति हमेशा अपने दोस्तों के साथ सारी सारी रात घूमता रहता है. कई बार तो रात को घर ही नहीं आता है और कोई बात करो, तो ढंग से बात तक नहीं करता है.
ऐसा कह कर वो फफक फफक कर रोने लगी और मुझे गले से लगा कर जोर जोर से रोने लगी.
मैंने भी उसे हग कर लिया … लेकिन उसका रोना अब भी चालू था.
अब मैंने पहले हाथ बढ़ा कर दरवाजा बंद किया ताकि उसके रोने की आवाज बाहर न जाए.
उसके मेरे सीने से चिपके होने की वजह से उसके बूब्स मेरे शरीर से दबे जा रहे थे.
ये अहसास करते ही एक बार को तो मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई.
फिर मैंने खुद को संभाला और उसकी पीठ पर हाथ रख कर उसे सहलाने लगा था.
पता नहीं क्यों … उसे मेरे हाथ से सहलाना अच्छा लग रहा था.
वह और जोर से मेरे सीने से चिपक गई थी.
अब मैंने महसूस किया कि उसका हाथ धीरे धीरे मेरे शरीर पर चलने लगा था.
ये महसूस करते ही मैं एकदम से गनगनाने लगा और मेरे हाथ भी उसको अपने आगोश में खींचने लगे.
उस वक्त हम दोनों धीरे धीरे गर्म हो रहे थे.
अचानक मुझे न जाने क्या हुआ कि मैंने उसकी गर्दन पर किस कर दिया.
यह देखते ही उसने खेल आगे बढ़ा दिया और वह मेरे लंड पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगी थी.
एक बार लंड पर उसका हाथ आया तो मैं बिंदास हो गया और अब मैंने उसके होंठों पर किस कर दिया.
सच में बहुत रसीले होंठ थे उसके … क्या बताऊं एकदम से मुझे करंट सा लगने लगा था.
अब वह मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उसकी गांड दबा रहा था.
हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़े हुए थे.
फिर हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.
वह मेरे आधे कपड़े तो फाड़ ही देती अगर मैं उससे ना बोलता कि अभी हम लोग ऑफिस में हैं … ये घर नहीं है.
मेरी तरफ देख कर वह मुस्कुराने लगी.
मैंने उसके बूब्स को ऊपर से दबाना शुरू कर दिया.
बड़े ही मस्त बूब्स थे उसके … मैं उसके मम्मों को जोर जोर से चूसने लगा.
एक दो बार तो काट भी लिया.
वो सिहरी जा रही थी.
उसने मेरे सारे कपड़े उतारने के बाद मेरे लंड को ध्यान से देखा और अपने होंठों पर जीभ फिराने लगी.
अगले ही पल वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा थी.
मेरा लंड धीरे धीरे कड़ा होने लगा
लंड औकात में आ गया था और उसे पूरा लंड चूसने में दिक्कत हो रही थी. फिर भी वो चूस रही थी.
करीब 10 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने उसके मुँह में ही रस झाड़ दिया.
वह मेरा वीर्य खा गई.
अब मैंने उसे कुर्सी पर बिठा दिया और उसकी चूत के पास आकर देखा.
उसकी चूत एकदम चिकनी चमेली थी, झांट का एक बाल नहीं था.
वह इतरा कर बोली- मुझे क्लीन पसंद है.
मैंने चूत में जीभ डाली.
वह चिल्ला उठी- आह आह!
मैंने अनसुना कर दिया.
उसकी मस्त रसीली चूत थी. मैं पूरी जीभ डाल कर चूस रहा था और वह भी अपनी दोनों टांगें हवा में फैलाए हुए मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए जा रही थी.
सच में बहुत मजा आ रहा था.
अचानक से वो अकड़ने लगी और झड़ने वाली थी.
मेरा मुँह उसकी चूत के ऊपर ही लगा था. वह मेरे मुँह में ही झड़ गई.
मस्त रसीला नमकीन स्वाद था. मैं उसकी चूत के रस का टेस्ट अब तक नहीं भूला.
अब चुदाई की बारी थी.
पहले मैंने उसकी चूत पर अपना 7 इंच का लंड रगड़ा तो वो सहम गई.
मैंने उसकी चूत के आस पास लंड का सुपारा रगड़ा तो वह बोली- ये क्या कर रहे हो. अब चोद दो मुझे … रहा नहीं जाता मुझसे!
मैंने इसी पोज में लंड उसकी चूत में डाल दिया.
पहली बार में ही वो चिल्ला उठी उसकी आंख से आंसू निकलने लगे.
मैंने भी लंड बाहर निकाला और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाने लगा.
जल्द ही उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकल गया था, इसलिए छप छप की आवाज पूरे ऑफिस में सुनाई दे रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके बाल अपने हाथ में पकड़ कर उसे चोदने लगा.
वो घोड़ी बनी हुई बड़े प्यार से चूत चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद हमने फिर से पोज बदला.
अब वो मेरे लौड़े की सवारी कर रही थी.
इस पोज में उसकी चूचियां मुझे रस पिला रही थीं और मैं गांड उठा उठा कर उसे चोद रहा था.
कई पोज में चुदाई चली.
ये कलीग हॉट ऑफिस सेक्स काफी देर तक चला. फिर झड़ कर चिपक गए.
अब ऑफिस वाले आने वाले थे तो हम अलग हुए लेकिन हम दोनों में से किसी का भी मन नहीं भरा था.
हम दोनों ने कपड़े पहने और आखिर में एक किस किया.
वह अपने केबिन में चली गई लेकिन जाते जाते बोली- आज रात घर आ जाना, पति घर पर नहीं है.
मैं तो खुशी के मारे झूम उठा.
उस रात हम दोनों ने 4 बार चुदाई की.
अगली सुबह उसकी चाल ठीक नहीं थी, वो टांगें फैला कर चल रही थी.
पता नहीं क्यों मुझे उसे ऐसा देख कर बड़ा मजा आया.
आप लोगों को ये कलीग हॉट ऑफिस सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट में बताना मत भूलना.
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