अहमदाबाद की प्यारी लड़की की मादक चुदाई की यादें

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क्यूट गर्ल गुजरती सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे ऑफिस में एक नई लड़की आयी तो वह मेरी पुरानी दोस्त निकली. उसके साथ मैंने कई साल पहले सेक्स किया था. उसका वो पहली बार था.

दोस्तो, मैं अर्पण आप सभी का अपनी इस सेक्स कहानी में हार्दिक स्वागत करता हूँ.

मैं अहमदाबाद गुजरात का रहने वाला हूँ और एक सॉफ़्टवेयर कंपनी में जॉब करता हूँ.

आज मैं आपको अपने जीवन के अनुभव के बारे में बताना चाहूँगा.
हर एक व्यक्ति के निजी जीवन में कुछ ना कुछ रहस्य होते ही हैं.
यह बात तब की है, जब मैं कॉलेज कंप्लीट करके जॉब करने लगा था.

शुरू शुरू में नई नई नौकरी लगी थी तो जोश भी काफी था. जिंदगी में कुछ करने का, आगे बढ़ने का मंसूबा था.
मैं अपने काम पर ही ज़्यादा फोकस करता था. इससे मेरे लीडर मुझसे बहुत प्रभावित थे और मेरे सहयोगी मुझसे जलते थे.
पर मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था.

एक दिन मेरे ऑफिस में एक नयी लड़की ने जॉइन किया था. उसका नाम वंदना था.
हमारी कंपनी में अगर कोई जॉइन करता है तो सबको मेल आता है कि कौन से डिपार्टमेंट में वह नया बंदा जॉइन हुआ है.

मैंने मेल पढ़ा और कुछ साल पहले के ख्यालों में खो गया, जब मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में था. उधर मुझे एक लड़की मिली थी.
उस टाइम पर हम फ्लैट में रहते थे.

हमारे यहां फ्लैट में मिला-जुला कल्चर होता था, जिसमें हर एक घर में मिलना जुलना, खाना पीना, एक घर से दूसरे घर में आना जाना लगा रहता था.
हमारे फ्लैट के ऊपर एक फैमिली रहती थी, जिनके साथ हमारा घर जैसा रिश्ता था.

उनकी एक लड़की थी तमन्ना. वह मेरी बेस्ट फ्रेंड थी.
हम दोनों एक साथ पढ़ते, बाहर जाते, अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करते थे.

एक दिन तमन्ना के घर एक लड़की आई हुई थी.
मैं उसके घर गया, तो उसे देखा था.

वह एकदम सीधी सादी सी लड़की थी.
उसका फिगर 30-28-32 का रहा होगा. घुँघराले सी बाल थे, दूध सी गोरी चिट्टी लड़की थी.

तमन्ना ने बाद में उससे मेरा इंट्रो करवाया.
उसने बताया कि वह उसकी कॉलेज में पढ़ती है और पास ही की सोसाइटी में रहती है.

हम दोनों ने थोड़ी बहुत बात की, बाद में वह चली गई.
उसके बाद वह हर रोज आती जाती रहती. और हम सब मिलकर हंसी मज़ाक करते और बातें करते.

एक दिन की बात है, मेरे घर वाले सब गांव गए हुए थे, तो मेरा खाना पीना तमन्ना के घर ही था.
दोपहर का समय था, तो जनरली फ्लैट में सब दोपहर को खाना ख़ाकर सो जाते थे.

मैं भी तमन्ना के घर गया हुआ था. खाना ख़ाकर पढ़ाई कर रहा था.
तभी डोर बेल बजी.

तमन्ना किचन में काम कर रही थी तो उसने मुझे चैक करने को बोला.
मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सामने वंदना थी.

वह मुझे देख कर कुछ सकपका सी गयी और खुश भी हुई.
मैंने उसे अन्दर बुलाया.

वह अन्दर आई, उतने में तमन्ना भी आ गई.

फिर तमन्ना ने बताया कि वंदना को कंप्यूटर में एक्सेल सीखना है तो वह सीखने आई है. वैसे भी तेरा रीडिंग वेकेशन चल रहा है, तो मैंने सोचा तुझसे मिलवा देती हूँ.

मैंने उसे मेरे घर चलने को बोला तो वह तुरंत राज़ी हो गई.
मैं वंदना और तमन्ना मेरे घर आ गए.

मैंने कंप्यूटर ऑन करके सिखाना शुरू कर दिया.
तकरीबन आधा घंटा हुआ कि तमन्ना बोली- मैं घर जा रही हूँ, तुम लोग जारी रखो. मैं बाद में आती हूँ.

अब हम दोनों घर पर अकेले थे.
थोड़ी देर बाद वंदना ने ब्रेक लेने को बोला.
मैंने बोला- ठीक है.

फिर मैंने वीडियो सॉन्ग शुरू किए, उसमें ‘आशिक बनाया आपने …’ वाला गाना आया.
मैंने देखा कि वंदना उस गाने को बड़े ध्यान से देख रही थी.

थोड़ी देर बाद वह मुझसे बोली- तुमने मर्डर मूवी देखी है.
मैंने कहा- हां देखी है.

बाद में उसने कहा- उसमें इमरान हाशमी और मल्लिका का एक सीन है. वह तुमने देखा है?
मैं बोला- ऑफ कोर्स देखा है.

यह सुनते ही उसकी आंखों में एकदम सी चमक आ गई.
फिर वह बोली- उनको ये सब करते शर्म नहीं आई होगी!
मैंने बोला- इसमें शर्म की क्या बात है?

यह सुनते ही वह कुछ बोली नहीं.
फिर मैंने उससे पूछा- अगर तुम उसकी जगह पर होती, तो तुम्हें शर्म आती?

वह नज़रें झुका कर शर्म से नीचे देखने लगी और हल्का सा हंसने भी लगी.
मुझे न जाने क्यों ऐसा लगा कि ये ग्रीन सिग्नल है.

मैं धीरे से उसके पास जाकर बैठ गया.
फिर मैंने उसके एक हाथ को मेरे हाथ में लिया और धीरे से दबाने लगा.
इससे वह सिहर सी गई और तेज़ आहें भरने लगी.

फिर मैंने उसके सलवार कुर्ते के दुपट्टे को हटा दिया और उसके होंठों को चूमने लगा.
पहले तो उसने थोड़ा विरोध किया, पर वह भी साथ देने लगी.

उसके बाद मैंने उसकी हेयर पिन निकाल दी और गले के आस-पास किस करने लगा.
जब भी मेरी गर्म सांस उसके गले पर पड़ती, उसे गुदगुदी सी होती.

कुछ देर बाद मैंने उसकी कुरती को मैंने निकाल दिया.
उसके छोटे छोटे दूध मेरे सामने पिंक कलर की ब्रा के अन्दर क़ैद दिख रहे थे.

मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें धीरे धीरे मसलना शुरू किया.
उसके मुँह से अजीब सी आवाजें आना शुरू हो गईं ‘सस्स्स्स्स् अहह …’

यह सब देख कर मुझे भी जोश चढ़ने लगा था.

मैंने उसकी ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया.
अब उसके दूध मेरे सामने खुले पड़े थे.

मैंने एक दूध को हाथ से दबाना शुरू किया और दूसरे दूध के निप्पल को चूसना.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसके पिंक निप्पल पर फेरना शुरू किया, वह उत्तेजित हो गई.

उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया.
उस समय मुझे ऐसा लगा मानो मैं कोई सपना देख रहा हूँ.
पर यह तो हक़ीकत थी.

फिर मैंने उसे अपनी बांहों में उठा लिया और उसे अपने बेडरूम में ले गया.

कमरे में जाते समय वह मुझे लिपकिस कर रही थी.
उसकी आंखों में कुछ अजीब सा नशा छा गया था.

मैं उसकी आंखों की गहराइयों में खो गया था.
उसे मैंने धीरे से बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर छा गया.

अब मैंने फिर से उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
उसके बाद धीरे धीरे मैं नीचे आने लगा.

अपने चुंबनों से मैं उसके पूरे बदन को भिगोने लगा.
पहले उसके दोनों मम्मों को चूमा, फिर धीरे धीरे उसके पेट के ऊपर आया.

मैंने उसकी नाभि को देखा. एकदम गोल और गहरी नाभि … और उसमें एक छोटा सा तिल.

गोरे गोरे बदन पर ये सब देखने के बाद तो कोई मुर्दा भी उठ खड़ा हो जाए.
मैंने उसके पेट पर और उसकी नाभि के आस पास प्यार से टच करना शुरू किया.

इससे उसका पेट हिलने लगा, गुदगुदी के कारण वह थोड़ी आहें भरने लगी और मुँह से आवाजें निकालने लगी.
‘अहह … इसस्स्स्स्स् … अम्म्म्म …’
इस सबसे मुझमें जोश भरने लगा था.

उसके बाद मैंने धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खोलना शुरू किया और जैसे ही में नाड़े की गांठ के आखिरी बंद पर पहुंचा, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.
वह मुझे मना करने लगी. पर वह भी आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी थी, तो बाद में वह मान गई.

अब मैंने उठ कर उसकी सलवार निकाल दी.
उसने एक पैर मेरे कंधे पर रख दिया

मैंने उसके पैर के अंगूठे को चूमना चाहा, तो उसने मेरे सीने पर हल्की सी ठोकर मारी.
मैं थोड़ा पीछे हुआ.

बाद में मैं उसके ऊपर चढ़ गया. उसे कस कर मैंने अपनी बांहों में क़ैद कर लिया.
अब वह मेरे सीने पर किस करने लगी.

मैंने उसकी आंखों में देखा.
उसने भी मेरी आंखों में देखा.

हम दोनों वासना के नशे में डूब चुके थे.

अब मैंने उसकी पैंटी को निकाल दिया और साथ में अपने कपड़े भी उतार दिए.
वह मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थी.
एक गोरा और बेदाग बदन … जो रात के अंधेरे में भी चमक उठे.

ये देखकर तो मेरा खुद पर से कंट्रोल चला गया.

मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया तो वह देखकर पहले तो हैरान हो गई क्योंकि उसके कभी ऐसा कुछ देखा नहीं था.

मैं अपने लंड के बारे में बात करूँ, तो लंड महाराज जी सामान्य से लंबे और ढाई इंच मोटे हैं.

यह रूप देखकर वह सोचने लगी कि इस हथियार की पार्किंग मेरी छोटी सी चूत में कैसे हो पाएगी?
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने बोला- कुछ नहीं!

फिर मैंने लंड को मुँह में लेने का इशारा किया तो वह मना करने लगी.
मैंने भी उससे कोई ज़बरदस्ती नहीं की.

अब मैं उसकी चूत के पास झुक गया और एक गहरी सांस लेकर उसकी मदमस्त कर देने वाली महक को सूंघा.

दोस्तो … उसकी चूत का वर्णन आपको भी सुनाता हूँ.
एकदम कसी हुई, लाइट पिंक कलर की फूली सी और बिना बालों वाली चुत … उसे देख कर तो किसी को भी चाटने का मन कर जाए.

मैंने भी उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए और उसे धीरे धीरे चाटने लगा.

अब वंदना की हालत बिगड़ने लगी थी.
वह अपनी कमर कभी ऊपर नीचे, तो कभी दाएं बाएं कर रही थी और सिहरती हुई मुँह से धीमी आवाज कर रही थी ‘अहह … उम्म्म्म …’

मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला तो देखा ये तो अभी तक पैक ही थी.
यानि मैं ही ओपनिंग बैट्समेन था.
आज मैं अपनी किस्मत को बहुत धन्यवाद कर रहा था.

मैंने अब उसे सही पोजीशन में लिटाते हुए उसकी गांड के नीचे तकिया रखा जिससे चुदाई की सही स्थिति हो जाए.

अब बारी थी चूत की ओपनिंग सेरेमनी की.

मैंने उसकी चूत पर लंड रख कर धीरे धीरे घिसना शुरू किया.
इससे वह और ज़्यादा उत्तेजित हो उठी.

मैंने धीरे धीरे लंड को चूत में उतारना शुरू किया, पर वह फिसल गया. मैंने फिर से कोशिश की.
पर दो तीन बार करने पर भी नाकामयाबी ही हाथ लगी.

अब मैंने ड्रॉवर में से क्रीम निकाली और लंड चूत के ऊपर लगा दी.
दोबारा से मैंने उसके पैरों को मेरे कंधों पर रख दिया और लंड को चूत पर सैट कर दिया.

वंदना अभी अपनी आंखें बंद की हुई पड़ी थी.
मैंने धीरे धीरे लौड़े का दबाव बढ़ाना शुरू किया.

जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था, वंदना दर्द से कराह रही थी ‘आहह … आहह …’

मैंने तभी एक ज़ोर से झटका दिया, तो लंड दो इंच अन्दर चला गया और वंदना मुझसे खुद को छुड़वाने के लिए धक्के देने लगी.
पर मैंने उसे कसके पकड़ रखा था.

थोड़ी देर बिना कुछ किए मैं ऐसा ही पड़ा रहा.
उसके बाद मैंने वापिस से धक्का लगाया, तो इस बार पूरा लंड पार्किंग एरिया में घुस गया था.

वंदना छटपटाने लगी और रोने लगी.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ को कसके पकड़ लिया.

उसकी चूत से अब खून आने लगा था.
हम थोड़ी देर बिना कुछ किए ऐसे ही पड़े रहे.

फिर जैसे ही सब नॉर्मल हुआ, तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया.

अभी भी वंदना को दर्द तो हो रहा था पर उसके चेहरे पर अब खुशी का भाव झलक रहा था.

जब मैं उसकी चूत को चाट रहा था, तब वह एक बार झड़ चुकी थी तो वह अभी जल्दी में नहीं थी.

थोड़ी देर चुदाई के बाद उसने मुझे अचानक कसके पकड़ लिया और कुछ सेकण्ड के बाद एकदम नॉर्मल हो गई.

वह मुझे देखकर हल्की सी स्माइल दे रही थी.
उसके मुँह पर संतुष्टि वाला भाव दिख रहा था.

मुझे समझ आ गया कि यह झड़ चुकी है.

अब मेरे झड़ने की बारी थी तो मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.
मेरा हर एक धक्का उसकी चूत की जड़ में जाकर टकरा रहा था.

फिर एक जोरदार धार मेरे लंड से निकली और उसकी चुत में भर गई.
मैं ऐसे ही निढाल होकर वंदना के ऊपर गिर गया.

तभी मुझे अचानक से ख्याल आया कि अरे ये क्या हो गया, मैंने सारा पानी चूत में ही गिरा दिया है.

मुझे ऐसे परेशान देखकर वंदना ने बताया कि उसके पीरियड कल ही खत्म हुए हैं और ये सेफ टाइम था.

उसके बाद मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और उसे लेकर बाथरूम में आ गया.
वहां उसे शॉवर के नीचे खड़ा रखा और पानी शुरू कर दिया.

जैसे ही ठंडा पानी उसके जिस्म पर पड़ा, उसके चमकते जिस्म को देखकर मैं और भी कायल हो गया.

फिर ख्याल आया कि अभी इतनी ठुकाई हुई, तो वह इतनी जल्दी वापिस तैयार नहीं हो पाएगी.
पर वह फिर से तैयार हो गई.

हम दोनों ने फिर से बाथरूम में सेक्स किया.

इस सबको मैं अपनी यादों में महसूस कर ही रहा था कि चाय देने आया लड़का … और मैं अपने भूतकाल से अतीत में आ गया.

वह नवागंतुक वंदना ही थी.
उसके साथ अगली बार कैसे सेक्स हुआ, ये मैं आपको आपके मेल मिलने के बाद बताऊंगा.

प्लीज सेक्स कहानी पर अपने मेल व कमेंट्स जरूर भेजें.

मेरी पिछली कहानी थी:

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